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शुक्रवार, 26 जुलाई 2013

लंड मेरी चूत की वादियों में जाने कहा खो गया कही आपका भी खड़ा तो नहीं हो गया

लंड मेरी चूत की वादियों में जाने कहा खो गया कही आपका भी खड़ा तो नहीं हो गया

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मैं आई शहर में लोगो ने मुझे घूरा,

ब्रा खोली और मेरा दूध पी गए पूरा,

रामू चाचा आये और मेरा दाम बोल दिया,

कुछ कहू उसके पहले मेरा नाडा खोल दिया,

उनकी ये हरकत मुझे लगी तो बहुत अच्छी थी,

अगले ही पल उनके हाथ में मेरी कच्छी थी,

बेद पे चादर बिच्छी रंग बिरंगी थी,

कुछ ही पलों में मैं पूरी नंगी थी,
(agar aapko real ke ghar me banaye gaye sex ke hindi videos Download Karne h Toh iss Photo par click karo or Download Kar lo) 


उनके पास न कोई आई-पिल न कोई निरोध था,

मेरे मन में सिर्फ इसी बात का विरोध था,

उसने पकड़ के मुझे जोर से बेड पे गिरा दिया

बिना कुछ कहे अपना पूरा अन्दर मेरे डाल दिया

दर्द तो हुई मुझे बहुत पर पी गयी मैं थोड़ी थोड़ी

चाचा ने अब देख मुझे कहा बेटा बन जा अब तू घोड़ी

चुदने से पहले जितना मैं डर और घबरा रही थी

अब उतना और ज्यादा मैं उसका अपने अंदर ले रही थी

लंड मेरी चूत की वादियों में जाने कहा खो गया,

अब नीचे देखिये कही आपका भी खड़ा तो नहीं हो गया.

शुक्रवार, 19 जुलाई 2013

फायदे सेक्स के ,benefit of sex

ह तो हम सभी जानते हैं कि सेक्स न केवल आनंददायक और रिश्तों को मज़बूत बनाने वाला होता है बल्कि यह हमारे स्वास्थ्य के लिए भी फायदेमंद होता है। लेकिन यह किस तरह से फायदेमंद है इसे जानना शायद आपके लिए आश्चर्यभरा हो सकता है। जो इसे नहीं समझते कि यह सम्पूर्ण जीवन तथा सम्बन्धों की गुणवत्ता के लिए काफी फायदेमंद हो सकती है उनके लिए लैंगिक संभोग की क्रिया अभी भी बहुत लोगों के लिए परेशानी और घृणा का विषय होती है। निम्न कुछ बाते अच्छे सेक्स सम्बन्धों को काफी फायदे पहुंचाता है: deep deep 14-12-2011, 01:30 AM सेक्स- एक तनाव मिटाने वाली दवा सेक्स निम्न रक्त चाप में मस्तिष्क और शरीर का तनाव घटाने में मदद करता है। नियमित सेक्स करने से आपका शरीर तनावपूर्ण दशाओं का बेहतर सामना करने के लिए तैयार होता है और आपका ब्लड प्रेशर बढ़ने नहीं देता। तनाव का सामना करने के लिए सेक्स क्रिया का प्रवेश (योनि में लिंग का प्रवेश) होना ज़रूरी नहीं है दूसरी सेक्स गतिविधियाँ जैसे आलिंगन और अंतरंग गर्माहट के पल भी मददगार हो सकते हैं। सेक्स के दूसरे रूपों के बजाय प्रवेश्न सेक्स अधिक रिलैक्स करने वाला और तनाव दूर करने वाला होता है। मानवीय शरीर का निकट स्पर्श बहुत आरामदायक होता है जो सुरक्षा की अनुभूति कराता है। इससे आपको रोजमर्रा के जीवन में स्थितियों का बेहतर ढंग से सामना करने में मदद मिलती है। deep deep 14-12-2011, 01:32 AM सेक्स- एक व्यायाम के रूप में सेक्स एक बेहतरीन व्यायाम की तरह आपके लिए लाभदायक है क्योंकि सेक्स के दौरान आपके शरीर की सभी मांसपेशियां खिंचती और खुलती हैं। सेक्स आपकी अतिरिक्त कैलोरी जलाने में भी मदद करता है और यह व्यायाम करने का सबसे आनंददायक तरीका है। पूरी क्षमता से की गई एक बार सेक्स क्रिया से उतनी कैलोरी जल जाती है जितनी कैलोरी पन्द्रह मिनटों तक ट्रेड मिल पर ब्रिस्क वॉक करने पर खर्च होगी। deep deep 14-12-2011, 01:33 AM सेक्स हृदय के स्वास्*थ्*य के लिए लाभकारी सेक्स रक्त संचार सुधारता है और कोलेस्ट्रॉल का स्तर ठीक करता है। सेक्स क्रिया के दौरान हृदय तेज गति से धड़कता है और ज़्यादा मात्रा में रक्त को पम्प करता है जिससे रक्त संचार तेज होता है। सप्ताह में एक बार सेक्स़ करने से आपके लिए हृदयाघात (हार्ट अटैक) से पीड़ित होने का खतरा कम हो जाता है। deep deep 14-12-2011, 01:34 AM सैक्स फीलगुड का अहसास कराए सेक्स सामान्य तंदुरूस्ती को बढ़ाता है और आपके आत्मविश्वास के स्तर को बढ़ा देता है। निरर्थक सेक्स प्यार भरे सेक्स की तरह कारगर नहीं होता। अध्ययनों से पता चला है कि शादीशुदा या एक दूसरे के प्रति वफादार जोड़े बेहतर संतु*ष्ट जीवन बिताते हैं। आपसी वफादारी और घनिष्ठता से आपको भावनात्मक सुरक्षा का अहसास होता है और आंतरिक खुशियां मिलती हैं। प्यार भरे इन क्षणों के दौरान आपको अपने साथी के लिए प्यार और महत्वपूर्ण होने का अहसास आपकी आत्म-प्रतिष्ठा को भी बढ़ा देता है। deep deep 14-12-2011, 01:35 AM सेक्स-एक रिश्ते मज़बूत बनाने वाला अनुभव आपको प्यार करने वाले जोड़ीदार (पार्टनर) की निकटता और चरमसुख की ओर बढ़ने का आनंद दोनों मिलकर "प्यार के हॉर्मोन" ऑक्सीटोसिन का स्तर बढ़ा देते हैं जिससे आपसी सम्बन्ध और रिश्ते मज़बूत होते हैं। अच्छे सेक्स से लम्बे समय के रिश्तों में महबूती आती हैं । deep deep 14-12-2011, 01:36 AM सेक्स जो प्रतिरोधी क्षमता मज़बूत करे सेक्स आपके प्रतिरक्षा तंत्र (इम्यून सिस्टम) को मज़बूत करके आपको संक्रमणों और बीमारियों से बचाए रख सकता है। एक सप्ताह में एक या दो बार सेक्स करने से सामान्य सर्दी जुकाम और दूसरे संक्रमणों से आपको सुरक्षा मिलती है। deep deep 14-12-2011, 01:37 AM सेक्स दर्दनिवारक (पेनकिलर) के रूप में सेक्स ऑक्सीटोसिन हॉर्मोन का स्तर बढ़ाता है जिसके परिणामस्वरूप एंडॉर्फिन्सक या "हैप्पी हॉर्मोन" रिलीज होता है। एंडॉर्फिन्सक दर्द से छुटकारा दिलाने में मददगार है जिससे सिरदर्द, जोड़ों के दर्द और यहां तक कि मासिक पूर्व लक्षणों में भी राहत मिलती है। सेक्स satisfaction का असली मतलब क्या है सेक्स का पहला राउण्ड पूर्ण होने के बाद १५ मिनिट से ३० मिनिट के अन्दर पुन: उत्तेजना हो जाती है तो दूसरा 'राउण्ड' काफी लम्बा चलता है अनेक बार तो एक घंटे से भी अधिक|लेकिन यह पुरुष की योन-क्षमता पर निर्भर करता है कि उसे पहली बार स्खलित होने के कुच्छ समय (आधे घंटे) के अन्दर ही पुन: सेक्स के लिए उत्तेजना होती है या नही? इस प्रकार की शारीरिक-योन-क्षमता पाने के लिए सेक्स के पहले 'राउण्ड' के तुरन्त बाद ३०० से ४०० मिलीलीटर (एक बड़ा गिलास) गुनगुना दुग्ध अवश्य पिए| इसके लिए एक थर्मस में गर्म-गुनगुना दुग्ध सेक्स से पहले ही तैयार करके रखना उच्चित रहता है| सुबह पोष्टिक नास्ता करके ही घर से निकले| खाली पेट चाय नही पिए, जंक-फ़ूड व बाजार के तले-गले व अत्यधिक मसालेदार खाद्य पदार्थो के सेवन से जितना हो सके, बचे| ध्यान रहे; पुरुष ही स्खलित होता है स्त्री नही, स्त्री केवल चरम-आनन्द तक पहुचने के बाद ही संतुष्ट होती है| :skull: जबकि पुरुष अपने चरम पर पहुचते ही स्खलितहो जाता है/हो सकता है| तब तक स्त्री चरम तक ना पहुचे तो ऐसे में सेक्स का दूसरा 'राउण्ड' जरुरी हो जाता है क्योकि सेक्स के दोरान दोनों की संतुष्टी आवश्यक है| कुच्छ लोग (फॉर-प्ले) सेक्स के दोरान व पूर्व में सेक्स उत्तेजना के लिए किये जाने वाले शाररिक क्रियाये जैसे एक दुसरे को भीचना, रगड़ना, मसलना, चूमना, चाटना, हलके से दातो से काटना, चुभोना अथार्त दातो से हलके चुम्बन करना जैसी क्रियाओं से ही स्त्री को संतुष्ट करने के दावे करते है| ये बिलकुल गलत है| :nono: ये क्रियाये (फॉर-प्ले) केवल स्त्री-पुरुष द्वारा एक दुसरे को उत्तेजित करने के लिए होती है न की संतुष्ट करने के लिए| हाँ, यदि ये (फॉर-प्ले) योनि में लिंग के संचलन के दोरान की जाती है तो स्त्री को शीघ्र ही चरम पर पहुचाने में बहुत ही सहायक होती है इसे सेक्स के दोरान थोड़े से अभ्यास व मानसिक संतुलन से किया जा सकता है| :girl: deep deep 09-03-2012, 03:32 AM गर्भधारण के लिये बेहतर सेक्स पोजीशन सामान्य तौर पर गर्भ धारण के लिये शुक्राणु का बेहतर होना माना जाता है. लेकिन अब सेक्स पोजीशन भी चिकित्सकीय नजरिये से गर्भधारण में महती रोल अदा करने लगी है. हालांकि इसका कोई वैज्ञानिक आधार नहीं है लेकिन कई बार देखने में आया है कि कुछ सेक्स पोजीशन गर्भधारण में काफी सहयोगी भूमिका निभाती हैं. क्या कुछ सेक्स पोजीशन गर्भधारण के लिये अन्य से बेहतर होती हैं? हालांकि इस बात का कोई सबूत नहीं है कि कोई विशेष सेक्स पोजीशन गर्भधारण के लिये किसी अन्य पोजीशन से ज्यादा बेहतर है. लेकिन चिकित्साजगत के कुछ लोगों का मानना है कि जिस सेक्स पोजीशन से शुक्राणु को गर्भाशय में आसानी से प्रवेश व कम दूरी तय करनी पड़े उसमें गर्भधारण की संभावना ज्यादा होती है. इस आधार पर मिसनरी पोजीशन (जब पुरुष उपर हो) सबसे बेहतर पोजीशन मानी जाती है. लेकिन इसके साथ सही समय का चुनाव भी निर्णायक भूमिका निभाता है. अण्डोत्सर्ग के दौरान किया गया सेक्स गर्भधारण के लिये सबसे लाभदायक है. चूंकि पुरुष के शुक्राणु 2 से 5 दिन तक जीवित रह सकते हैं लेकिन महिला का अण्डाणु 12 से 24 घंटे ही जीवित रह सकता है. इसलिये अण्डोत्सर्ग के दौरान किया सेक्स गर्भधारण की ज्यादा गारंटी देता है. :bed: कुछ लोगों का मानना है कि जो महिला अपने पुरुष साथी के स्खलन के बाद चरमोत्कर्ष को पाती है उसके गर्भधारण की संभावना ज्यादा होती है लेकिन इस विचार की सत्यता के भी कोई प्रमाण या वैज्ञानिक तथ्य नहीं है. यहां हम यह बता देना चाहेंगे कि संभोग के दौरान किसी महिला का चरमोत्कर्ष किसी भी गर्भधारण के लिये महत्वपूर्ण नहीं है. लेकिन यह गर्भाशय के संकुचन में मददगार बनकर शुक्राणु को फेलोपियन ट्यूब में भेजने में उत्प्रेरक का कार्य करता हैं. संभोग के बाद लेटना जरूरी होता है? गर्भधारण की बेहतर परिस्थितियों के चिकित्सकों के मत के अनुसार संभोग के पश्चात महिला को कम से कम 15 मिनट लेटे रहना चाहिये. हालांकि इस बात के कोई बैज्ञानिक सबूत नहीं हैं. चिकित्सकों के अनुसार संभोग के पश्चात 15 मिनट या उससे ज्यादा समय तक लेटे रहने से योनि के अंदर ज्यादा मात्रा में वीर्य रुकता है और इस बजह से ज्यादा संख्या मे शुक्राणु निषेचन के लिये तैयार हो पाते हैं. अन्यथा यदि संभाग के बाद महिला सीधे उठ या खड़ी हो जाती है तो वीर्य उसकी योनि से बाहर आ जाता है साथ ही कम संख्या में शुक्राणु योनि में बच पाते है. इसके अलावा खड़े होने पर शुक्राणु को गुरुत्व के विपरीत तैर कर ऊपर गर्भाशय में प्रवेश करने के लिये संघर्ष करना पड़ता है. deep deep 09-03-2012, 03:39 AM गर्भधारण के लिये बेहतर सेक्स पोजीशन सामान्य तौर पर गर्भ धारण के लिये शुक्राणु का बेहतर होना माना जाता है. लेकिन अब सेक्स पोजीशन भी चिकित्सकीय नजरिये से गर्भधारण में महती रोल अदा करने लगी है. हालांकि इसका कोई वैज्ञानिक आधार नहीं है लेकिन कई बार देखने में आया है कि कुछ सेक्स पोजीशन गर्भधारण में काफी सहयोगी भूमिका निभाती हैं. क्या कुछ सेक्स पोजीशन गर्भधारण के लिये अन्य से बेहतर होती हैं? हालांकि इस बात का कोई सबूत नहीं है कि कोई विशेष सेक्स पोजीशन गर्भधारण के लिये किसी अन्य पोजीशन से ज्यादा बेहतर है. लेकिन चिकित्साजगत के कुछ लोगों का मानना है कि जिस सेक्स पोजीशन से शुक्राणु को गर्भाशय में आसानी से प्रवेश व कम दूरी तय करनी पड़े उसमें गर्भधारण की संभावना ज्यादा होती है. इस आधार पर मिसनरी पोजीशन (जब पुरुष उपर हो) सबसे बेहतर पोजीशन मानी जाती है. लेकिन इसके साथ सही समय का चुनाव भी निर्णायक भूमिका निभाता है. अण्डोत्सर्ग के दौरान किया गया सेक्स गर्भधारण के लिये सबसे लाभदायक है. चूंकि पुरुष के शुक्राणु 2 से 5 दिन तक जीवित रह सकते हैं लेकिन महिला का अण्डाणु 12 से 24 घंटे ही जीवित रह सकता है. इसलिये अण्डोत्सर्ग के दौरान किया सेक्स गर्भधारण की ज्यादा गारंटी देता है. :bed: कुछ लोगों का मानना है कि जो महिला अपने पुरुष साथी के स्खलन के बाद चरमोत्कर्ष को पाती है उसके गर्भधारण की संभावना ज्यादा होती है लेकिन इस विचार की सत्यता के भी कोई प्रमाण या वैज्ञानिक तथ्य नहीं है. यहां हम यह बता देना चाहेंगे कि संभोग के दौरान किसी महिला का चरमोत्कर्ष किसी भी गर्भधारण के लिये महत्वपूर्ण नहीं है. लेकिन यह गर्भाशय के संकुचन में मददगार बनकर शुक्राणु को फेलोपियन ट्यूब में भेजने में उत्प्रेरक का कार्य करता हैं. संभोग के बाद लेटना जरूरी होता है? गर्भधारण की बेहतर परिस्थितियों के चिकित्सकों के मत के अनुसार संभोग के पश्चात महिला को कम से कम 15 मिनट लेटे रहना चाहिये. हालांकि इस बात के कोई बैज्ञानिक सबूत नहीं हैं. चिकित्सकों के अनुसार संभोग के पश्चात 15 मिनट या उससे ज्यादा समय तक लेटे रहने से योनि के अंदर ज्यादा मात्रा में वीर्य रुकता है और इस बजह से ज्यादा संख्या मे शुक्राणु निषेचन के लिये तैयार हो पाते हैं. अन्यथा यदि संभाग के बाद महिला सीधे उठ या खड़ी हो जाती है तो वीर्य उसकी योनि से बाहर आ जाता है साथ ही कम संख्या में शुक्राणु योनि में बच पाते है. इसके अलावा खड़े होने पर शुक्राणु को गुरुत्व के विपरीत तैर कर ऊपर गर्भाशय में प्रवेश करने के लिये संघर्ष करना पड़ता है. deep deep 09-03-2012, 03:41 AM हाथों का प्रयोग करें महिलाओं के लिये हाथ द्वारा उत्तेजना का सबसे प्रचलित और आनंददायी तरीका उसके भग (vulva) को दुलारना और सहलाना है. शुरुआत उसकी जांघों के ऊपरी हिस्से से करें और उसके पूरे भग क्षेत्र में काम करें. योनि के निचले हिस्से को आराम से सहलाएं फिर उसकी जांघों और उसके पेरिनियम (गुदा द्वार और गुप्तांग के बीच का क्षेत्र ) को सहलाएं . फिर धीरे-धीरे उसके भगशिश्न (clitories) और योनि की ओर जाते जाएं. अपनी उंगलियों को उसके बाह्य भगोष्ठ (upper lips) पर ऊपर से नीचे फिराते हुए सहलाएं. इस दौरान उसे आराम से अंगुलियों और अंगूठे से दबाएं. इसके साथ ही यह सहलाने की प्रक्रिया धीरे-धीरे अंदर की ओर करते जाएं , इस दौरान यह ध्यान रखें की आपकी कौन सी हरकत उसे ज्यादा आनंद दे रही है, उस क्षेत्र के पास ज्यादा ध्यान दें . देखें और सीखें प्रत्येक महिला का उसके भग शिश्न की उत्तेजना का अपना तरीका होता है. यह तभी सीखा जा सकता है जब पुरुष उसे स्वयं के द्वारा हस्त क्रिया द्वारा उत्तेजित होते हुए देखे या फिर स्वयं महिला द्वारा उसे बताया जाय कि किस तरीके से उसे उत्तेजना तीव्रता और आनंददायी तरीके से आती है. फिर पुरुष उसके बताए तरीके का प्रयोग करे. यदि उसे स्वयं उत्तेजित होते हुए देखते हैं तो निम्न बातों को नोट करते जाएं- ■ उसके द्वारा प्रयुक्त किये गए स्ट्रोक (सहलाने ) की वास्तविक लंबाई. ■ भगशिश्न का कौन सा हिस्सा उसका पसंदीदा है. ( कई महिलाओं में यह हिस्सा उत्तेजना के साथ-साथ परिवर्तित होताजाता है ) ■ उसके द्वारा सहलाने की कौन सी गति प्रयुक्त की जाती है ( कई महिलाओं में यह अलग -अलग होती है) ■ सहलाने के दौरान वह कितने दबाव का प्रयोग करती है. ■ उत्तेजना के दौरान वह कहां से शुरुआत और खत्म करती है या लगातार जारी रखती है. ■ अपनी योनि में किस समय वह अपनी उंगली या उंगलियां डुबोती है, और वह कैसे स्निग्धता बरकरार रखती है. ■ इस दौरान अपने शरीर के किस हिस्से को उत्तेजित करती है या सहलाती है. ■ जब वह उत्कर्ष के निकट होती है तो कौन से लक्षण होते हैं. यदि उपरोक्त में ज्यादातर चीजें आप जान जाएंगे तो आप उसे बेहतरीन उत्तेजना देने में सफल होंगे जो वह चाहती है. कई महिलाएं हस्त उत्तेजना के दौरान अपने स्तन, निप्पल और शरीर के अन्य अंगों को सहलाना और दबाना पसंद करती हैं. इस दौरान वे इस बात का खास ख्याल रखती हैं कि जब एक हाथ जब इधर व्यस्त है तो दूसरा हाथ उसके भग क्षेत्र या भगशिश्न पर हो. इस दौरान वे आनंदानुभूति की किसी चीज को खोना नहीं चाहतीं. इसलिये अपने पार्टनर से बेहिचक पूछें की किसमें उसे ज्यादा मजा आता है. यदि वह बताने में अक्षम हो तो उसके हर अंग को सहलाकर पूछें कि किस जगह उसे सर्वाधिक आनंद आ रहा है और किस जगह में नहीं. अगले कदम में आप अपनी उंगलियों से उसके योनिद्वार को फैलाएं(खींचे) . इस दौरान आपकी उंगलियां उसके स्त्राव से निकले द्रव या आपकी लार या थूक से पूर्ण स्निग्ध होनी चाहिये . इसके पश्चात ही आप एक उंगली अंदर डालें, फिर दो उंगलियां उसके योनिद्वार में प्रवेश कराएं. फिर उंगलियों को योनिद्वार के आसपास ही फिराएं. न कि शुरुआत में ही गहराई में प्रवेश कराएं. जब तक कि वह अच्छी तरह उत्तेजित न हो जाए तब तक वहां शांति पूर्ण तरीके से धीरे धीरे रगड़ें. फिर तब तक और उंगलियां डालते जाएं जब तक कि वह बस न कह दे. फिर पूरी हथेली धीरे-धीरे घुमाएं. अब वह स्वयं चाहने लगेगी की आप उंगलियों को गहराई में ले जाएं. वहां जाकर आप या रुक जाएं या क्रिया करते रहें जब तक कि वह आपसे लिंग डालने को न कहे. जब आपकी उंगलियां उसकी योनि के अंदर होंगी तो आप अनुभव करेंगे कि उसे एक कोमल आनंद का अनुभव हो रहा है. उसकी कामुक अवस्था के लिये गए फोटोग्राफ बाद के लंबे समय के सेक्स कार्य के उत्तेजक प्रस्ताव में सहायक होते हैं. लेकिन यह सब सिर्फ अपने पति के साथ करें तो बेहतर हैं किसी पुरुष मित्र के साथ यह करना कभी कभी खतरनाक भी हो सकता है. मुस्कान के साथ गर्भद्वार वे कैसा आनंद उठाती हैं जब उनके गर्भाशय से कुछ किया जाता है. यह उनके मासिक चक्र के अनुरूप बदलता रहता है. कई महिलाओं को इस दौरान ग्रीवा (cervical) की पीड़ा से गुजरना पड़ता है तो कई महिलाएं इससे काफी उत्तेजित महसूस करती हैं. यह हर आदमी के लिये मासिक के विभिन्न समय के दौरान अपने पार्टनर के परीक्षण का विषय है कि वह देखे की कौन सा समय उसके लिये अनुकूल है. यह सावधानी हमेशा बरतनी चाहिये कि कोई भी ऐसा काम न करें जिससे उसके गर्भाशय के द्वार को कोई क्षति या चोट पहुंचे. उंगलियों के अंदर प्रवेश के दौरान हमेशा नाखून छोटे होने चाहिये. यदि आपकी उंगली में कोई चोट , घाव या संक्रमण (infection) है तो उंगलियों को कदापि योनि के अंदर नहीं ले जाना चाहिये. साथ ही गुदा द्वार में प्रवेश कराई गई उंगलियों को भी योनि में नहीं डालना चाहिये क्योंकि इससे उसे संक्रमण के खतरे बढ़ जाते हैं. deep deep 09-03-2012, 03:44 AM सहवास सहवास करने के दौरान खूबसूरती कैसें बढ़ाएं परिचय- किसी भी व्यक्ति की खूबसूरती पर उसके लंबी चलने चलने सहवास क्रिया का बहुत असर पड़ता है। यह क्रिया एक तो शरीर के अन्दर के अंगों की मालिश करती है, शरीर में खून के बहाव को बढ़ाती है वैसे ही यह शरीर को स्वस्थ और मजबूत और चुस्त बनाती है। संभोग के समय वीर्य को जल्दी निकलने से रोकने के लिये आप संभोग से पहले की क्रियाओं को देर तक चला सकती है। इसके लिये सबसे पहले पुरुष के लिंग को पूरी तरह उत्तेजित होने दें और उसे उत्तेजना की अवस्था में ही बनाए रखें। मगर इस सब क्रिया में खुद को इतना मत उत्तेजित होने दीजिए कि वीर्यपात हो जाए। सहवास के दौरान एक दूसरे के शरीर के अंगों से छेड़छाड़ करने से यौन तनाव भरी मात्रा में बढ़ जाता है तथा आप उसको जितनी देर तक रोक कर रखेंगी उतना ही आपकी खूबसूरती में बढ़ोतरी होगी। संभोग करते समय मुंह से निकलने वाली लंबी सांसों को लेने से दिल तेज गति से धड़कता है तथा शरीर में खून का बहाव बढ़ता है। जिससे शरीर में खून की मात्रा बढ़ जाती है जो त्वचा को मुलायम और जवान बनाती है। संभोग क्रिया में कोषों को भी जितना खून चाहिए उतने ही मात्रा मिलती है जिससे शरीर के सारे अंग अच्छी तरह से काम करते है। संभोग करने की क्रिया में ज्यादा समय बिताना चाहिए जल्दी नहीं करनी चाहिए। आप ने जब सोच लिया है कि आपने आज दुनिया का सारा आनन्द लेना है तो बाकी सब कुछ भूल जाए। संभोग क्रिया की लंबी अवधि आपको बहुत आनन्द तो देती ही है साथ ही काफी समय तक आपकी खूबसूरती का उपचार भी करती है। अगर आपने अभी तक संभोग क्रिया का आनन्द नहीं लिया है तो बिना झिझक के अपने पति से बात करे और उन्हें बताएं कि आपको किस से उत्तेजना मिलती है। जब तक आपको संभोग क्रिया में मजा नहीं आएगा तब तक आपको कोई फायदा नहीं होगा और वो सुख का अवसर बनने के स्थान पर दर्दनाक काम बन जायेगा। इसलिए अपने बैडरूम में आपकों सहवास क्रिया में आनन्द लेने के लिये चाहे कितना भी बेशर्म बनना पड़े तो बनने में कोई हर्ज नहीं है। ऐसा करने से आपको अपने पति से प्यार ही मिलेगा क्योंकि जिस क्रिया में आपको आनन्द आयेगा उस में ही आपके पति को भी खुशी मिलेगी। संभोग करने की क्रिया कभी भी एक तरफ से नहीं होती इसमें अपने साथी को देने का नाम ही लेना होता है। जब-तब को छोड़ देना चाहिए अगर उत्तेजना के समय संभोग करने का नाम पहले आप पर आता है तो आने दें। यह पुरुषों के लिये ज्यादा खास होता है क्योंकि वो अपनी साथी से पहले यौनसुख को भोगता है। वीर्य निकलने से रोक देने से संभोग करने से मिलने वाली खूबसूरती बढ़ जाती है। अगर आपको लगता है कि आपका साथी संभोग क्रिया करते समय संभोग के आखिरी पड़ाव पर पहुंच गया है तो वीर्य को निकलने से रोकने के लिये लिंग पर अपना हाथ रखकर अपने अंगूठे को लिंग के साथ ऊपर ले जाने वाली नस पर रख दें। फिर अंगूठे से उस पर जोर से दबाव देकर छोड़ दें। लिंग की नस पर दिया गया यह दबाव वीर्य को ग्रन्थि में नहीं आने देता जिससे की वीर्यपात नहीं हो पाता अब इस संभोग करने के समय को जितना चाहे बढ़ाएं और देखें कि इससे आपके शरीर की खूबसूरती कितनी बढ़ती है। अगर आपका शरीर स्वस्थ है तो आपकी आत्मा भी जरूर खुश होगी। सहवास करने के लाभ- संभोग क्रिया करने के दौरान अगर स्त्री को मिलने वाला यौनसुख केवल शरीर को सुकून पहुंचाने को स्रोत नहीं होता बल्कि यह किसी भी बदसूरत व्यक्ति को खूबसूरत बना सकता है। यौनसुख बस एक साधारण शारीरिक प्रतिक्रिया होती है। थोड़े समय में रोजाना यौनसुख भोगने वाली स्त्री में सिर से लेकर पैरों के नाखूनों तक बदलाव आता है। संभोग क्रिया करते समय ग्रंथियों में उत्तेजना बढ़ जाती है और इस क्रिया के अन्त में मुश्किल प्रतिक्रियाएं होती है तथा पिट्यूररी ग्रन्थि खून में हार्मोन्स का स्राव करती है जो यौन अंगो में प्रतिक्रियाओं को बढ़ाते है। संभोग करने की इच्छा के लिये यौन हार्मोन्स होना जरूरी है। पिट्यूटरी ग्रन्थि को मास्टर यौन ग्रथि कहा जाता है क्योंकि इसके हार्मोन्स शरीर की दूसरी यौन ग्रंथियों पर अधिकार रखते है। यह ग्रन्थि अलग-अलग हार्मोन्स को अलग-अलग यौन ग्रन्थियों तक इस सन्देश के साथ भेजती है कि वो अपने खुद के हार्मोन्स को भरने के लिये तैयार रहे। ये यौन ग्रन्थिया जब एक बार खुद एक बार हार्मोन्स से भर जाती है तो पिट्यूटरी ग्रन्थि को सन्देश भेजती है, अब हम खुद सावधान है और हमे तुम्हारी मदद की कोई जरूरत नहीं है। इन सब ग्रन्थियों का व्यक्ति को जवान बनाए रखने और उसकी खूबसूरती बनाए रखने से सीधा संबध होता है। सहवास करने के दौरान खून को बहाने वाली नसों पर काबू रखने वाली छोटी मांसपेशियां अनैच्छिक रुप से सिकुड़ जाती है जिसके कारण स्त्रियां अपनी पूरे शरीर में गर्माहट सी महसूस करती है। छोटी खून को बहाने वाली नसें शान्त रहकर शरीर में बहुत ज्यादा खून और गर्माहट लाती है। इसी कारण से कभी-कभी पूरे शरीर की त्वचा में लालपन आ जाता है। यह प्रक्रिया त्वचा के लिए बहुत अच्छी चिकित्सा का काम करती है क्योंकि यह त्वचा की परतों में खून के बहाव को बढ़ा देती है तथा शरीर के रोम छिद्रों में तेल और नमी को पहुंचाती है जिससें त्वचा को जवानी और चमक मिलती है। त्वचा के अन्दर नमी के जमा होने से त्वचा के कमजोर होने की प्रक्रिया रूक जाती है जिससे त्वचा मुलायम और खूबसूरत बनी रहती है। संभोग क्रिया त्वचा के अलावा बाकी शरीर को भी स्वस्थ और चुस्त बनाए रखने में मदद करती है। चिकित्सा- फेफड़े- सहवास करते समय सांस चलने की गति बहुत ज्यादा तेज हो जाती है जिसके कारण शरीर में ज्यादा से ज्यादा ऑक्सीजन की मात्रा बढ़ती है। जिसके कारण फेफड़े तो अपनी पूरी ताकत के साथ काम करते ही है बल्कि मुंह से निकलने वाली गन्दी सांसों के साथ शरीर के जहरीले पदार्थ भी बाहर आ जाते है। दिल- सहवास क्रिया के दौरान पूरे शरीर में खून के घूमने के दौरान खून के चलने की गति पर भी असर पड़ता है जिससे दिल की धड़कन भी नहीं बचती। व्यक्ति के आराम करने के समय नब्ज चलने की गति 72 धड़कन की होती है जो संभोग क्रिया के समय प्रति मिनट 180 हो जाती है इससे दूसरे व्यायामों की तुलना में दिल को ज्यादा काम करना पड़ता है तथा यह रोजाना की क्रिया दिल का दौरा पड़ने के खतरे को कम कर देती है। आंखें- संभोग क्रिया करते समय आंखों की पुतलियां सिकुड़ जाती है इससे आंखों के आसपास जो छोटी-छोटी मांसपेशियां होती है उनकी कसरत हो जाती है। इस दौरान बढ़ी हुई खून की रफ्तार आंखों को स्वस्थ और चमकीला बनाती है और आंखों के आसपास छोटी-छोटी झुर्रियां और फुलाव नहीं होने देती है। बाल- संभोग क्रिया करते समय बढ़ी हुई उत्तेजना के दौरान दिल की धड़कन की रफ्तार तेज होने से पूरे शरीर में तेज गति से खून का संचार होता है। यह खून शरीर के दूसरे अंगों में पहुंचने के साथ-साथ बालों की जड़ों में भी पहुंचकर उनका पोषण करता है। सिर के बालों को उस समय ज्यादा लाभ मिलता है जब आप संभोग क्रिया के समय बिस्तर पर बिना तकिया लगाए बिल्कुल सीधी लेटी रहती है तथा संभोग की किसी दूसरी मुद्रा में नहीं होती है। भुजा तथा टांगे- सहवास के समय आप की भुजाओं की मांसपेशिया बिना इच्छा के ही सिकुड़ जाती है जिससे आपकी भुजाएं मजबूत और सुडौल लगती है। ऐसे ही टांगों की मांसपेशियां भी सिकुड़ जाती है यहां तक कि पैरों की उंगलियां भी मुट्ठी की तरह भिंच जाती है। इसलिये सहवास से ना केवल आपको सुकून मिलता है बल्कि पिण्डली, जंघा, पंजे और उंगलियों की मांसपेशियां भी मजबूत होती है। पेट की मांसपेशियां- संभोग क्रिया करते समय पेट की मांसपेशियों में बिना इच्छा के सिकुड़ापन आ जाता है तथा संभोग के दौरान शरीर को बिस्तर पर उठाने से पेट की मांसपेशिया तन जाती है जिससे उनमें कसाव पैदा होता है और वह मजबूत बन जाती है। गाल- सहवास करते समय पूरे शरीर के साथ चेहरे की मांसपेशिया भी एकदम कस सी जाती है। रोजाना संभोग करने से चेहरा भर जाता है। अगर आप के गाल पिचके हुए है तो रोजाना संभोग करने से वह भर जाएंगे। इसके साथ ही इस क्रिया में गर्दन की मांसपेशियों के अन्दर खिंचाव आता है जिससे गर्दन मुलायम और सुन्दर बन जाती है और जबड़े वाला हिस्सा भी पिलपिला सा नहीं रहता है। ठोड़ी भी दोहरी होने से बच जाती है। इसलिये हमेशा के लिये मजबूत और आकर्षक शरीर चाहते है तो जी भर के सहवास का लाभ उठाइयें। श्रोणी मांसपेशियां- सहवास करते समय शरीर का एकदम कठोर हो जाना नितंबों के नीचे के भाग की मांसपेशियों में कसाव पैदा करता है और उन्हे ढीला पड़ने से बचाता है। आप की ये सिकुड़न जितने ही लंबे समय के होंगी आप की मांसपेशियां उतनी ही मजबूत बनेगी। deep deep 09-03-2012, 03:47 AM सहवास को मादक कैसे बनायें सहवास को मादक कैसे बनायें ? बेहतर सहवास के लिये क्या आप जानते हैं कि महिला चाहती क्या है? बेडरूम में उसे उन्मत्त (जंगली ) की तरह चलाइए और इस शानदार ड्राइव का दोनों आनंद उठाइये. और यहां गलतियां माफ हैं. यहां आप अपनी सहवास क्षमता का पूरा और सही प्रयोग करें. इसके साथ ही यह सुनिश्चित करें की जब भी वह आप के साथ सहवास कर रही है तो वह तीव्र उत्साह और उत्तेजना में हो और वह आपमें आनंद ढूंढ़े. कुछ ऐसे तरीके हैं जिन्हें अपनाने के बाद नकली उत्तेजना की आवश्यकता नहीं पड़ती. यहां अपनी पत्नी या पार्टनर के बेहतर सहवास का आनंद देने के कुछ तरीके बताए जा रहे हैं - कैसे बहकाएं पत्नी को : महिला को बहकाना हमेशा पुरुषों के लिए चुनौती होता है. किन्तु किसी अवसर पर जीवन साथी को बहकाने का अच्छा प्रतिफल मिलता है. शादी के कुछ सालों बाद कुछ जोड़े पाते हैं कि सहवास और दृढ़ता अपनी वास्तविक चमक खोती जा रही है साथ ही दिन-ब-दिन सहवास करना सिर्फ एक रुटी उद्देश्य रह जाता है. जो कि उनकी कल्पनाशीलता और उत्तेजना को कम करता जाता है. एक समय यह क्रिया विशेष रूप से तब महत्वपूर्ण हो जाती है जब महिला एक बच्चे को जन्म देती है. अक्सर बच्चे के जन्म के बाद महिला विशेषतःअन सेक्सी महसूस करती है. यह कठोर सोच उन्हे एक बड़े परिवर्तन के तहतउसे शारीरिक और मानसिक रूप से नीचे ले जाते हैं. बच्चे के जन्म के बाद महिलाओं की यह सामान्य सोच बन जाती है कि वह पहले मां है बाद में प्रेमिका. एक आदमी इस परिस्थिति को समझते हुए तरीके से अपने पार्टनर को आकर्षक और सेक्सी बना सकता है. इसका सबसे बेहतर तरीका है कि पॉजिटिव प्रयासों से अपने पार्टनर को बहकाएं (उत्तेजित करें ) ज्यादातर आदमी इस परिस्थितियों से उकता कर नए प्रेम प्रसंगों के प्रलोभन से जुड़ने का प्रयास करते हैं, जबकि यह उचित नहीं है. यदि आप अपने जीवन साथी को बहकाने जा रहे हैं या प्रयास कर रहें हैं तो यह आपको उन प्रलोभनों की वास्तविकता से बेहतर क्षण प्रदान करेगा. ऐसे में विशेषतः ज्यादातर महिलाएं रोमांस और पूर्वज्ञान से आनंदित होकर पुरुषों को पू्र्ण आनंद देती हैं. अच्छी तरह बढ़ कर तैयारी करें : अपने पूर्व ज्ञान को आधे मजाक का रूप दें. यह बहकावे के प्लान को बेहतर बनाने के लिए जरूरी है. कुछ लोग बहकावे को लेकर उन क्षणों की तैयारी का आनंद उठाते हैं. यदि आपके कोई बच्चा है तो उसकी कोई उचित व्यवस्था पहले से कर दें ताकि बाद के अंतिम लम्हों में आपको किसी प्रकार की हिचक न हो. यह अरेंजमेंट हर उस स्थान में कर सकते हैं. जहां का आप इरादा रखते हैं. स्थान को लेकर संकोच नहीं करना चाहिये. यदि आप बाहर खाना सुनिश्चित करते हैं तो मैं यह विश्वास दिलाता हूं कि यह एक बेहतर अवसर है जहां आपकी पत्नी काफी इन्ज्वाय करेगी. ठीक ऐसी ही परिस्थितियां तब भी होंगीं जब आप अपरान्ह का फिल्म शो देखने का मन बनाते हैं. बहलाने का कोई भी मौका मिलता है तो उसे न छोड़ें. यही स्थिति ऐसी होगी जब आपकी पत्नी यह सहजता से सोचेगी कि आप उसे कितना चाहते हैं. कभी-कभी उसे उपहार भी दें . जैसे उसकी बगैर जानकारी के उसके लिये उसका पसंदीदा परफ्यूम लाकर दें या फिर कोई सहवासी सा अण्डरवियर उसे गिफ्ट करें. ऐसे में जब भी वह इनका प्रयोग करेगी आपको याद करे रोमांचित होगी. दिन का समय : शाम के बेहतर बहकावे के लिये अपरान्ह में दोनों के बीच कोई गैर सेक्सुअल हरकत अच्छे वार्म- अप का काम करती है. कोई रोमांटिक फिल्म देखने जाएं या फिर मौका मिलने पर पैदल साथ-साथ बाजार घूमने निकल जाएं. इस तरह के कई अवसर उन्हें बहलाने के बेहतर साधन हो सकते हैं. इससे वे एक ओर तो पारिवारिक दबाव से मुक्त होगी साथ ही उसे एक नएपन का भी एहसास होगा. सुहानी शाम और डिनरः शाम की शुरुआत कैंडल लाइट डिनर से की जा सकती है. जो कि या तो किसी मनपसंद रेस्टोरेंट में हो सकता है या फिर घर में ही इसकी तैयारी की जा सकती है, वह भी बगैर घर की किचन में बगैर समय गवांए. भोजन करने के दौरान न तो ज्यादा खाएं न ही ज्यादा पियें और न ही एक दूसरे को ज्यादा के लिये प्रेरित करें. साथ ही इस बात का ख्याल रखना चाहिये कि क्या खा रहे हैं. निश्चित मात्रा का भोजन खाने में काफी सहवासी होता है, और आदमी इसे और बेहतर बना सकता है. इस दौरान अपनी पत्नी को अपनी डिश चखाएं और उसकी डिश का भी आनंद ले. यह सब बिना झिझक और औपचारिकता के करें. बस यहीं से बहकाने का सेक्सुअल पार्ट शुरू होता है, लेकिन यह कार्य अब भी आधा किया जा चुका है. आपस में छेड़छाड़ करें आपसी छेड़छाड़ दो प्रेमियों के बीच का महत्वपूर्ण फोरप्ले होती है. इस दौरान धीमी लाइट जलाकर कोई पसंदीदा संगीत चालू कर लें. छेड़छाड़ के बीच-बीच में एक दूसरे को किस करने का मौका न गंवाएं साथ ही एक दूसरे से चिपक कर लेटे.इस दौरान पूरी सौम्यता बरते न कि सीधे सहवास के लिए उन्मुख हो जाएं. उसके कपड़े उतारें छेड़छाड़ के दौरान धीरे-धीरे उसके कपड़े उतारें और उसके सुंदर शरीर की तारीफ करने से न चूके. उसे यह बताएं की उसकी वजह से आप किस तरह ऑन होते हैं. यही वह प्वांइट होगा जब आप दोनों को एक दूसरे की गर्मी और उत्तेजना का अहसास होना शुरू हो जाएगा. अब जबकि उसके बदन में नाम मात्र के कपड़े बचे हों तो उसे भी इस क्रिया में सहभागी बनने को कहें. यह उसके लिये भी एक वास्तविक टर्न ऑन होगा, ठीक उसी तरह जैसे की आपका. जब वह पूरी तरह कपड़े उतार चुकी हो तब वगैर वक्त गंवाए उसके शारीरिक सौंदर्य का महिमामंडन कर लें, साथ ही सहवासी कमेंट पास करें. इस दौरान के सहवासी कमेंट उसे शारीरिक रूप के अलावा मानसिक रूप से भी उत्तेजित करते हैं. रतिक्रिया यदि अभी तक सब कुछ ठीक रहा है तो यह स्टेज आपके कुछ हटकर आनंद देने वाली है. इसके लिये आप उसे अपनी टांगे फैला कर लेटने को कहें और धीरे-धीरे उसके शरीर को नख से सिर तक दुलारें. जगह-जगह दबाएं यदि उसे पसंद हो. उसके स्तनों को खरोंचते हुए दबाएं ताकि उसे एक मीठे दर्द का अहसास हो साथ ही इस दौरान स्तन के निप्पल को भी खींचे. बीत-बीच में इन सभी अंगों को मसलें. अब आप देखेंगे की उसकी उत्तेजना कैसे उसके चेहरे पर झलकने लगी है, जिसकी गवाही उसका शरीर भी देने लगेगा. अब उसके भग और भगशिश्न को सहलाएं. आप पाएंगे कि वह तीव्र उत्तेजित हो गई है. इस दौरान आप हर उस हरकत को बढ़ावा दे जिसपर आप पाएं कि ऐसा करने पर उसे आनंद की अनुभूति हो रही है और वह उत्तेजना के शिखर की ओर बढ़ रही है. अब जबकि वह तीव्र उत्तेजित हो गई है और अच्छी तरह स्निग्ध हो चुकी है तब आप उसकी योनि में पहले एक अंगुली डाले फिर दो … फिर आप वह करें जो उसे पसंद हो… सहवास का उपयुक्त समय अब जबकि वह तीव्र उत्तेजित हो चुकी होगी और वह आप से एकाकार होने की इच्छा रखने लगी है. अब यह अहठधर्मी सहवास पोजीशन के साथ सहवास करने का उचित समय है, जो कि उसके लिये नई सनसनाहट पैदा करेगा. इस दौरान बीच-बीच में आप सहवास पोजीशन में बदलाव ला सकते हैं . अब यदि इस दौरान वह एक उत्तेजना के चरम शिखर पर पहुंच कर संतुष्ट हो जाएगी. यदि आप एक और दौर चाहते हैं तो उसकी पसंद के अनुरूप आप दूसरा दौर भी चला सकते हैं. वहीं यदि आपकी पार्टनर जल्दी ही बच्चे की मां बनने वाली है तो सहवास का तरीका थोड़ा बदलना होगा. इस दौरान गहराई वाले तथा झटकेदार सहवास से बचें . इसके लिए अपने पार्टनर को चरम उत्तेजित करें फिर उसकी योनि पर अपने शिश्न के अग्रभाग को प्रवेश कराकर बगैर गहराई में गए ही सहवास करें. इसके अलावा अपने चिकित्सक से भी सलाह लें. बेहतर सहवास पोजीशन सहवास करने के शुरुआती दौर में सबसे पहले वह सहवास पोजीशन चयन करनी चाहिए जो शुरुआती दौर में कम गहराई वाली हो और बाद में गहरे में प्रवेश करता हो. लेकिन याद रखने वाली बात यह है कि दूरदर्शी युगल इन क्षणों की उत्तेजना के तरीके स्वयं खोज लेते हैं और यह आनंददायी स्थितियां जो वे अपने अनुरूप पाते हैं उसे प्रयुक्त करते हैं. यह तरीका किसी भी विशेषज्ञ के बताए तरीके से बेहतर होता है. कुल मिलाकर पोजीशन वह होनी चाहिए जिसमें दोनों को बराबर की आनंदानुभूति हो . सहवास पोजीशन को लेकर यद्यपि कई अवरोध हैं फिर भी इसे अपनी सुविधानुसार इसका प्रयोग करना चाहिये. सहवास के दौरान पुरुष का ऊपर होना आधार पोजीशन होती है. फिर भी कई बार इसमें प्रवेश गहराई तक नहीं हो पाता है. इसके लिए बेहतर विकल्प है कि उसके नितम्ब के नीचे कुछ रखें इसके लिए सबसे बेहतर है कि तकिये का प्रयोग किया जाये. इस तरीके में वह अपने नितंब का एंगल बना सकती है. इसलिये जब आप प्रवेश करेंगे तो वह प्रवेश के कोण को नियंत्रित कर सकने में सक्षम होती है. ऐसे में वह सहवास के दौरान आघात पहुंचाने वाले क्षेत्र पर भी नियंत्रण पा सकती है. कुछ मामलों में महिलाएं सहवास के लिए खुद को उपर रखना पसंद करती है. क्योंकि इस स्थिति में वह प्रवेश को और बेहतर तरीके से नियंत्रित कर सकती हैं. और बाद में अब जब आप रतिक्रिया पूर्ण कर चुके हैं, अब आप पत्नी पर छोड़ दे कि शाम की शुरुआत का सबसे सुखद अंत क्या होगा. अब वह आपकी बांहों के घेरे में सोना चाहेगी या फिर वह आपसे कुछ चीजों के बारे में बात करना चाहेगी, जो आप दोनों के लिए प्यार भरी और संदेश देने वाली होगी. इस दौरान आप उसे बताएं कि आप उसे कितना प्यार करते हैं और आपको उसकी कितनी आवश्यकता है. इसके अलावा उससे चर्चा करें कि जब आप दोनों साथ में थे तो सबसे ज्यादा आनंददायी क्षण कौन से रहे. फिर आप दिनभर के साथ की चर्चा कर उसमें नई अनुभूति की जान छिड़क सकते हैं. इस सबके दौरान उसके जवाबों पर ध्यान देकर आप अपना नया अनुभव तैयार करें, ताकि अगली बार आप और बेहतर कर सकें..:kiss: deep deep 09-03-2012, 03:49 AM पुरूषों को नापंसद है सात बातें यौन-बिस्तर में सहवास पुरूषों को नापंसद है सात बातें यौन-बिस्तर में :- यौन संबंध बनाते वक्त यह बहुत जरूरी है कि इस बात का विरोष ध्यान रखा जाए कि आपके साथी की पंसद नापंसद क्या है। एक अध्ययन के अनुसार खासकर पुरूषों में यौन-संबधो को लेकर खास पसंद-नापसंद होती हैं। इसलिए महिलायों के लिए यह जानना बहुत जरूरी है कि आपके पुरूष साथी को क्या पसंद नही है। हॉंलाकि यह सब बाते सभी जो़डो पर एक समान रूप से लागू नही होती है क्योंकि हम सभी की सेक्स के लिए अलग-अलग आवश्यकताए होती हैं। आइए हम आपको बतातें है कि ऎसी कौनसी सात बाते है जो पुरूषों को अपने साथी के साथ यौन-संबंध बनाते वक्त बिलकुल नापंसद होती है 1. सबसे महत्वपूर्ण व बुरी बात जो पुरूषो को बिल्कुल नापसंद है, वह है कि कुछ महिलाए सेक्स के दौरान कुछ नही करती है, बस एक मृत शरीर की तरह लेट जाती है इस उम्मीद के साथ कि उनका साथी ही सब कुछ करेगा। महिलाओं को चाहिए कि अपने साथी को इस बात का एहसास दिलाए कि आप भी उस समय सेक्स का भरपूर मजा ले रही है। इसलिए महिलाओं को पुरूषों के शीर्ष से शुरूआत कर अंत तक अपनी सुहानी अदाओं से आर्कषित करना चाहिए 2. लगभग सभी महिलाएं इस बात से सहमत है कि उन्हें अपने शरीर पर चुंबन पसंद है ठीक वैसा ही पुरूषों के साथ है वह भी आपके द्वारा अपने शरीर पर किए गए चुंबन व आंलिगन से पागल हो जाते है इसलिए चुंबन व आंलिगनो के इस सिलसिले को लगातार बरकरार रखना चाहिए। 3. कुछ पुराने जमाने की महिलाओं को अब भी लगता है कि बिस्तर पर सेक्स की सारी जिम्मेदारी सिर्फ पुरूष की ही होती है, जो कि बिलकुल गलत है , आपको भी अपनी जिम्मेदारी लेनी चाहिए और अपने साथी को यह एहसास दिलाना चाहिए कि आप सेक्स चाहती है साथ ही यह भी बतायें कि आपके साथी पुरूष को आपके साथ क्या करना चाहिए 4. जैसे हर महिला चाहती है कि पुरूष उसके साथ ब़डी नाजुकत के साथ पेश ऑंए, उसी प्रकार पुरूषों को भी अपने साथ नाजुकता पसंद है। पुरूषों का शरीर भी बहुत नाजुक होता है जो आपके सुहाने स्पर्श से यौन संबंध बनाने के लिए जल्द ही तैयार हो जाता है। इसलिए महिलाओं को सेक्स के दौरान अपने पुरूष साथी को बहुत नाजुकता के साथ भरपूर आनंद देने की कोशिश करनी चाहिए 5. अगर आप स्वंय सेक्स के सुख का अनुभव करना चाहती है तो अपने साथी को भी इसका सुखद अनुभव देना न भूलें। कई बार पुरूष इस विचार में उलझे रहते है कि हमबिस्तर होते वक्त उनकी महिला साथी को उनके द्वारा की गई क्रिया-प्रतिकियाओ की कोई भावना नही है। इसके लिए आपको चाहिए कि आप यौन संबंध बनाते वक्त ये जरूर बताए कि ""आप इसे कितना पसंद करती हैक् "" ""आपको ऎसा करने में कैसा महसूस हो रहा हैक्"" इत्यादि 6. अपने साथी को भ्रमित न करें, कई बार पुरूष ये समझ नही पाते कि उनके द्वारा यौन संबंध बनाते वक्त आपको दिए जाने वाला अनुभव आप पसंद भी कर रही है या नहीक् इसलिए अपनी भावनाओं को व्यक्त करने में किसी भी प्रकार की शर्म महसूस न करे, कुछ खुशनुमा चीखें व आवाजें निकालते रहें क्योंकि यही वो सबसे अच्छा तरीका है अपने साथी को बताने का कि आप उसके द्वारा कि जाने वाली हरकतो से सुखद अनुभव कर ही हैं। 7. क्या आपको लगता है आपका यौन-जीवन थोडा उबाऊ हो रहा हैक् तो इसमें कुछ नयापन लाइए अपने साथी को आर्कषित करने के लिए कुछ उत्तेजनक वस्त्र धारण करने में शर्म महसूस मत करिए, उसके लिए कुछ मादक-मोहक अदाओं का प्रदर्शन किजिए और फिर देखिए कि कैसे आपका साथी आपको सेक्स-सुख व प्यार का मीठा अनुभव देता हैं। याद रखिए सेक्स भी आपसी प्यार को बनने मे एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। deep deep 09-03-2012, 03:50 AM एक वैज्ञानिक शोध के अनुसार महिलाओ के अंतरवस्त्रो का रंग उनके रोमांटिक मूड तथा प्रेमी व्यक्तितत्व को दर्शाता है। एक मनोवैज्ञानिक डॉ डासन के अनुसार लाल, पीला तथा नारंगी रंग गर्म स्पेक्ट्रम को दर्शाता है जो कि ऊर्जा तथा उत्साह की भावनाएं पैदा करता है, यह हमारे दिल की ध़ाडकन और रक्तचाप को भी ब़डा सकते है। लाल/पीला/ऑंरेज:- इन रंगो के अंतरवस्त्र आवेशपूर्ण ऊर्जावान तथा नाटकीय स्वभाव को दर्शाते है। यह रंग पसंद करने वाली महिलाएं बिदास होती है तथा उनका मुड भी नाटकीय रूप से बदलता है जो कि उनके आकर्षण का एक हिस्सा है। गुलाबी रंग:- यह रंग पसंद करने वाली महिलाएं स्वभाव से रोमांटिक तथा विन्रम होती है, इन्हे अधिक से अधिक स्त्रेह पाने की लालसा होती है। यह महिलाएं काफी कामुक होती है परंतु कभी आगे से पहल नही करती है। काला रंग:- यह रंग एक व्यक्तिपरक और शक्तिशाली व्यक्तित्व को दर्शाता है। इस तरह की महिलाएं सूक्षम आकर्षण वाली परन्तु आवेशपूर्ण होती है। सफेद रंग:- यह रंग पंसद करने वाली महिलाएं मासूम परंतु सुझाव देने के लिए तत्पर रहती है। यह एक अच्छी शिक्षार्थी भी होती है। स्किन या भूरा रंग:- यह रंग स्वाभाविक वास्तविक तथा पारदर्शी व्यक्तितत्व को दर्शाता है। इसको पसंद करने वाली महिलाएं कुछ भी छुपाना पंसद नही करती है। एक सर्वेक्षण में पाया गया है कि अब 72 प्रतिशत महिलाएं अंतरवस्त्रो की खरीदारी करते समय स्किन या भूरे रंगो वाले अंतरवस्त्रो का पंसद करने लगी है इसका अर्थ यह है कि आज की महिला रोमांस के मामले मे पीछे नही है और अपने आप को पूर्ण रूप से खुले रूप में प्रदर्शित करने मे नही कतराती है। बुनियादी रूप में महिलाओं में अंतरवस्त्रो के रंगो के पंसद को इतनी तेजी से बदलने के लिए कही ना कही मशहूर हस्तियॉं जिम्मेदार है। हॉलीवुड की मशहूर अभिनेत्री इवा मेंडीस ने हाल ही मे यह खुलासा किया है कि वह स्किन कलर या बिलकुल सादे अंतरवस्त्रो मे सबसे ज्यादा सेक्सी लगती है। तो जनाब, अगली बार जब आप अपनी किसी महिला साथी के लिए अंतरवस्त्रो की खरीदारी पर जाये तो उनके रंगो पर जरूर विचार किजिएगा।

शुक्रवार, 12 जुलाई 2013

बाबु जी न बहु को चोदा


मैं एक साधारण परिवार की लड़की हूँ। वाराणसी के एक घनी आबादी में रहती हूँ। मुझे भी सब वही शौक हैं जो एक जवान लड़की के होते हैं। मेरे परिवार में बस मेरी मां है, पिता की याद मुझे नहीं है, मैं जब बहुत छोटी थी वो एक हादसे में गुजर गये थे। मेरे पड़ोस के ही एक लड़के से मैं प्यार करती थी।
उसका नाम राहुल था, उसके पिता अपनी एक दुकान चलाया करते थे, जिससे उनकी अच्छी आमदनी हो जाती थी। राहुल की मां नहीं थी। राहुल बड़ा शर्मीला लड़का था, उसने मुझे कभी हाथ भी नहीं लगाया था। उसके पिता कभी कभी मेरे घर आते थे, मेरी मां से उनकी अच्छी दोस्ती थी। वो मेरी मां के साथ सेक्स सम्बन्ध भी रखते थे। मेरी माँ मौका पा कर उनसे चुदवा लेती थी। मैं उनके इस सम्बन्ध के बारे में कुछ नहीं कहती थी। पर ऐसा सोच कर कि मां कैसे चुदवाती होगी, उनका लण्ड कैसा होगा, मेरे मन भी चुदाने की इच्छा होने लगती थी। मेरी चूत चुदासी हो उठती थी। पर चुदती कैसे, मौका ही नहीं मिलता था।
मुझे एक दिन मौका मिल गया। मेरी माँ मामा जी के यहां दो दिन के लिये गई हुई थी। रात को मैं अकेली सेक्स के बारे में सोच कर उत्तेजित हो रही थी। मेरा जिस्म वासना में जलने लगा था। मेरी चूत में पानी आने लग गया था। मैं बैचेन हो उठी। मैंने चूत में घुसाने के लिये यहा वहा कुछ ढूंढा तो एक लम्बा वाला बैंगन मिल गया। कपड़े उतार कर मैंने उसे धीरे से चूत से लगाया कि मुझे राहुल का ध्यान आ गया। मैंने अपना मोबाईल उठाया और उसे घर आने को कहा। मैंने बस अपने ऊपर एक लम्बा कुर्ता डाल लिया कि नंगापन छिप जाये।
वो छत के रास्ते दबे पांव नीचे आ गया। उसे देख कर मैं खुश हो गई। वो भी बनियान और पजामें में था।
ऐसी हालत में मैंने उसे पहली बार देखा था। उसका शरीर बलिष्ठ था, मसल्स किसी पहलवान की तरह उभरी हुई थी।
"इतनी रात को....क्या बात है.... कोई परेशानी है क्या ?"
"हां राहुल, अकेले डर लगता है, तुम रात को यहीं रह जाओ।"
"तुम्हारे साथ.... यानी लड़की के साथ.... तुम ठीक तो हो ना?"
" राहुल प्लीज, मैं नीचे सो जाउन्गी, तुम यहाँ सो जाना !"
वो सोच में पड़ गया, फिर बोला - "ठीक है मैं अभी आता हूँ, ऊपर लाईट बन्द करके ये आया।"
कुछ ही देर वो वापिस आ गया।
"आ जाओ, इसी पलंग पर आ जाओ, अभी बातें करेंगे, जब नींद आयेगी तो मैं नीचे सो जाउंगी"
हम दोनों एक ही पलंग पर प्यार की बातें करने लगे। मुझे उसका साथ पा कर तरावट आने लगी। मैं पानी लाने के बहाने उसे अपना बदन दिखाने लगी। कभी अपनी छातियाँ उभार कर उसे रिझाती और कभी अपने चूतड़ों को उसके सामने मटकाती। परिणाम सुखद रहा। आखिर उसके लण्ड का उभार पजामे में से उठ कर दिखने लगा।
उसकी आंखो में वासना के डोरे खिंचने लगे। मैंने कमान और कस ली और एक बार नाटक करके अपनी सुडौल चूतड़ की गोलाईयां कुर्ता ऊपर करके अनजान बनते हुये दिखा ही दी। उसका लण्ड कड़क हो कर पजामे में से बाहर आने की कोशिश करने लगा। मुझे अब पता चल गया था कि आज मेरी रात रंग भरी होने वाली है।
मैं टीवी के पास खड़ी थी। राहुल मेरे पास पीछे आ चुका था। उसने मेरी पीठ पर हाथ रख दिया। कुछ होने की आशंका से मेरा मन सिहर उठा। उसने धीरे से मेरी कमर में अपना हाथ कस लिया। उत्तेजना से मेरी आंखें बन्द होने लगी। उसका शरीर मेरी पीठ से चिपक गया।
"ए राहुल, क्या कर रहे हो.... तुम वहाँ बैठो" अब मेरा शरीफ़ों जैसा नाटक आरम्भ हो गया।
"नहीं मधु, मुझे अच्छा लग रहा है...." उसके हाथ अब मेरी छातियों की तरफ़ बढने लगे थे।
"सुनो, तुम्हारा मन मैला तो नहीं हो गया है ना...." मैंने उसकी वासना को उभारा।
"मत पूछो मधु, तुम हो ही इतनी सुन्दर कि.... बस प्लीज...." उसके हाथ मेरे उभारो पर आ चुके थे। मन कर रहा था कि हाय ....बस अब मसल दे....
"राहुल मत करो प्लीज, हाथ हटा लो...." मैंने अपने दोनो हाथ उसके हाथों पर रख दिये पर हटाये नही। उसके हाथ मेरी छातियों को कसने लगे।
"हाय कितने कठोर और मस्त हैं...."
"चलो हटो...." मैंने उसके हाथ हटाये और छिटक कर दूर हट गई,"राहुल, ऐसे नहीं....शादी के बाद...."
"अरे सॉरी, पता नहीं मुझे क्या हो गया था।" उसने तुरन्त माफ़ी मांग ली और हम फिर से बिस्तर पर लेट कर टीवी देखने लगे। अचानक रहुल ने लेटे लेटे ही मुझे दबोच लिया और अपने होंठ मेरे होंठो से चिपका दिये और मेरे ऊपर चढ़ गया। मैं मस्त हो उठी कि अपने आप लाईन पर आ गया। मेरा कुर्ता ऊपर उठा दिया और पजामे में खडा लण्ड मेरी चूत से चिपका दिया।
"राहुल....ये क्या.... हट जा.... देख मेरा कुर्ता ऊपर हो गया है।"
"मधु, पजामा भी मैंने उतार दिया है, बराबर हो गया ना।"
उसका नंगा लण्ड मेरी चूत से रगड़ खाने लगा। मैंने भी चूत को उभार कर उसके लण्ड को बुलावा दिया कि मैं तैयार हूँ।
"मधु, तुम सच में कुदरत की एक कला हो, ऐसा प्यारा जिस्म, प्यारे उभार, और तुम्हारी ये प्यारी सी मुनिया...."
कहते हुये उसने अपना लण्ड मेरी नई नवेली चूत कुंवारी चूत में घुसा डाला।
"मैया री.... मैं मर गई....धीरे से...." मुझे तेज दर्द हुआ। शायद मेरा कुंवारापन जाता रहा था। झिल्ली शायद फ़ट चुकी थी। उसके मुँह से भी एक हल्की कराह निकल गई। शायद राहुल के लन्ड की स्किन भी फ़ट गई थी। पर जोश में लण्ड घुसता ही चला गया। हम दोनों ने एक दूसरे को समाहित कर लिया था। अब हम रुके रहे.... और अपने आप को कंट्रोल करते रहे। फिर धीरे से एक धक्का और लगाया। मैं फिर से चीख उठी। उसने मुझे प्यार से निहारा और चूमने लगा।
"तुम मेरी जान हो मधु, मेरा प्यार हो, तुम्हरे बिना मैं जी नहीं सकता।"
"मेरे राजा, मेरे तुम ही सब कुछ हो, मुझे और प्यार करो, मुझे जन्नत में पहुंचा दो"
उसने अब धीरे धीरे मुझे चोदना चालू कर दिया। मेरी चूत भी का दर्द भी अब शनै: शनै: कम होने लगा। उसकी रफ़्तार बढ़ती गई। मैं अब सुख के सागर में गोते खाने लगी। मेरी कमर भी अब उछाल मार रही थी। लण्ड पूरी गहराई तक मुझे चोद रहा था। जाने कब मैं सुख के सागर में बह गई और मेरी जवानी में उबाल आ गया, और यौवन रस छलक उठा, मेरी चूत भी उसके वीर्य से लबालब भर उठी। हम निढाल हो कर शिथिल पड़ गये।
पर कितनी देर तक पड़े रहते, कामदेव के तीर पर तीर चल रहे थे, जवानी ने फिर अन्गड़ाई ली और दूसरा दौर आरम्भ हो गया। फिर से हम एक दूसरे में समाने लगे, इस बार की चुदाई पहले से लम्बी और ज्यादा सुखद थी।
रात भर जाने दौर चल चुके थे, सवेरे होते होते राहुल चला गया। मेरा मन शान्त था, गहरे समुंदर की तरह कोई हलचल नहीं थी। मैं गहरी नींद में डूबती चली गई।
आंख खुली तो दिन के ग्यारह बज रहे थे। चादर में लगा खून सूख चुका था। मेरे बदन में भी वीर्य और खून के सूखे निशान चिपक गये थे। मैं तुरन्त उठी पर जिस्म दुख रहा था, टूट रहा था, एकदम से मैं लड़खड़ा गई। मैंने चादर बिस्तर पर से खींच ली और लेकर बाथ रूम में आ गई। मैं अच्छी तरह से नहाई और कपड़े साबुन के पानी में भिगा दिये।
माँ आ चुकी थी। मेरी नजरों की चोरी छुपाये नहीं छुप रही थी। मां की अनुभवी आंखों ने सब कुछ भांप लिया था। उस दिन तो वो कुछ नहीं बोली पर मैं समझ चुकी थी कि मां को शक हो गया है। मैंने रात को मां से लिपट कर धीरे धीरे सब बात बता दी। मां को राहुल के बारे में जब पता चला तो उन्होंने चैन की सांस ली।
राहुल के पापा को मनाना मां के लिये सरल था क्योंकि माँ और उसके पिता का तो चुदाई का कार्यक्रम चलता रहता था।
हमारा सच्चा प्यार रंग लाया और सब कुछ ठीक हो गया। एक दिन शादी का समय भी आ गया। इस बीच राहुल और मैं कई बार चुदाई कर चुके थे यानी बहुत सी सुहाग रातें मना चुके थे। ठीक समय पर हमारे घर अब एक लक्ष्मी ने जन्म लिया। हमारी अधूरी जिन्दगी पूर्ण हो गई।
कुवैत से राहुल को काम करने का एक सुनहरा अवसर आया। और कुछ समय के बाद वो कुवैत चला गया। उसकी अच्छी कमाई थी। मेरा घर भरने लगा पर मन खाली खाली रहने लगा। वो साल साल भर बाद आता था। मेरी शरीर की आवश्यकताओं को भी नजर अन्दाज करने लगा, शायद पैसा ही अब उसके लिये सबकुछ हो गया था। अब मेरा मन भटकने लग गया था। राहुल के पिता अब रात भी माँ के साथ बिताने लगे थे। मैं भी रात को लक्ष्मी के सोने के बाद उनकी चुदाई को कैसे ना कैसे करके चोरी से देखती थी, और रात भर तड़पती रहती थी। कभी कभी तो मैं खूब रोती और फिर ये सोच कर रह जाती कि राहुल ने मेरे लिये कितना कुछ किया।
पर एक दिन ऐसा हुआ कि ........
दिन को मैं अपने कमरे में आराम कर रही थी, एक झपकी लगी ही थी कि किसी ने मुझे दबोच लिया। सुखद आश्चर्य से मैंने आंखे नहीं खोली। शायद भगवान ने मेरी सुन ली थी। उसके हाथ मेरी स्तनों पर आ कर उसे दबाने लगे। जिस्म रोमांच से भर उठा। ये रेगिस्थान में हरियाली कैसी? पर आंख खुलते ही मेरी चीख निकल पड़ी।
वो राहुल के पिता बाबू जी थे.... मात्र चड्डी में थे, उनका लण्ड फ़ुफ़कारें भर रहा था, उनकी आखे वासना में डूबी हुई थी....
मैंने उन्हे धकेलेते हुए कहा,"बाबू जी....ये क्या कर रहे है आप....!"
"भोसड़ी की, चूत सूख जायेगी, चुदवा ले....!"
मैं उनकी भाषा पर सन्न रह गई, ये क्या कह रहे हैं !
"बाबू जी, मैं तो आपकी बहू हूँ.... ऐसा ना करिये !" मैंने उनसे प्रार्थना की।
"साली हराम जादी, तेरी मां को चुदते हुए रोज देखती है, और छिनाल अपनी चूत को हाथ से घिसती है, बाबू जी मर गये थे क्या ?"
अब वो मेरा पेटीकोट खींच रहे थे। उन्होंने अपनी चड्डी उतार फ़ेंकी और मुझे चूमने लगे। उनका मोटा लौड़ा उछल कर बाहर आ गया। मेरी चूंचियाँ सहलाने और दबाने लगे। उनका लण्ड तो बहुत ही मोटा और लम्बा था। मेरी वासना जागने लगी। लम्बे इन्तज़ार के बाद मेरी इच्छा के अनुसार ही ऐसा मस्त लण्ड मिल रहा। उसे हाथ में लेने की इच्छा प्रबल हो उठी। मैंने शरम छोड़ कर उनका लण्ड पकड़ लिया।
"ये हुई ना बात, मेरी जान, ले ले मेरा लौड़ा ले ले, चुदवाले भोसड़ी की...."
"बाबू जी मेरी भी गाली देने की इच्छा हो रही है, दूं क्या मादरचोद गाली तुझे ?"
"मेरी रण्डी, तेरी मां को चोदूं, दे मुझे दे गाली, हरामी, दे गाली, मजा आयेगा।"
"तो भेन चोद मार दे मेरी फ़ुद्दी को, साला मुस्टण्डा लौड़ा, घुसेड़ दे मेरी भोसड़ी में...." मुझे भी आज मौका मिल गया मन की भड़ास निकालने का। मुझे पता था इतना मोटा लण्ड मुझे मस्त करने वाला है। माँ की किस्मत पर मैं जलने लगी कि इतने सोलिड लण्ड से चुदवाती रही और मुझे पूछा तक नहीं। मैं तो राहुल के दुबले पतले लण्ड से ही सन्तुष्ट थी, मेरी मां कितनी खुदगर्ज है चुदवाने के मामले में....।
मेरी चूत को देखते हुए बोले,“ हाय रे मेरी बेटी, इतनी सी मुनिया है रे तेरी तो....और पोंद इतने से?”
“बाबूजी, आज कल लडकियाँ इतनी ही नाजुक होती हैं” मेरी गाण्ड को टटोलते हुए अपना हाथ फ़ेरने लगे।
“मेरी लाडो, जरा गाण्ड तो मेरी तरफ़ कर, इसका भी मजा ले लूं जरा !”
मैं उल्टी हो कर घोड़ी जैसी हो गई और अपने चूतड़ पूरे उभार दिये। बाबू जी का लण्ड तन्ना उठा मेरी गोल गोल गाण्ड देख कर। उन्होंने पास पड़ी क्रीम उठाई और मेरी गाण्ड में भर दी।
“बाबू जी क्या कर रहे हो.... मेरी तो छोटी सी गाण्ड है, अच्छी है ना?”
“मस्त है रे, साली को मचकाने को मन कर रहा है।” और उन्होने अपनी एक अंगुली मेरी गाण्ड में डाल दी। हल्का सा मजा आया।
“हाय रे बाबू जी, मुझे अपनी लौंडी बना लो, अपने पास ही रख लो।”
“हाँ मेरी मधु रानी, तु बहुत ही सुन्दर है, तेरा हर अंग नाजुक है।”
“मुझे आपकी दासी बना लो, मुझे बस चोद डालो अपने मोटे लण्ड से, देखो चूत कितनी प्यासी हो रही है।”
“शाबाश बेटी.... ये हुई ना बात.... अब देख मैं तुझे कैसा मस्त करता हूं”
मेरी गाण्ड की दोनों गोलाईयों को वो सहलाने लगे और उनका मोटा लण्ड गाण्ड के छेद पर लग गया। मैं घबरा उठी, इतनी छोटी सी गाण्ड में इतना मोटा लण्ड। मेरी तो मां चुद जायेगी .... मैंने पीछे मुड़ के देखा, बाबूजी का चेहरा वासना से लाल हो उठा था, उनका लण्ड गाण्ड देख कर कड़क उठा था। मैंने जल्दी से अपनी गाण्ड को उनके सामने से हटाने की कोशिश की पर उन्होंने अपने हाथों से मेरी कमर कस के थाम ली। लण्ड का सुपाड़ा चिकनाई लगी गाण्ड के छेद पर आ टिका था। अब बाबू जी ने जोर लगाया तो लण्ड नीचे फ़िसल पड़ा।
“ बाबू जी.... ये नहीं करो, नहीं जायेगा।” पर दूसरी बार में मेरी गाण्ड के छेद को फ़ैलाते हुए सुपाड़ा अन्दर घुस पड़ा। मैं चीख पड़ी।
“अरे फ़ाड़ डाली रे मेरी गाण्ड, मादरचोद.... छोड मुझे, हाय रे बाबू जी !" बाबू जी का सुपाड़ा मेरी गाण्ड को चीरता हुआ गहराई नापने लगा।
"बिटिया, इतनी प्यारी पोन्द को मारी नह॥न, तो फिर क्या मजा आयेगा।"
"साले, हरामी, निकाल दे रे लण्ड को बाहर.... मेरी माँ को फोड़ जा कर ...." मुझे असीम दर्द होने लगा। भला हो चिकनाई का जो लण्ड को अन्दर बाहर करने में मदद कर रही थी।
"अब शान्त हो जा मोड़ी, गाण्ड तो मैं छोड़ूंगा नही.... चल भोसड़ी की और झुक जा...." मेरी पीठ को हाथ से दबा कर झुका दिया और लण्ड पेलने लगा। मैं चीखती रही.... उसका लौड़ा अब ठीक से गाण्ड में सेट हो गया था और गाण्ड को चीरता हुआ मजा ले रहा था। मेरे आंसू निकल पड़े.... दर्द के मारे मैं लस्त हो गई। मुँह से आवाज तक निकलना बंद हो गई। मैं अपनी पोंद ऊपर उठाये अपने गाण्ड के छेद को जितना हो सके ढीला करने की कोशिश करती रही ताकि दर्द कम हो। उनके धक्के बढ़ते गये.... मेरी चीखें हालांकि कम हो गई थी पर धक्के के साथ कराह निकल ही जाती थी।
"आज तो मस्तानी गाण्ड का मजा आ गया.... मोड़ी तेरी पोंद तो मजे की है.... देख दो दिन में इसे मेरे लौड़े की साईज़ का कर दूंगा।"
मुझे कुछ सुनाई नहीं दे रहा था। अचानक बाबू जी ने लौड़े का पूरा जोर मेरी ग़ाण्ड में लगा दिया और मैं फिर से एक बार चीख उठी.... बाबू जी का बदन का कसाव बढ गया और अचानक मुझे गाण्ड के अन्दर पानी भरता सा लगा। बाबू जी ने अपना लण्ड बाहर निकाल लिया और पिचकारी हवा में उछाल दी। ढेर सारा वीर्य लण्ड ने छोड़ दिया और मेरी पीठ पूरी चिकनी हो उठी। वीर्य गाण्ड के छेद में और पीठ पर फ़ैल गया था। मुझे अत्यन्त सुखद प्रतीत हुआ कि इतने मोटे लण्ड से निजात मिली। मैं बिस्तर से लग गई और आंखे बंद कर ली और गहरी सांसें लेने लगी। बाबूजी ने चादर से ही अपना वीर्य साफ़ कर दिया।
"चुद गई मेरी बेटी.... मधु मजा आया ना?" मां ने कमरे में आते हुए कहा।
"हाँ मेरी बिटिया.... तेरी माँ ही ने मुझे तुझे चोदने के लिये कहा था, तेरी तड़प इससे सही नहीं जा रही थी।" बाबू जी ने रहस्य खोला। मैं चौंक उठी, पर मां ने मेरी भावनाओं का ख्याल रखा, मुझे बहुत अच्छा लगा।
" मां, आप मेरा कितना ध्यान रखती हैं .... पर देखो ना बाबू जी ने मेरे साथ क्या किया !" मैंने शिकयत की और अपनी पोंद दिखाई।
"अरे मादरचोद, मेरी बेटी की तो तूने गाण्ड मार दी, अपने मोटे लण्ड का ख्याल तो रखा होता...." माँ ने गुस्सा होते हुए कहा।
"मैं क्या करूँ, तेरी बेटी की पोंद इतनी मस्त थी कि उसे मारनी पड़ी, मेरा लौड़ा भी तो साला गाण्ड देख कर ऐसा भड़क उठता है कि बस...." बाबू जी ने अपनी मजबूरी जताई।
"साला कमीना, देख गाण्ड की क्या हालत कर दी है...."
"छोड़ ना मां, चाहे लगी हो, पर बाबू जी का लण्ड मस्त है.... अब तो मैं रोज ही चुदाऊंगी।" मैंने मां को समझाया। चाहे जो हो बाबू जी का लण्ड मस्त था, उसे मैं कैसे छोड़ती।
मां ने मुझे गले लगा लिया.... "मुझे भी तो इनके लण्ड का चस्का लगा हुआ है ना.... साला भरपूर चोदता है....मस्त कर देता है"
बाबू जी अपनी तारीफ़ सुन कए इतराये जा रहे थे.... और फिर उन्होने मां को दबोच लिया। और उसके ऊपर चढ़ गये।
रंडी, अब उठा ले अपनी टांग.... लौड़ा तैयार है...." मां कसमसाती रही पर चुदाई चालू हो गई थी। मां नीचे दबी हुई सिसकारियाँ भर रही थी, और बाबू जी चोदते रहे........ पेलते रहे.... मां की चुदती रही, मैं मां को मस्त होते देखते रही....

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बात तब की है जब मैं कम्प्यूटर कोर्स करने के लिए ऑफ़टेक में जाता था। 
वहाँ पर हमारी टीचर सुमन नाम की महिला थी, उसका रंग तो बिल्कुल साफ नहीं 
था लेकिन उसका फिगर शायद ही किसी हिरोइन से कम हो, दिखने में तो वो हुस्न 
की मलिका थी, मुझे वो बहुत अच्छी लगती थी, उसको देखते ही मेरा लण्ड खड़ा 
हो जाता था। लेकिन एक समस्या थी कि वो मुझसे एक साल बड़ी थी, लेकिन मैं 
कुछ ज़्यादा हेल्दी हूँ तो वो मुझसे बड़ी नहीं लगती थी। मैं उसका दीवाना 
बन गया था, मुझे सब कुछ पता होते हुए भी मैं उसे कुछ ना कुछ पूछता रहता 
ताकि वो मेरे पास ही रहे। 

धीरे धीरे हम अच्छे दोस्त बन गये लेकिन तब तक उसके दिल मेरे लिए कुछ नहीं 
था। फिर ऐसे ही मैं उसका पीछा करने लगा और जब उसको घर जाना होता तो मैं 
वहाँ चला जाता और बोलता कि किसी काम से यहाँ आया हूँ, और फिर मैं कभी 
कभार उसको उसके घर भी छोड़ने चला चला जाता। लेकिन मैं उसको उसके घर के 
बाहर ही छोड़ता था क्योंकि इससे उसकी पर्सनल लाइफ में परेशानी हो जाती। 
फिर तो उसको भी मेरी आदत सी हो गई। 

फिर एक दिन जब उसके घर जाने का समय हुआ तो काफ़ी तेज बारिश होने लगी, 
मैंने उसको अपने साथ चलने के लिए बोला तो उसने मना कर दिया लेकिन मैंने 
उसको ज़ोर देकर मना लिया। 

जब हम निकले तो बारिश और भी तेज हो गई थी और हम दोनों बिल्कुल भीग गये 
थे, उसके बूब्स मेरी कमर से लग रहे थे तो मुझे बहुत अच्छा लग रहा था, मैं 
गर्म भी होने लगा था। कुछ देर बाद उसको सर्दी लगने लगी तो मैंने बाइक और 
तेज कर दी और वो मुझसे चिपक गई। 

हम उसके घर तक पहुँच गये, मैंने उसको उतारा और चलने लगा तो उसने बोला- 
तुम काफ़ी भीग गये हो, चाय पीकर जाना। 

मैंने मना किया लेकिन वो नहीं मानी और हम दोनों अंदर गये। उसका पति ऑफिस 
गया हुआ था, घर पर हम दोनों के अलावा कोई नहीं था। 

वो बिल्कुल भीग गई थी, उसके उरोज़ टीशर्ट में से बिल्कुल साफ दिख रहे थे, 
उसने काले रंग की ब्रा पहन रखी थी। उसने मुझे बाइक पर ही गर्म कर दिया 
था, तब से मेरा लण्ड खड़ा ही था जो मेरी फॉर्मल पैंट से साफ दिख रहा था 
और शायन उसने देख भी लिया था। 

उसने मुझे बैठने को कहा और वो खुद वॉशरूम में कपड़े बदलने चली गई। पाँच 
मिनट बाद वो नाइटसूट पहन कर आई लेकिन उसने ब्रा नहीं पहनी थी इसलिए उसकी 
चूचियाँ बहुत मस्त लग रही थी। 

फिर उसने मुझसे चेंज करने के लिए बोला तो मैंने मना कर दिया। 

फिर वो चाय बनाने के लिए रसोई में चली गई, थोड़ी देर बाद चाय बनाकर लाई, 
हम दोनों चाय पीते हुए बातें करने लगे। मेरी तो नज़र उसकी छाती पर थी, 
उसको पता भी था कि मैं उसके वक्ष को देख रहा हूँ। उसने मेरे खड़े लण्ड को 
देख कर मेरे दिल का इरादा जान लिया तो उसने मुझसे पूछा- तुम्हारी कोई 
गर्लफ़्रेन्ड है? 

मैंने ना में उत्तर दिया तो वो बोली- सच सच बताओ ! 

मैंने बता दिया- नहीं है, सच में ! 

तब वो बोली- तभी तुम मुझे इतनी प्यासी नज़र से देख रहे हो ! 

तब मैं तो पानी-पानी हो गया और मेरा लण्ड एकदम से बैठ गया। मैं बिल्कुल चुप हो गया। 

तब सुमन बोली- अरे, क्या हुआ? तुम चुप क्यों हो गये? 

मैंने बोला- कुछ नहीं ! 

तो बोली- हम अच्छे दोस्त हैं, मुझसे क्या शर्माना ! 

तब मेरा डर कुछ कम हुआ और मैं समझ गया कि आज इसका भी इरादा ठीक नहीं है। 

तब मैं बोला- मैडम, आप इतनी सेक्सी और हॉट हो कि क्या करूँ, नज़र हटती ही नहीं। 

तब वो बोली- कभी सेक्स किया है? 

मैंने बता दिया- हाँ एक बार एक कालगर्ल के साथ किया था। 

तो वो नाराज़ सी होकर बोली- ऐसे काम मत किया करो !तब मेरी भी हिम्मत बढ़ 
गई, मैंने उसकी चूचियों को अपने हाथ से सहलाते हुए कहा- मैडम आपकी 
ब्रेस्ट बहुत मस्त है। 

तो वो बोली- यह क्या कर रहे हो? 

तब मुझसे रहा नहीं गया और मैंने उसके बूब्स को दोनों हाथों से ज़ोर ज़ोर 
से सहलाना शुरू कर दिया। अब वो भी कुछ ज़्यादा हॉट होने लगी, फिर मैंने 
उसको अपनी बाहों में ले लिया और उसके पूरे बदन को सहलाने-चूमने लगा। 

अब वो बिल्कुल गर्म हो गई थी, मैं उसको उसके बेडरूम में ले गया और उसकी 
चूचियों को बारी बारी अपने मुँह में लेकर चूसने लगा। 

वो आहह आहह की आवाज़ निकालने लगी, अब वो पूरी उत्तेजित हो चुकी थी, उसने 
मेरे लण्ड को पैंट के ऊपर से पकड़ा और मसलने लगी। 

फिर उसने मेरी पैंट उतारी और फिर सारे कपड़े निकाल कर मुझे बिल्कुल नंगा 
करके मेरे लण्ड को मुँह में लेने लगी।लेकिन मेरा लण्ड थोड़ा मोटा ज़्यादा 
है और लंबा भी, इसलिए मेरा लण्ड उसके मुँह में ठीक से नहीं जा रहा था। 

फिर मैंने उसको खड़ा किया और उसकी नाइट ड्रेस याही पज़ामा और टॉप उतार 
दिए, फिर उसके सारे बदन को अपने हाथों से सहलाया, चूमा। फिर मैंने उसको 
सीधा किया और उसकी टाँगें खोल कर उसकी चूत चाटने लगा, धीरे धीरे मैं अपनी 
जीभ अंदर डालने लगा, वो मेरे सिर को पकड़ कर अपनी चूत की तरफ खींचने लगी। 

थोड़ी देर बाद उसने पानी छोड़ दिया और बोली- अब मुझसे नहीं रहा जाता, अब 
जल्दी से अंदर डालो ! 

तब मैंने उसकी दोनों टांगों को खोल कर अपना लण्ड उसकी टाँगों के बीच रख 
कर डालने लगा लेकिन अंदर आसानी से नहीं जा रहा था। तब मैंने अपने लण्ड पर 
थूक लगाया और एक झटका लगाया तो मेरा आधा लण्ड अंदर चला गया और उसने ज़ोर 
से चीख मारी, बोली- आराम से ! 

फिर मैंने धीरे धीरे लण्ड को अंदर-बाहर करना शुरू किया और फिर एक ओर 
तेज़ी से झटका मारा और मेरा पूरा लण्ड अंदर चला गया, उसकी फिर से चीख 
निकली और मैं ऐसे ही उसके ऊपर लेटा रहा, फिर एक मिनट बाद मैंने झटके 
मारने शुरू किए। 

अब उसको भी मज़ा आने लगा और वो भी अपने चूतड़ उठा उठा कर मेरा साथ देने लगी। 

दस मिनट की चुदाई के बाद हम दोनों झड़ गये। उस दिन मैंने उसको तीन बार चोदा। 

कुछ देर हम चिपक कर लेटे रहे, फिर अपने आप ही बताने लगी- मैं शादी से 
पहले भी अपने बॉय फ़्रेंड से चुदी हूँ, अपने आदमी से भी लेकिन तुमसे जो 
मज़ा आया, वो कभी नहीं आया। 

उसके बाद मैंने उसको बहुत बार चोदा लेकिन फिर वे लोग बेंगलोर चले गये। अब 
उससे फोन पर तो बात होती है।

सोमवार, 8 जुलाई 2013

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