हिंदी सेक्सी कहानियाँ
गावं की गोरी, मस्त छोरीमेरा नाम कमलेश है और मै राजस्थान के एक बहुत छोटे से गावं की रहने वाली
हू | हमारे यहाँ छोटे-छोटे कच्चे-पक्के घर होते है और जमींन के नाम पर
पथ्थरो के पहाड़ और रेगिस्तान है | हम किसान है और किसानी के नाम पर
पथ्थरो के पहाड़ और रेगिस्तान मे कुछ कांटे और बबूल उगाते है | मेरी उम्र
१४ साल है, लेकिन हमारी तरफ औरत और आदमी की कद-काठी बहुत अच्छी होती है,
तो मै २२-२३ साल की जवान छोरी लगती हु | गावं के बहुत से लोंडे मुझे याद
करके मुठ मारते है | लेकिन, मै सिर्फ अपने काम से काम रखती हू | मेरे घर
मे अच्छा बड़ा आँगन है और एक कोठरी है | मै और मेरा छोटा भाई आँगन मे
सोते है और माँ, बापू कोठरी मे | एक दिन, काफी तूफ़ान आ रहा था और बाहर
सोना थोडा मुश्किल था, तो माँ ने हम दोनों को कोठरी मे बुला लिया और एक
कोने मे हम सो गये | मेरा बापू शराबी था और शराब पीके काफी हंगामा करता
था, फिर माँ उसपर जान देती थी | मैने अक्सर महसूस किया था, कि बापू माँ
के चूचो पर या कमर पर चुटकी काट लेता था, तो वो हलके से मुस्कुरा देती थी
| रात को सोते समय कोठरी मे हलकी से रौशनी के लिए एक दीपक जलता था, उसकी
रोशनी ज्यादा तो नहीं, लेकिन देखने के लिए काफी थी |
खाना खाने के बाद हम सब सो गये | आधी रात को अचानक से मुझे किसी के बात
करने की आवाज़ सुनायी दी | मैने लेटे-लेटे ही देखने के कोशिश की, तो
देखा, माँ-बापू हलके-हलके बात कर रहे है और बापू ने माँ को अपने उपर ले
रखा है | आवाज़ तो काफी हलकी थी, तो सुनाई तो कुछ नहीं दिया, लेकिन मै सब
कुछ देख सकती थी | माँ बापू के उपर थी और मुह से मुह मिलकर कुछ कर रहे थे
| तब तक मुझे कुछ मालूम नहीं था | जब मुझे सेक्स के बारे मे पता चला तो
सब समझ आ गया | माँ बापू के उपर थे और वो एक दुसरे के होठो को चूस रहे थे
| माँ हलके-हलके सिसकिया भर रही थी | बापू ने माँ को जोर से पकड़ा हुआ था
और कमर पर कुछ कर रहे थे | फिर माँ ने हमारी तरह देखा और हमें सोता देखकर
खड़ी होकर अपनी साड़ी उतारने लगी | जब माँ पूरी नंगी हो गयी, तो देखा माँ
कितनी सुंदर थी | माँ के चुचे बड़े-बड़े और कसे हुए थे और मस्त शरीर था |
उसके आगे मुझे कुछ समझ नयी आया | क्योकि माँ को इस तरह देख कर, मेरे चूचो
ने खड़ा होना शुरू कर दिया था |
बापू अभी भी लेटे थे | माँ ने उनकी टांगो से कुछ हटाया और उस पर बैठ गयी
| माँ के बैठते ही, माँ की हलकी से चीख निकल गयी | फिर माँ सिसकिया लेटे
हुए आपने आप को ऊपर नीचे करने लगी और बापू भी हिलने लगे | थोड़े देर मे
माँ एक झटके के साथ बापू के ऊपर पर गिर गयी और उन दोनों ने एक दुसरे को
कसकर पकड़ लिया | मै ये सारा कुछ देख रही थी, मुझे कुछ ज्यादा समझ तो
नहीं आया, लेकिन मेरे चुचे खड़े थे और चूत से पानी निकल रहा था | अगले
दिन जब मै नहाने गयी, तो पूरी नंगी हो कर, अपने आप को माँ से मिलाने लगी
| चुचे मेरे भी बड़े थे लेकिन, माँ के ज्यादा बड़े थे और उनका बदन ज्यादा
गठीला और सुंदर था | मै रोज़ काम पर अकेले ही जाते थी और अकेले ही खेत पर
काम करती थी | वहाः पर कोई आता जाता नहीं था, बस कभी-कभी पुलिस वाले और
कभी कोई गोरा साहब और गोरी मेम, घूमते हुए आ जाते थे | जब मै सुबह काम के
लिए निकली थी, तो मुझे पता भी नहीं था, कि आज खेत पर कुछ होने वाला है |
कड़ी दुपहर के वक़्त, मै काम करके एक पेड़ के नीचे आराम कर रही थी | पेड़
पर ज्यादा पत्तिया नहीं थी , तो धुप से थोडा ही बचाव हो रहा था और मैने
लेटने के लिए थोड़ी सुखी घास डाली थी |
इतने मे एक गोरा वहा आया और उसने पानी के लिए पूछा, मेरे पास पानी था, तो
उसको पीने के लिए दे दिया | वो पानी पीकर घास पर बैठ गया और उस जगह के
बारे मे पूछने लगा | उसने एक बनियान और एक ढीला सा निकर पहना था, लेकिन
उसका शरीर मजबूत था | मे उसकी तरफ घुर रही थी | वो मेरी नज़रो को समझ गया
और मेरे ऊपर अपना हाथ चलाने लगा | पहले तो, मे पीछे हट गयी, लेकिन जब
उसने मुझे एक हाथ से पकड़ लिया तो मे सरक के उसके पास आ गयी | उसने अब
दोनों हाथ मेरे शरीर पर चलाने शुरू कर दिये | मुझे भी कुछ कुछ होने लगा
था | फिर गोरे ने अपने हाथ मेरी सलवार के अंदर डाल दिये और मेरे चूचो को
जोर-जोर से दबाने लगा | मेरे मुझे से सिस्स्किया निकलनी शुरू हो गयी |
गोरे ने मेरा कुरता उतर दिया और मुझे लिटा दिया और ऊपर आ कर मेरे होठो को
चूमने लगा | वो बार- बार बोल रहा था | सेक्सी इंडियन, सेक्सी इंडियन |
मुझे इंग्लिश नहीं आती थी, तो कुछ समझ नहीं आया | लेकिन जब वो मेरे होठो
को चूस रहा था तो बड़ा मज़ा आ रहा था | फिर, उसने एक हाथ से मेरी सलवार
खोली और उसके अंदर हाथ डाल दिया और मेरी चूत को कस कर पकड़कर दबा दिया |
फिर, गोरे ने मेरी सलवार उतार कर मुझे नंगा कर दिया और खुद भी नंगा हो
गया | उसका पूरा शरीर सफ़ेद था और सन के तरह गोरा था और सोने के तरह धुप
मे चमक रहा था | टांगो के बीच उसके कुछ लटका हुआ था, जो मेरे पास नहीं था
| उसी ने मुझे चूत और लंड का फर्क बताया | उसका लंड मेरी गठीला बदन देखा
कर खड़ा हो गया था और बार-बार झटके मार रहा था | अब गोरे ने मुझे घास पर
लिटा दिया और मेरे ऊपर आकर मेरे चुचे चूसने लगा | उसके होट मेरे निप्पल
को चूस रहे थे और उसका लंड मेरी चूत पर टकरा रहा था | गोरे ने थोडा जल्दी
करते हुए, अपना लंड मेरी चूत पर रखा और अंदर के तरफ ठोखा | मेरी चूत छोटे
और कसी थी, क्योकि पहली बार चुद रही थी, तो गोरा लंड फिसलकर साइड मे चले
गया | गोरे ने थोडा सा थूक अपने हाथ मे लिया और मेरी चूत और अपने लंड को
मलकर गीला किया | अब गोरे ने फिर से निशाना लगाया | अबकी बार, लंड थोडा
सा अंदर घुस गया और मेरी चीख निकल गयी | मुझे ऐसा लगा, कि मेरे अंदर
गरम-गरम सरिया डाल दिया हो | गोरा तो ख़ुशी मे पागल हो गया और एक और जोर
का धक्का उसने मारा और उसका लंड मेरी चूत को फाड़ता हुआ पूरा अंदर घुस
गया | एक खून की पिचकारी मेरी चूत से बाहर आयी और मेरे सारी कमर मे दर्द
होने लगा | मेरी चूत मे चीस होने लगी थी, लेकिन गोरा तो पागल था, पूरा
जोर से धक्के पे धक्के मार रहा था और बोल रहा था "सेक्सी इंडियन", सेक्सी
इंडियन" |
२-३ मिनट बाद मेरा थोडा सा दर्द कम हुआ और मुझे मज़ा आने लगा और मै भी
उसके साथ अपनी कमर हिलाहिला कर उछलने लगी | मुझे मज़ा आने लगा था | हर
धक्के के साथ, मै जोर से सिसकिया ले रही थी | अचानक से, मुझे अपने अंदर
से कुछ बाहर आता हुआ महसूस हुआ और मै उसको निकालने के लिए जोर-जोर से
हिलने लगी और जोर के झटके के साथ कुछ सफ़ेद सा रस बाहर आ गया | गोरा अभी
भी लगा हुआ था और वेट, वेट चिला रहा था | फिर उसने जोर से अपना लंड मेरी
चूत से बाहर निकला, तो इसे लगा के शरीर मे कुछ फसा था, वो एक दम बाहर आ
गया | मै निढाल होकर लाती रही और गोरा हाथ से मुठ मरता रहा | जेसे, उसने
जोर से हिलना शुरू किया, उसके लंड से बहुत सारा सफ़ेद रस मेरे शरीर पे आ
गिरा और ऐसा लगा, की किसी ने गर्म कोयला मेरे शरीर पर रख दिया हो | उसने
अपना पूरा लंड मेरे शरीर पर झाड दिया और कपडे पहन के दूसरी तरफ लेट गया |
जब मुझे थोडा आराम मिल गया, तो मैने उठकर अपना शरीर साफ़ किया और कपडे
पहन कर काम करने चली गयी | कुछ भी हो, मेरे लिए वो गोरा कामदेव का अवतार
था, जिसने मुझे पहली बार चोदा |
गावं की गोरी, मस्त छोरीमेरा नाम कमलेश है और मै राजस्थान के एक बहुत छोटे से गावं की रहने वाली
हू | हमारे यहाँ छोटे-छोटे कच्चे-पक्के घर होते है और जमींन के नाम पर
पथ्थरो के पहाड़ और रेगिस्तान है | हम किसान है और किसानी के नाम पर
पथ्थरो के पहाड़ और रेगिस्तान मे कुछ कांटे और बबूल उगाते है | मेरी उम्र
१४ साल है, लेकिन हमारी तरफ औरत और आदमी की कद-काठी बहुत अच्छी होती है,
तो मै २२-२३ साल की जवान छोरी लगती हु | गावं के बहुत से लोंडे मुझे याद
करके मुठ मारते है | लेकिन, मै सिर्फ अपने काम से काम रखती हू | मेरे घर
मे अच्छा बड़ा आँगन है और एक कोठरी है | मै और मेरा छोटा भाई आँगन मे
सोते है और माँ, बापू कोठरी मे | एक दिन, काफी तूफ़ान आ रहा था और बाहर
सोना थोडा मुश्किल था, तो माँ ने हम दोनों को कोठरी मे बुला लिया और एक
कोने मे हम सो गये | मेरा बापू शराबी था और शराब पीके काफी हंगामा करता
था, फिर माँ उसपर जान देती थी | मैने अक्सर महसूस किया था, कि बापू माँ
के चूचो पर या कमर पर चुटकी काट लेता था, तो वो हलके से मुस्कुरा देती थी
| रात को सोते समय कोठरी मे हलकी से रौशनी के लिए एक दीपक जलता था, उसकी
रोशनी ज्यादा तो नहीं, लेकिन देखने के लिए काफी थी |
खाना खाने के बाद हम सब सो गये | आधी रात को अचानक से मुझे किसी के बात
करने की आवाज़ सुनायी दी | मैने लेटे-लेटे ही देखने के कोशिश की, तो
देखा, माँ-बापू हलके-हलके बात कर रहे है और बापू ने माँ को अपने उपर ले
रखा है | आवाज़ तो काफी हलकी थी, तो सुनाई तो कुछ नहीं दिया, लेकिन मै सब
कुछ देख सकती थी | माँ बापू के उपर थी और मुह से मुह मिलकर कुछ कर रहे थे
| तब तक मुझे कुछ मालूम नहीं था | जब मुझे सेक्स के बारे मे पता चला तो
सब समझ आ गया | माँ बापू के उपर थे और वो एक दुसरे के होठो को चूस रहे थे
| माँ हलके-हलके सिसकिया भर रही थी | बापू ने माँ को जोर से पकड़ा हुआ था
और कमर पर कुछ कर रहे थे | फिर माँ ने हमारी तरह देखा और हमें सोता देखकर
खड़ी होकर अपनी साड़ी उतारने लगी | जब माँ पूरी नंगी हो गयी, तो देखा माँ
कितनी सुंदर थी | माँ के चुचे बड़े-बड़े और कसे हुए थे और मस्त शरीर था |
उसके आगे मुझे कुछ समझ नयी आया | क्योकि माँ को इस तरह देख कर, मेरे चूचो
ने खड़ा होना शुरू कर दिया था |
बापू अभी भी लेटे थे | माँ ने उनकी टांगो से कुछ हटाया और उस पर बैठ गयी
| माँ के बैठते ही, माँ की हलकी से चीख निकल गयी | फिर माँ सिसकिया लेटे
हुए आपने आप को ऊपर नीचे करने लगी और बापू भी हिलने लगे | थोड़े देर मे
माँ एक झटके के साथ बापू के ऊपर पर गिर गयी और उन दोनों ने एक दुसरे को
कसकर पकड़ लिया | मै ये सारा कुछ देख रही थी, मुझे कुछ ज्यादा समझ तो
नहीं आया, लेकिन मेरे चुचे खड़े थे और चूत से पानी निकल रहा था | अगले
दिन जब मै नहाने गयी, तो पूरी नंगी हो कर, अपने आप को माँ से मिलाने लगी
| चुचे मेरे भी बड़े थे लेकिन, माँ के ज्यादा बड़े थे और उनका बदन ज्यादा
गठीला और सुंदर था | मै रोज़ काम पर अकेले ही जाते थी और अकेले ही खेत पर
काम करती थी | वहाः पर कोई आता जाता नहीं था, बस कभी-कभी पुलिस वाले और
कभी कोई गोरा साहब और गोरी मेम, घूमते हुए आ जाते थे | जब मै सुबह काम के
लिए निकली थी, तो मुझे पता भी नहीं था, कि आज खेत पर कुछ होने वाला है |
कड़ी दुपहर के वक़्त, मै काम करके एक पेड़ के नीचे आराम कर रही थी | पेड़
पर ज्यादा पत्तिया नहीं थी , तो धुप से थोडा ही बचाव हो रहा था और मैने
लेटने के लिए थोड़ी सुखी घास डाली थी |
इतने मे एक गोरा वहा आया और उसने पानी के लिए पूछा, मेरे पास पानी था, तो
उसको पीने के लिए दे दिया | वो पानी पीकर घास पर बैठ गया और उस जगह के
बारे मे पूछने लगा | उसने एक बनियान और एक ढीला सा निकर पहना था, लेकिन
उसका शरीर मजबूत था | मे उसकी तरफ घुर रही थी | वो मेरी नज़रो को समझ गया
और मेरे ऊपर अपना हाथ चलाने लगा | पहले तो, मे पीछे हट गयी, लेकिन जब
उसने मुझे एक हाथ से पकड़ लिया तो मे सरक के उसके पास आ गयी | उसने अब
दोनों हाथ मेरे शरीर पर चलाने शुरू कर दिये | मुझे भी कुछ कुछ होने लगा
था | फिर गोरे ने अपने हाथ मेरी सलवार के अंदर डाल दिये और मेरे चूचो को
जोर-जोर से दबाने लगा | मेरे मुझे से सिस्स्किया निकलनी शुरू हो गयी |
गोरे ने मेरा कुरता उतर दिया और मुझे लिटा दिया और ऊपर आ कर मेरे होठो को
चूमने लगा | वो बार- बार बोल रहा था | सेक्सी इंडियन, सेक्सी इंडियन |
मुझे इंग्लिश नहीं आती थी, तो कुछ समझ नहीं आया | लेकिन जब वो मेरे होठो
को चूस रहा था तो बड़ा मज़ा आ रहा था | फिर, उसने एक हाथ से मेरी सलवार
खोली और उसके अंदर हाथ डाल दिया और मेरी चूत को कस कर पकड़कर दबा दिया |
फिर, गोरे ने मेरी सलवार उतार कर मुझे नंगा कर दिया और खुद भी नंगा हो
गया | उसका पूरा शरीर सफ़ेद था और सन के तरह गोरा था और सोने के तरह धुप
मे चमक रहा था | टांगो के बीच उसके कुछ लटका हुआ था, जो मेरे पास नहीं था
| उसी ने मुझे चूत और लंड का फर्क बताया | उसका लंड मेरी गठीला बदन देखा
कर खड़ा हो गया था और बार-बार झटके मार रहा था | अब गोरे ने मुझे घास पर
लिटा दिया और मेरे ऊपर आकर मेरे चुचे चूसने लगा | उसके होट मेरे निप्पल
को चूस रहे थे और उसका लंड मेरी चूत पर टकरा रहा था | गोरे ने थोडा जल्दी
करते हुए, अपना लंड मेरी चूत पर रखा और अंदर के तरफ ठोखा | मेरी चूत छोटे
और कसी थी, क्योकि पहली बार चुद रही थी, तो गोरा लंड फिसलकर साइड मे चले
गया | गोरे ने थोडा सा थूक अपने हाथ मे लिया और मेरी चूत और अपने लंड को
मलकर गीला किया | अब गोरे ने फिर से निशाना लगाया | अबकी बार, लंड थोडा
सा अंदर घुस गया और मेरी चीख निकल गयी | मुझे ऐसा लगा, कि मेरे अंदर
गरम-गरम सरिया डाल दिया हो | गोरा तो ख़ुशी मे पागल हो गया और एक और जोर
का धक्का उसने मारा और उसका लंड मेरी चूत को फाड़ता हुआ पूरा अंदर घुस
गया | एक खून की पिचकारी मेरी चूत से बाहर आयी और मेरे सारी कमर मे दर्द
होने लगा | मेरी चूत मे चीस होने लगी थी, लेकिन गोरा तो पागल था, पूरा
जोर से धक्के पे धक्के मार रहा था और बोल रहा था "सेक्सी इंडियन", सेक्सी
इंडियन" |
२-३ मिनट बाद मेरा थोडा सा दर्द कम हुआ और मुझे मज़ा आने लगा और मै भी
उसके साथ अपनी कमर हिलाहिला कर उछलने लगी | मुझे मज़ा आने लगा था | हर
धक्के के साथ, मै जोर से सिसकिया ले रही थी | अचानक से, मुझे अपने अंदर
से कुछ बाहर आता हुआ महसूस हुआ और मै उसको निकालने के लिए जोर-जोर से
हिलने लगी और जोर के झटके के साथ कुछ सफ़ेद सा रस बाहर आ गया | गोरा अभी
भी लगा हुआ था और वेट, वेट चिला रहा था | फिर उसने जोर से अपना लंड मेरी
चूत से बाहर निकला, तो इसे लगा के शरीर मे कुछ फसा था, वो एक दम बाहर आ
गया | मै निढाल होकर लाती रही और गोरा हाथ से मुठ मरता रहा | जेसे, उसने
जोर से हिलना शुरू किया, उसके लंड से बहुत सारा सफ़ेद रस मेरे शरीर पे आ
गिरा और ऐसा लगा, की किसी ने गर्म कोयला मेरे शरीर पर रख दिया हो | उसने
अपना पूरा लंड मेरे शरीर पर झाड दिया और कपडे पहन के दूसरी तरफ लेट गया |
जब मुझे थोडा आराम मिल गया, तो मैने उठकर अपना शरीर साफ़ किया और कपडे
पहन कर काम करने चली गयी | कुछ भी हो, मेरे लिए वो गोरा कामदेव का अवतार
था, जिसने मुझे पहली बार चोदा |
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