Grab the widget  Get Widgets

h ado

yl

ity

शनिवार, 22 दिसंबर 2012

पहली चुदाई भाभी की


प्रेषक : प्रतीक

MastiYa के सभी पाठकों और गुरूजी को मेरा नमस्कार !

मैं प्रतीक, मध्यप्रदेश का रहने वाला हूँ। मैं  पिछले एक वर्ष से नियमित पाठक हूँ। मैंने यहाँ बहुत सी कहानियाँ पढ़ी हैं। मैं भी आप सबसे अपना अनुभव बांटना चाहता हूँ।

मैं ऍमबीए का छात्र हूँ। यह कहानी तब की है जब मैं ऍमबीए करने के लिए नया-नया इंदौर आया था। इंदौर आने पर मेरी सबसे पहली समस्या यह थी कि मुझे एक अच्छे कमरे की तलाश करनी थी। मेरे कुछ दोस्त पहले से इंदौर में पढ़ाई कर रहे थे इसलिए उन्होंने मुझे जल्दी ही एक अच्छा कमरा दिलवा दिया।

मेरी जिन्दगी अच्छी तरह से चल रही थी। मैं जहाँ पर रहता था, उस कालोनी में बहुत सी सुन्दर महिलाएं और लड़कियां रहती थी। मैं कॉलेज में व्यस्त होने क कारण किसी पर भी ज्यादा ध्यान नहीं देता था।

मैंने एक दिन देखा कि मेरे पास वाले कमरे में कुछ नए लोग रहने के लिए आये हैं। वो कुल मिलकर तीन लोग थे- पति, पत्नी और उन भाभी की छोटी बहन !

भाभी देखने में बहुत ही सुन्दर थी, भाभी का जिस्म 34-28-36 का होगा। उनकी नई-नई शादी हुई थी।

एक दो बार कॉलेज आते जाते हुए ऐसे ही हम दोनों ने एक दूसरे को देखा था। दो एक महीने तो ऐसे ही गुजर गए, मैं भी अपनी पढ़ाई में व्यस्त हो गया।

एक दिन जब मैं अपने कमरे में पढ़ाई कर रहा था। अचानक मेरे कमरे की घंटी बजी, मैंने जब दरवाज़ा खोला तो देखा कि पास वाली भाभीजी सामने खड़ी थी।

मैंने उनको हेल्लो कहा और अन्दर आने को कहा।

उन्होंने मुझसे कहा- आज तुम्हारे भैया बाहर गए हुए हैं, मुझे बाज़ार से कुछ चीजें मंगवानी हैं, क्या आप मेरी चीजें कॉलेज से आते वक़्त ले आयेंगे?

मैंने कहा- ठीक है मैं ले आऊंगा ! ...क्योंकि जहाँ से मुझे उनकी चीजें लेनी थी वो मेरे कॉलेज के रास्ते में ही है।

वो मुझे धन्यवाद कहकर अपने घर चली गई...

मैं भी तैयार होकर अपने कॉलेज चला गया और लौटते समय उनका सामान ले आया। मैं अपने कमरे पर नहाकर, कपड़े बदलकर भाभी के घर सामान देने गया।

भाभी ने मुझे अन्दर बुलाया, उन्होंने अपनी बहन से मेरा परिचय कराया। उन्होंने मुझे धन्यवाद कहा, मेरे बारे में बहुत सी बातें पूछी जैसे कि मैं कहाँ का रहने वाला हूँ, मेरा नाम क्या है, मैं क्या करता हूँ....

कुछ देर बात करने के बाद मैं अपने कमरे पर वापिस आ गया।

कुछ दिन ऐसे ही निकल जाने के बाद मेरी और भाभी की अच्छी दोस्ती हो गई।

मैंने भाभी से भैया के बारे में पूछा तो उन्होंने बताया- वो एक कंपनी में काम करते हैं और इस कारण अधिकतर घर से बाहर ही रहते हैं।

अब भाभी मेरे से पूरी तरह से खुल गई थी, मैं भी उन्हें सारी बातें बताता था।

एक बार भाभी ने मुझसे पूछा- क्या तुम्हारी कोई गर्लफ्रेंड हैं?

मैंने कहा- नहीं हैं !

उन्होंने कहा- क्यों ? तुम तो बहुत ही अच्छे और स्मार्ट लड़के हो !

तो मैंने उनसे कहा- मुझे पढ़ाई से ही समय नहीं मिलता है !

वो यह सुनकर थोड़ी खुश दिखी। मुझे उस वक़्त तक नहीं मालूम था कि क्यों !

कुछ दिन निकल जाने के बाद मैंने देखा कि भाभी उदास-उदास सी रहने लगी हैं। पहले तो मुझे लगा कि शायद अपने घर वालों की याद आ रही होगी लेकिन एक दिन मैंने देखा कि वो बहुत ज्यादा उदास हैं। वो मेरे कमरे पर यूँ ही आई थी, मैंने उनसे उनकी उदासी का कारण पूछा तो उन्होंने कहा- कुछ नहीं !

पर मैंने उनसे कहा- अगर आप मुझे अपना अच्छा दोस्त समझती हैं तो मुझे अपनी दिक्कत बताओ !

तो उन्होंने कहा- मुझे तुम्हारे भैया की बहुत याद आ रही है !

तो मैंने कहा- उनसे बात कर लो फ़ोन पर !

तो उन्होंने कहा- मुझे जो चाहिए वो बात करने से नहीं मिलेगा !

मैंने कहा- मैं समझा नहीं ?

उन्होंने कहा- शादी के बाद मुझे तुम्हारे भैया से पूरा सुख नहीं मिला है !

पहले तो मैं समझा नहीं, पर एक दम मुझे लगा कि शायद भाभी प्यासी हैं, उनकी बहुत दिन से चुदाई नहीं हुई है।

मैंने भाभी से कहा- तो फिर आप भैया को कुछ दिन के लिए यहीं पर बुला लीजिये !

उन्होंने बताया कि भैया के ऑफिस में काम बहुत है और अगले 20-25 दिन वो घर नहीं आयेंगे।

तो मैंने भाभी को समझाया और उनके घर भेज दिया।

पर भाभी की तन की प्यास बढ़ती जा रही थी।

वो एक दिन मेरे पास आई और उन्होंने मुझसे कहा- प्रतीक तुम मुझे बहुत अच्छे लगते हो !

मैंने कहा- भाभी आप भी मुझे अच्छी लगती हैं !

उन्होंने एकदम से मुझे अपने गले लगा लिया।

मैंने भाभी को दूर करते हुए कहा- भाभी, यह आप क्या कर रही हैं?

भाभी ने कहा कि वो मुझे बहुत पसंद करती हैं और मुझसे प्यार करती हैं।

मैंने कहा- भाभी, यह गलत है !

तो उन्होंने कहा- कुछ गलत नहीं है ! अगर उन्हें प्यार नहीं मिला तो वो मर जाएँगी !

मैंने भाभी से कहा- भाभी ! आप अभी अपने घर चली जाएँ !

पर भाभी एकदम मेरे पास आ गई और उन्होने मुझे बाहों में भर लिया। पहले तो मैं उन्हें दूर करने लगा पर थोड़ी देर बाद मुझे भी मज़ा आने लगा। भाभी के बड़े बड़े स्तन मेरे सीने से टकराने लगे।

मैंने भाभी को कसकर अपनी बाहों में भर लिया और उन्हें चूमने लगा। मैंने अपने होंठ उनके रसीले होंठों पर रख दिए, मैं ऐसे ही उनके होंठ चूसने लगा। क्या रसीले होंठ थे उनके !

10-15 मिनट उनके होंठों को चूसने के बाद मैंने अपना एक हाथ भाभी की चूचियों पर रख दिया और दूसरा उनकी गांड पर रख दिया। मैं भाभी की चूचियों को ऊपर से ही दबाने लगा। वो आह आह की सिसकारियाँ निकालने लगी।

मैंने धीरे से भाभी की साड़ी खोल दी और अलग फ़ेंक दी। मैंने धीरे-धीरे भाभी का ब्लाउज़ और पेटीकोट भी निकाल कर अलग कर दिए। अब भाभी मेरे सामने सिर्फ ब्रा और पैंटी में थी। क्या गज़ब की लग रही थी- लग रहा था जैसे कोई स्वर्ग की अप्सरा सामने खड़ी हो !

मैं फिर से भाभी को चूमने लगा। भाभी ने मेरे कपड़े भी निकाल दिए। फिर हम दोनों एक दूसरे को चूमते-चूमते बिस्तर पर आ गए। मैंने अब भाभी के ब्रा का हुक खोल दिया। अचानक उनकी बड़ी बड़ी चूचियां मेरे सामने आ गई। उनकी चूचियां बहुत ही गोरी थी। मैं उनकी एक चूची अपने मुँह में लेकर चूसने लगा और दूसरे हाथ से दूसरी चूची दबाने लगा। भाभी अलग तरह की आवाजें निकालने लगी। मैंने इसी बीच भाभी की पैंटी भी निकाल दी और दो ऊँगलियाँ उनकी चूत में घुसा दी। वो सिसकारियाँ भरने लगी।

फिर भाभी के पूरे बदन को चूसता हुआ उनकी चूत चाटने लगा। वो अजीब तरह की आवाजें निकलने लगी। मैं उनकी चूत बहुत तेजी से चाट रहा था। फिर मैंने अपनी जीभ भाभी की चूत में घुसा दी। भाभी को अब बहुत मज़ा आने लगा था, वो मेरा सर पकड़ कर अपनी चूत में और अन्दर तक दबाने लगी।

मैं भी मज़ा ले लेकर उनकी चूत चाट रहा था। आधा घंटा चूत चाटने के बाद भाभी ने सारा पानी में मेरे मुंह में ही छोड़ दिया। मैंने उनका सारा पानी पी लिया। अब मैं भाभी की चूत में दो ऊँगलियाँ डालकर अन्दर बाहर कर रहा था। उन्हें बहुत मज़ा आ रहा था। कुछ देर ऐसा करने के बाद मैंने अपना आठ इंच का लंड उनके मुँह के पास रख दिया और उनसे कहा- आप इसे चूसो !

भाभी ने बिना संकोच किये मेरा पूरा का पूरा लंड अपने मुँह में ले लिया और एक चुदक्कड़ की तरह चूसने लगी। मुझे ऐसा लग रहा था जैसे मैं स्वर्ग की सैर कर रहा हूँ। कुछ देर लंड चूसने के बाद मैंने भाभी के मुँह में ही अपना सारा वीर्य छोड़ दिया। वो मेरा सारा का सारा वीर्य पी गई और मेरे लंड को भी चाट कर साफ़ कर दिया।

अब मैं और भाभी दोनों ही बहुत गर्म हो गये थे। मैंने भाभी को बिस्तर पर सीधा लेटाकर अपने लंड का अग्र भाग उनकी चूत के मुख पर रखा और भाभी के होंठो को चूमते हुए एक जोर का धक्का लगाया। मेरा लंड उनकी चूत को चीरता हुआ आधा उनकी चूत में घुस गया। भाभी के मुँह से एक तेज़ चीख निकली पर मैंने अपने होंठों से उनकी चीख दबा ली। भाभी की चूत में बहुत ज्यादा दर्द हो रहा था। शायद भैया का लंड बहुत छोटा था जिसके कारण भाभी की चूत की झिल्ली अभी तक टूटी नहीं थी।

मैंने जब भाभी से पूछा तो उन्होंने कहा- मुझे बहुत दर्द हो रहा है, तुम अभी जरा भी हिलना मत !

उन्होंने मुझे साथ ही यह भी बताया कि तुम्हारे भैया का लण्ड केवल तीन इंच का है और वो भी पतला !

कुछ ही देर में भाभी का दर्द थोड़ा कम हुआ। उन्होंने मुझे इशारा करते हुए अपने चूतड़ ऊपर उठाने लगी। मैंने इशारा देखकर एक और तेज झटका मारा, इस बार मेरा पूरा लंड भाभी की चूत में प्रवेश कर चुका था। भाभी को बहुत दर्द हुआ, उन्होंने मुझे फिर रुकने के लिए कहा लेकिन इस बार मैंने उनकी नहीं सुनी और अपना लंड अन्दर बाहर करता रहा। भाभी को बहुत दर्द हुआ, उनके आंसू तक निकल गए।

थोड़ी देर ऐसे ही करते रहने के बाद उनका दर्द कम हुआ और वो भी मज़े लेने लगी। अब मैं उनको बहुत तेजी से चोद रहा था, वो भी अपनी गांड उठा-उठा कर मेरा साथ दे रही थी।

अचानक भाभी ने मुझे कस कर पकड़ लिया और अपना पानी छोड़ दिया लेकिन मेरा लंड अभी भी पूरे जोश में था। मैं उनको चोदता रहा ! उनको बहुत मज़ा आ रहा था। मैंने भाभी को उठाकर कुतिया की तरह बनने को कहा। वो आगे की तरफ झुककर कुतिया की तरह पलंग पर बैठ गई। मैंने अपना लंड पीछे से उनकी चूत में डाल दिया। इस बार एक ही बार में मेरा पूरा लंड उनकी चूत की अंतिम सीमा तक घुस गया। अब मैं उनको बहुत जंगली तरीके से तेज़ तेज़ चोद रहा था।

अचानक मुझे लगा कि मेरा पानी छुटने वाला है। तब मैंने भाभी से पूछा- मेरा वीर्य निकलने वाला है, कहाँ पर निकालूँ?

तो उन्होंने मुझे कहा- मेरी चूत के अन्दर ही छोड़ दो !

मैंने कहा- ठीक है !

और मैंने अपना सारा वीर्य उनकी चूत में ही छोड़ दिया और उनके ऊपर चूत में लंड डालकर लेट गया।

उसके थोड़ी देर बाद हम दोनों उठे और बाथरूम में एक साथ चले गए और भाभी ने मेरा लंड मुँह से चाट कर साफ़ किया और मैंने उनकी चूत चाट कर साफ़ की। हम दोनों ने एक साथ शावर लिया और नहाते हुए ही हमने एक बार और सेक्स किया।

मैंने भाभी को चोदते हुए कहा- मैं आपकी गांड भी मरना चाहता हूँ !

तो भाभी ने कहा- अब तो मैं पूरी की पूरी तुम्हारी ही हूँ ! तुम जो चाहो मेरे साथ कर सकते हो !

अब मैं भाभी को जब चाहता हूँ चोद देता हूँ। वो भी मुझसे चुदने का मौका देखती रहती हैं। अब हमारे सम्बन्ध के बारे में भाभी की छोटी बहन को भी पता चल गया है।

भाभी ने मुझे एक दिन चुदाई करते वक़्त बताया- मेरी बहन को सब मालूम पड़ गया है और वो भी चुदना चाहती है तुम से !

मैं तो यह सुनकर खुश हो गया और भाभी की बहुत तेज़ चुदाई करने लगा।

मैंने भाभी की गांड भी मारी और उनकी छोटी बहन की सील भी तोड़ी, यह सब मैं अपनी अगली कहानी में बताऊंगा।

मुझे prateek3786@yahoo.com पर मेल करें !

4 टिप्‍पणियां:

  1. I lοve ωhat you guys are usuallу up toο.
    Τhis soгt of clever work anԁ exрosure!
    Keep uр the fаntastic ωorκs guyѕ I've you guys to blogroll.
    My web site computer coupons australia

    जवाब देंहटाएं
  2. To print from this site, you have to install software
    on your computer but it is harmless and will not affect you in any way, shape or form.
    this lamp post, how much they want to go in the bottom of page, click Add, and then decided the
    above entitled case. The coupons must be used before their expiration
    dates.
    My web page computer coupons discounts

    जवाब देंहटाएं
  3. Terrific article! This is the kind of information that are supposed
    to be shared across the net. Shame on Google for no longer positioning this submit higher!
    Come on over and discuss with my web site . Thank you =)
    Also see my page :: cam chat

    जवाब देंहटाएं
  4. Increԁible! This blog lοoks ехaсtly lіke my old оnе!
    It's on a totally different topic but it has pretty much the same layout and design. Superb choice of colors!
    Here is my web blog ... computer coupon deals

    जवाब देंहटाएं

Related Posts Plugin for WordPress, Blogger...

AddThis Smart Layers

ch 1

c

ch b