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सोमवार, 14 जनवरी 2013

मेरी प्यारी दीदी और मैं

दोस्तों मै यहाँ पे नया हु मेने काफी इन्सेस्ट स्टोरीज पड़ी है इसलिए मै भी अपने घर मैं हुई कुछ बातो को आपसे शेयर करना चाहता हु 1 स्टोरी के माध्यम से प्लीज मुझे गाइड किजेगा
स्टोरी शुरू करता हु - हमारे घर मे मैं और मेरी 1 बड़ी बेहेन है .मेरा नाम सोनू है और मेरे दीदी का नाम प्रीती है बात तब की है जब मैं 10th क्लास मे था और मेरी दीदी 12th क्लास में थी हम दोनों मैं किसी भी नार्मल भाई बेहेन की तरह प्यार था बचपन से हम साथ थे मेरे दीदी मेरा बहुत ध्यान रखती थी लेकिन मेरी लाइफ मै 1 दिन एसा आया की मेरा उसको देखने का ढंग ही बदल गया .जब दीदी 12th मै थी तो उनका फिगर होगा 34-30-34 लम्बे बाल 5'5 हाइट गोरा कलर .हम साथ मे ही स्कूल जाते थे।मेरे मन मे उनके लिए कुछ भी गंदे विचार नहीं थे लेकिन उस 1 दिन ने सब कुछ बदल दिया।

उस दिन सन्डे था हमारे स्कूल की छुट्टी थी मै और मेरे दीदी साथ ही सोते थे उनके और मेरे बेड के बीच 1 टेबल रखी हुई थी।हा तो उस दिन सन्डे के दिन मम्मी ने मुझे बोला की जा सोनू दीदी को उठा दे 9 बज रहे है मैंने कहा हा मम्मी मैं अपने रूम मे गया तो दीदी सो रही थी गर्मियों के दिन थे तो दीदी रात मे गाउन पेहेन लेती थी 
उस दिन सुबह जब मै दीदी को उठाने पहुंचा तो दीदी साइड करवट में सो रही थी और उनका गाउन ऊपर हो गया था मैंने जेसे ही उन्हें उठाने के लिए उनपे से चद्दर हटाई मेने अपनी दीदी के नंगी चिकनी टांग देखी उनका गाउन उनकी thigs तक ऊपर हो गया था और जेसे ही मेने उनकी नंगी गोरी और चिकनी टांग देखी मुझे पता नहीं क्या होगया मेरे लंड मे 1 दम से हरकत हुई न चाहते हुए भी मुझे दीदी के ऊपर उठे गाउन मे से उनकी नंगी चिकने thighs म मजा आ रहा था बिलकुल गोरी साफ़ और चिकनी thigs थी मेरे दीदी की .........(To be Contd.)
उनकी नंगी गोरी thigs देख के क मुझे पता नहीं क्या हो गया था आज तक मैंने किसी भी लड़की का एसा कुछ नहीं देखा था उस समय मुझे ये तक नही पता था की लड़की होती क्या है बस स्टडी और खेलना ही जानता था 1 दम से आज मैंने वो देखा जिसका मुझे आज तक पता नहीं था दीदी की thigs देखने के बाद मुझे और देखने की इच्छा हुई तो मैंने दीदी के गाउन को बड़े ध्यान से धीरे 2 डरते 2 थोडा सा और ऊपर किया तो मुझे उनके हिप्स की स्टार्टिंग दिखाई दी वो नजारा भी क्या नजारा था दोस्तों मेरे जवान बड़ी बेहेन की पूरी नंगी चिकनी टांग हिप्स तक मेरे सामने थी मुझे एसा अनुभव पहले कभी नहीं हुआ था मुझे पता नहीं क्या हो गया था मैंने फिर उनका गाउन ध्यान से थोडा और ऊपर किया अब मुझे उनकी पेंटी नजर आ गई उन्होंने black कलर की पेंटी पेहेन रखी थी मेरी दीदी मेरे सामने अपनी पेंटी मे सो रही थी मेरा लंड बिलकुल खड़ा हो गया था मैंने पहली बार किसी लड़की की पेंटी और हिप्स देखे थे मेरी दीदी के हिप्स देख के मैं पागल हो गया पता नहीं क्या हो गया था मुझे मैं उनकी पेंटी को छूना चाहता था जेसे ही मैंने अपना हाथ अपनी दीदी की thigs पे रखा मम्मी ने आवाज लगा दी "प्रीती क्या हुआ उठी नहीं तू " और मैं वहा से भाग गया ..... (To be Contd.)मेरा साथ एसा कुछ होगा मैंने कभी नहीं सोचा था मेरी दीदी के लिए मेरी फीलिंग्स अब बदल चुकी थी उस दिन दीदी उठी ब्रश किया और सबको गुड मोर्निंग कहा और मुझे भी हमेशा की तरह गले लगा के विश किया उस दिन दीदी के गले लगने पर मुझे 1 अजीब सा एहसास हुआ उनकी कोमल स्किन उनके बालो की खुशबु उनके बदन के स्पर्श से आज मुझे बहुत मजा आ रहा था मैं डाइनिंग टेबल पे बता था जब दीदी में मुझे झुक के गुड मोर्निंग विश किया.
जेसे ही दीदी झुकी तो मेरी नजरे दीदी के कुर्ते के अंदर गयी क्या नजारा था दीदी के कुर्ते के अंदर का उन्होने कुर्ते के अंदर ब्लैक शमीज पेहेन रखी थी और शमीज के अंदर ब्रा पेहेन रखी थी उनकी ब्रा का शेप तो मुझे दिखा लेकिन कलर नही दिखा क्योंकि उनकी शमीज का कलर ब्लैक था लेकिन अंदर क्या शेप बन रहा था उनके झुकने के कारन उनके बोबे थोड़े से लटक भी गए थे क्या बोबे थे मेरी बेहेन के मैंने तो कभी गोर ही नहीं किया था की मेरी दीदी के बोबे इतने मोटे हें.मुझे हग करके वो भी टेबल पर बैठ गए नाश्ता करने के लिए वो न्यूज़ पेपर पढ़ रही थी लेकिन मेरी नजर तो बार बार उनपे ही जा रही थी वो कुछ भी लेने के लिए हाथ इधर उधर करती तो उनके कुर्ते के गैप मे से मुझे उनकी शमीज और ब्रा की स्ट्रैप्स दिखाई देती जिसे देखने मे मुझे बहुत मजा आ रहा था ............(To Be Contd.)
मैं बार बार दीदी की शमीज और ब्रा के स्ट्रैप्स उनके कुर्ते की साइड के गले मे से देख रहा था उनके अंदर के शरीर की गोरी गोरी कोमल skin देखने मे मुझे बड़ा मजा आ रहा था नाश्ता करते हुए मै किसी न किसी बहाने से दीदी का हाथ टच कर रहा था मैंने सोचा की अब और कुछ ज्यादा केसे मजे लिए जाये तभी दीदी ने मुझसे बोल "अरे सोनू मुझे सॉस की बोतल लाके देना किचन मे से " मै खड़ा हुआ और दीदी को सॉस की बोतल लाके दी और पीछे से दीदी के गले मै हाथ दाल के खड़ा हो गया और उनके कुर्ते के गले मे झाँकने लगा दीदी तो मुझे देख नहीं सकती थी उन्होंइ कहा की "क्या हुआ सोनू आज बड़ा प्यार आ रहा है तुजे अपनी दीदी पे " मैंने कहा नहीं दीदी वो तो एसे ही" और मैंने दीदी के कुर्ते के अंदर पास से देखा उनकी शमीज और उनकी ब्रा मुझे अब साफ़ नजर आ रे थी मैंने अब हाथ गले से निकाल कर उनके कंधो पे रख लिया और उनकी ब्रा स्ट्रैप्स को महसुस करने लगा ये सब करते हुए मेरा लंड बिलकुल टाइट खड़ा था इच्छा तो हो रही थी की पीछे से खड़े होके उनके कुर्ते के गले मे हाथ डाल के उनके बोबे दबा दू उनकी ब्रा फाड़ के चूस लो उनके मोटे कोमल बोबो को लेकिन कुछ कर भी तो नहीं सकता था।सबका नाश्ता ख़तम हो चूका था और दीदी भी नाश्ता करके घर की साफ़ सफाई मे लग गए थी अब मै बस इसी फिराक म था की दीदी झुके और उनके बोबे देखलू मै दीदी के आस पास ही था
1दम से मम्मी ने कहा "प्रीती तू झाड़ू पूछे का कम ख़तम कर बर्तन और खाना मै कर लुंगी " दीदी ने कहा ठीक है मम्मी की ये बात सुनके मुझे मजा आया था क्योंकि मुझे पता था की अब मेरे बेहेन झाड़ू निकालेगी झुक झुक के वो जेसे ही झुकी झाड़ू निकलने के लिए मुझे उसकी ब्रा दिखाई दी मैंने पहले बार अपनी बेहेन की ब्रा और बोबे इतने क्लियर देखे थे मैंने सोचा दीदी की शमीज कहा गई शायद गर्मी के कारन उतार दी होगी जेसे 2 वो झुकती मुझे उसके ब्रा मे क़ैद बोबो के दर्शन होते हाय कितने मोटे मोटे बोबे थे रस से भरे हुए कितने कोमल होंगे ये बस यही सोच के और दीदी के ब्रा देख देख के मेरे हालत ख़राब हो चुकी थी मेरे लंड मे इतना तेज दर्द होने लग गया था की मैं बता नही सकता मै फटाफट बाथरूम गया वहा मैंने देखा दीदी के टॉवल के नीचे उनकी शमीज लटकी हुई थी मैंने उस शमीज को उठाया और सुंघा इतने कमसीन खुशबु थी उस शमीज मे दीदी के बोबो की शमीज सूंघते 2 अपने आप ही मेरे हाथ मेरे लंड पर चले गए और मैं अपना लंड हिलाने लगा ये सोच के की ये शमीज दीदी ने पेहेन रखी थी इसमें उसकी ब्रा थी और ब्रा में उसके मोटे कोमल बोबे थे और ये सोचते 2 मै झर गया आज जेसा सुकून आज जेसी फीलिंग मुझे कभी नहीं हुई थी अब मैंने सोचा की अगर दीदी की शमीज से इतना मजा आया मुझे तो दीदी को पूरी नंगी देखने मे कितना मजा आएगा ....(To Be Contd.)
जेसे ही मैं बाहर निकला मैंने दीदी के तकिये के नीचे उनके सेलफोन की लाइट चमकते देखी मैंने जाके सेलफोन चेक किया तो दीदी के सेलफोन1 पे मेसेज था मैंने वो मेसेज खोला उसमें लिखा हुआ था "गुड मोर्निंग मेरी सेक्सी जान क्या कर रही हो " वो मेसेज पड़ के मुझे शॉक लगा मैंने सोचा"ये क्या दीदी का कोई bf भी है " मुझे बहुत गुस्सा आया लेकिन मैंने अपने गुस्से को दबा लिया और मैं समझ गया की अगर ये लोग फोन पे chat करते हें तो नेट पे भी करते होंगे इनको पकड़ने के 1लिए प्लान सोच लिया . फिर मैंने सेलफोन वापस तकिये के नीचे रख दिया वो मेसेज डिलीट करके जब मैं हॉल मे गया तो दीदी पोछा लगा रही थी उनका कुरता थोडा पानी का काम करने के कारन गीला हो गया था इसी वजह से जब बी वो झुकती थी तो वो बहुत ज्यादा लटक रहा था मैं ये मौका नहीं छोड़ना चाहता था मैं 1 कॉमिक्स लेकर सामने बैठ गया जहा दीदी पोछा लगा रही थी और छुप छुप के उसकी ब्रा देखने लगा जब भी वो झुकती उसकी ब्रा का क्लियर व्यू मुझे दीखता क्योंकि कुरता गीला हो गया था , उसके झुकने पर उसकी ब्रा मे क़ैद उसके मोटे मोटे बोबे लटकते और ऊपर नीचे होते ये देख के मेरा लंड फिर से खड़ा होने लगा जब दीदी अपने हाथ उठा कर shelf साफ़ कर रही थी तो मैंने उनके underarms देखे वहां पर 1 भी बाल नहीं था बिल्कुल चिकना था मैंने सोचा दीदी क्या अपनी चुत के बाल बी साफ़ करती होगी क्या ये सब सोच 2 कर मेरा लंड वापस टाइट हो गया
तभी दीदी ने मुझे बुलाया "सोनू सुन जरा ये पानी के बाल्टी ऊपर लेके चल मैं तेरे पीछे 2 ऊपर आती हु " मैंने कहा हा दीदी मै बाल्टी लेके ऊपर चड़ा 2-3 सीडिया चडके 4th सीडी पे मेरे हाथ से पानी की बाल्टी छुट गई और सारा पानी दीदी के ऊपर गिर गया दीदी मुझ पर चिल्लाने लगी "पागल हे क्या अक्ल नहीं हे क्या तेरे में नहीं उठ रही थी तो बोल देता सारे कपडे गीले हो गए "लेकिन मेरा ध्यान तो मेरे बेहेन के हुस्न प था गीले होने के कारन उसके कुरता और कैपरी उसके शरीर से चिपक गए थे अब मुझे उसकी ब्रा का शेप बिलकुल क्लियर दिख रहा था और उसकी पेंटी का शेप भी मुझे साफ़ 2 दिख रहा था दीदी ने low waist पेंटी पेहेन रखी थी उसके बदन का 1-1 उभार मुझे नजर आ रहा था क्या मोटे 2 बोबे बाहर दिख रहे थे पतली कमर मोटी गांड गीले बाल बिलकुल कंचा लग रही थी फिर उसने मुझसे कहा की "क्या देख रहा है अब ध्यान से आना खुद मत गिर जाना सारे कपडे गीले कर दिए मेरे " मम्मी ने कहा अरे कपडे चेंज करले जल्दी नहीं तो सर्दी लग जाएगी मुझे पता था की अब दीदी बाथरूम मैं जाएंगी कपडे चेंज करने और ये मेरे लिए अच्छा मौका था उसे पूरी नंगी देखने का ......

दीदी अपने गीले कपड़ो को चेंज करने के लिए बाथरूम मे गई ये मेरे लिए अच्छा मौका था अपनी दीदी को कपडे चेंज करते हुए पूरी नंगी देखने का दीदी के बाथरूम का दरवाजा बंद करने के थोड़ी देर बाद मै बाथरूम के बाहर आकर खड़ा हुआ और बाथरूम के अंदर देखने की कोशिश करने लगा मेरे दिमाग मे ये चल रहा था की दीदी अब अपना टॉप उतार रही होंगी अब दीदी केवल ब्रा मे होंगी मेरा लंड पूरा खड़ा था और मै बाथरूम के दरवाजे मे कोई छोटा सा छेद या दरार ढूँढ रहा था जहा से मुझे बाथरूम के अंदर का बेहतरीन नजारा सामने आ जाए लेकिन मेरे फूटी किस्मत साला दरवाजे म कोई दरार या छेद ही नहीं था तो मैंने नीचे झुक के दरवाजे और ज़मीन के बीच के गैप मे से अंदर देखने के कोशिश की मुझे नीचे बाथरूम की टाइल्स के reflaction से कुछ धुन्दला सा नजर आया लेकिन कुछ दिखा नहीं बस दीदी की टांगें दिखी फिर दीदी का टॉप नीचे गिरा फिर कैपरी फिर दीदी की काली ब्रा नीचे गिरी फिर पेंटी नीचे गिर मै झुके हुए ही अपने लंड को सहलाने लगा की अब दीदी बाथरूम मे पूरी नंगी होगी मै अपना लंड हाथ मे लेके इधर उधर घूम रहा था की कही से तो बाथरूम के अंदर देखने की जगह मिल जाए लेकिन कही कुछ जगह नहीं मिली मै वापस नीचे के गैप मे से देखने लगा दीदी ने साथ ही नहाना भी स्टार्ट कर दिया था दीदी बाथरूम मे पट्टे पे बैठकर नहा रही थी मुझे उनकी थोड़ी सी नंगी thigs के दर्शन हुए इतने मे मम्मी ने मुझे आवाज दी और मै चला गया सोचते हुए की दीदी नंगी बाथरूम मे है कहा 2 साबुन लगा रही होगी अपने नंगे जिस्म पे कहा 2 हाथ फेर रही होगी ये सोच सोच के मेरा दिमाग ख़राब और लंड बिलकुल टाइट खड़ा था

जेसे ही दीदी नहा के बहार निकली मै जल्दी से बाथरूम मे घुस गया मैंने दीदी के टॉवल के नीचे देखा दीदी के उतरे हुए ब्रा और पेंटी लटके हुए थे मैंने दीदी की ब्रा को अपने हाथ मे लिया और उसे सूंघने लगा दीदी की ब्रा के कप्स को सहलाने लगा दीदी की ब्रा मे से इतनी प्यारी और मादक खुशबू आ रही थी की सूंघते ही मेरा लंड इतना टाइट हो गया जितना पहले कभी नहीं हुआ था फिर मैंने दीदी पेंटी ली और उसे सूंघा और उसे सूंघ कर कसम से दोस्तों मेरी हालत ही ख़राब हो गए दीदी की पेंटी मे से उनकी चूत के थोड़े डिस्चार्ज थोड़े पसीने की खुसबू थी उनकी पेंटी को मैंने अपने पूरे मुह पे फेरा उसे चाटा उसमे से नमकीन स्वाद आया लेकिन जो भी था मुझे बहुत अच्छा लग रहा था मैंने अपनी दीदी की पेंटी को अपने मुह पे और उनकी ब्रा को अपने लंड पे लपेट कर अपने लंड को हिलाने लगा मै पूरी तरह से दूसरी ही दुनिया मे था आँखें बंद करके दीदी की पेंटी को सूंघते हुए उनकी ब्रा अपने लंड पे सहलाते हुए हिलाने मे मुझे इतना मजा आ रहा था ये सोच रहा था की दीदी नंगी होके अपने हाथ से मेरा लंड हिला रही है और इतने मे मै झर गया और मेने अपने लंड का सारा मुट दीदी के ब्रा पे निकाल दिया इतना अच्छा मुझे कभी नहीं लगा था मेने फिर उनकी ब्रा को साफ़ करके वापस वही लटका दी और बाहर आ गया। दीदी ने नहा के 1 लॉन्ग कुरता और लेगिस पेहेन ली थी वो बाहर अपने गीले बालो को सूखा रही थी और मै साइड मे खड़ा 2 कुर्ते मे से दीदी के बोबे देख रहा था कितने मोटे और बाहर कि तरफ निकले हुए थे जेसे ही वो अपने बालो को झडकती उनके बोबे ऊपर नीचे हिलते उन्हें देखते 2 मै ये सोच रहा था की नहा के दीदी ने कौनसे कलर की ब्रा और पेंटी पहनी होगी मै कब अपनी दीदी को पूरी नंगी देखूंगा केसे उनको नंगी देखु और तभी दीदी ने पुछा "क्या देख रहा हे सोनू "मैंने मन मे सोचा दीदी आप नंगी केसी दिखोगी और आपको नंगी केसे देखू ये सोच रहा हु ........(To Be Contd.)

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