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गुरुवार, 24 जनवरी 2013

हैंडप्रैक्टिस (हस्तमैथुन) - eXBii

हैंडप्रैक्टिस (हस्तमैथुन) - eXBii

अपने हाथ से लिंग को तेजी के साथ गति देकर वीर्य को निकाल देना ही हस्तमैथुन कहलाता है। हस्तमैथुन को दूसरी भाषा में आत्ममैथुन भी कहते हैं। किशोर अवस्था में अधिकांश युवक हस्तमैथुन की क्रिया को अंजाम देना शुरू कर देते हैं। कई पुरुष अपने मित्रों को हस्तमैथुन करते देखकर खुद भी यह कार्य करने लगते हैं। हस्तमैथुन को बढ़ावा देने वाली वह किताबें भी होती है जो सेक्स क्रिया को जगाती है। हस्तमैथुन वे किशोर व जवान व्यक्ति करते हैं जो आवारा किस्म के, अपनी जिंदगी के बारे में न सोचने वाले तथा अपनी पढ़ाई के बारे में बिल्कुल भी ध्यान नहीं देते हैं।हस्तमैथुन करने से मन के अंदर हीन भावना पैदा हो जाती है। इस क्रिया को करने के बाद हस्तमैथुन करने वाला यह सोचता है कि वह इस प्रकार की गलती दुबारा कभी नहीं करेगा परन्तु वह पुरुष अपने मन को काबू न रख पाने की वजह से पुनः हस्तमैथुन की क्रिया करने को मजबूर हो जाता है और इस तरह से हीनभावना के शिंकजे में फंस जाता है। इस रोग को एंजाएटी न्यूरोसिस के नाम से भी जाना जाता है।इस रोग के अंदर पढ़ने में मन न लगना, खाने-पीने का मन न करना, कोई भी कार्य करने का दिल न करना तथा सदा ऐसा मन करना कि किसी भी काम को करने पर असफलता ही हाथ लगेगी, इस तरह के लक्षण दिखाई देने लगते हैं।हस्तमैथुन से संबंधित भ्रम-
  • हस्तमैथुन करने से क्या पुरुष संभोग करने के काबिल नहीं रहता है ?
  • अधिक हस्तमैथुन करने से क्या पुरुष का वीर्य ज्यादा पतला हो जाता है ?
  • क्या काफी समय से हस्तमैथुन का आदि पुरुष अपनी स्त्री को आनंद नहीं दे पाता है ?
  • हस्तमैथुन करने से क्या पुरुष मानसिक और शारीरिक रूप से कमजोरी महसूस करने लगता है ?कई मनोचिकित्सकों का मानना है कि अगर ज्यादा समय तक हस्तमैथुन न किया जाए तो वह हानिकारक नहीं होता है। अधिक मात्रा अत्यधिक हस्त्मेथुन हानिकारक है ,अत्यधिक हस्तमैथुन करने से शरीर के अंदर कई प्रकार के रोग पैदा हो जाते हैं जैसे- चेहरे की चमक समाप्त हो जाना, आंखों के नीचे काले गड्डे पड़ जाना, शरीर के विकास का रुक जाना, कमर के अंदर हमेशा दर्द बने रहना, शरीर की कमजोरी, कुछ भी खाने-पीने का मन न करना तथा किसी भी कार्य को करने में जी न लगना आदि लक्षण महसूस होने लगते हैं। कभी-कभी तो हस्तमैथुन करने के कारण बेचैनी, गुस्सा, मानसिक उत्तेजना तथा मन में ही

  • बेकार का भ्रमः-
    कई लोगों के मन में यह भ्रम पैदा हो जाता है कि अधिक मात्रा में हस्तमैथुन करने से लिंग का आकार टेढा हो जाता है। लेकिन सेक्स के ज्ञाताओं का कहना है कि हस्तमैथुन करने से लिंग के आकार में किसी भी तरह का कोई बदलाव नहीं आता है क्योंकि लिंग ऊतकों से बना हुआ होता है। लिंग के अंदर किसी प्रकार की कोई हड्डी नहीं होती है। इसकी बनावट स्पंज के जैसी ही होती है। इसलिए लिंग सामान्य अवस्था में लटका हुआ तथा मुलायम होता है। लिंग के अंदर जब तनाव पैदा होता है तो वह बहुत अधिक सख्त हो जाता है और इसकी वजह से वह एक तरफ झुक जाता है। लिंग की इस अवस्था को देखकर अधिकतर लोग अपने मन में लिंग के टेढ़ा होने का भ्रम पैदा कर लेते हैं। लिंग के अंदर तनाव पैदा हो जाने के समय में लिंग की नसों में खून भर जाने से लिंग का एक तरफ झुक जाना यह एक आम बात है। तनाव की अवस्था में भी किसी पुरुष का लिंग ठीक स्थिति में खड़ा नहीं हो सकता है।न भावना बढ़ने लगती है।
वीर्य को रोकना नामुमकिनः-
कई पुरुष हस्तमैथुन करते समय अंतिम समय पर पहुचने पर अपने लिंग को हाथ से दबाकर लिंग के आगे के मुख को बंद कर लेते हैं ताकि उनका वीर्य बाहर न निकल पाए। इस तरह से करने से वे लोग ये सोचते हैं कि वे हस्तमैथुन करने से आनंद भी उठा लें और उनके शरीर के अंदर वीर्य भी नष्ट न हो लेकिन इस तरह से करना किसी भी तरह से ठीक नहीं है, क्योंकि इससे शरीर को नुकसान होता है। हस्तमैथुन करने के बाद वीर्य का बाहर निकलना एक स्वाभाविक क्रिया है क्योंकि जब वीर्य अपनी जगह से निकलेगा तो वह पुनः अपनी जगह पर नहीं आएगा। अगर हस्तमैथुन करने के बाद वीर्य को बाहर निकलने से रोका जाए तो वीर्य मूत्र थैली के अंदर चला जाता है और बाद में मूत्र के साथ बाहर निकल जाता है। इसलिए लिंग पर किसी भी तरह का कोई दबाव देकर वीर्य का रोकना सही नहीं है। अधिक दबाव डालने के कारण लिंग को नुकसान पहुंच सकता है और वीर्य के कारण कई बार मूत्र नली भी बंद हो जाती है।
गलत तरीकों से बचें-


कुछ पुरुष अधिक उत्तेजना में भर जाने से लिंग को पलंग पर तथा तकिये पर रगड़ने लगते हैं। कई बार तो पुरुष किसी वस्तु को लेकर छेद बना लेते हैं या किसी खाली बोतल के अंदर लिंग को डालकर जोर-जोर से घर्षण करने लगते हैं। कुछ पुरुष तो जमीन के अंदर मिट्टी में गड्डा बनाकर घर्षण करने लगते हैं। इस तरह की क्रिया को कदापि नहीं करना चाहिए क्योंकि ऐसा करने से लिंग को हानि हो सकती है। कई बार सख्त चीज की रगड़ लगने से लिंग पर चोट भी लग जाती है या फिर सूजन भी आ जाती है या लिंग के आगे के भाग की त्वचा पीछे की तरफ खिंचकर फट भी सकती है। इसलिए हस्तमैथुन करने के ऐसे गलत तरीकों से बचना चाहिए।
हस्तमैथुन करने की आदत अधिकतर कुंवारे युवकों में ही देखी जाती है। उन युवकों को हस्तमैथुन करने की जरुरत नहीं होती है जो शादी हो जाने के बाद अपनी स्त्री के साथ संभोग क्रिया करते हैं। लेकिन कई बार कुछ युवक या पुरुष अपनी पत्नी के मायके चले जाने के बाद अपने आप हस्तमैथुन कर के अपनी कामेच्छा को पूर्ण रूप दे देते हैं। तथा कई बार पुरुष अपनी पत्नी के साथ संभोग करने से पूर्ण रूप से संतुष्ट नहीं हो पाते हैं इसलिए वह हस्तमैथुन करके अपने आपको संतुष्ट कर लेते हैं।
sanगति का असरः-
किसी भी व्यक्ति पर अच्छी बातों का असर बहुत ही देरी से होता है लेकिन बुरी आदतों का असर शीघ्र ही हो जाता है। किशोरावस्था के अंदर युवक का मन और भावनाएं बहुत ही नाजुक होती है। स्कूल जाते समय तथा सड़को पर चलने-फिरने वाली सुंदर और दिल को भाने वाली लड़कियों को देखकर उनके अंदर सेक्स करने की शक्ति जागने लगती है तथा उनके शरीर के अंदर धीरे-धीरे उत्तेजना आने लगती है। स्कूल-कालेजों के अंदर अपने से ज्यादा अनुभवी युवाओं की संगति में रहकर वह ज्यादा उत्तेजित पुस्तके, सेक्स और उस के बारे में बाते करना लगते हैं। इसके बाद सेक्स से जुड़ी हुई गलत आदतों का शिकार होकर हस्तमैथुन करने लग जाते हैं। बार-बार हस्तमैथुन करने से उसे कुछ देर के लिए आनंद मिल जाता है। हस्तमैथुन करने से एक स्वस्थ पुरुष भी अपने-आपको रोगी महसूस करने लगता है। जो पुरुष बुरे दोस्तों के साथ रहने के कारण हस्तमैथुन के रोगी बन जाते हैं उन्हें उन दोस्तों का साथ खुद ही छोड़ देना चाहिए।
पारिवारिक माहौल का असरः-
अगर घर का माहौल सही होता है तो बच्चे के अंदर भी अच्छी आदतें पैदा होती है। इसके अलावा अगर घर के सदस्य गंदी बातें करेंगे तो बच्चे भी गंदी आदतों का शिकार हो जाएंगे।
जब कोई लड़का किशोरवस्था में पहुंचता है तो उस के मन में सेक्स के बारे में जानने की इच्छा जागृत होती है। वह अपने भाई-भाभी के सेक्स करने के तथा मां-बाप के चुम्बन करने पर बहुत ही बारिकी से ध्यान रखता है, अगर घर के लोग एंकात और शर्म के बारे में सोचे तो जवान होते बालक पर इस बात का कोई असर नहीं होता, इस तरह से उसके अंदर सेक्स करने की भावना जागृत नहीं होती। लेकिन घर के अंदर इस तरह के कार्य को करते हुए देखकर उसके मन में इस तरह की इच्छा पैदा हो जाती है और वह इस तनाव से मुक्ति पाने के लिए अपने हाथ को लिंग पर रख देता है। लिंग पर हाथ रखने के बाद उसको सहलाने से उसको बहुत अधिक मजा आने लगता है, जिसके वाद वह वीर्य को बाहर निकाल देता है।
   घर के अंदर इस तरह के वातावरण से जवान होते लड़कों पर बहुत ही गलत असर पड़ता है। कई बार तो लड़के रात के समय छुप-छुपकर अपने भाई-भाभी तथा मां-बाप को सेक्स क्रिया करते हुए देख लेते हैं। इस तरह से देखने के बाद उन के मन में भी इस तरह के कार्य करने का मन करता है, लेकिन कोई साधन न होने की वजह से वे हस्तमैथुन करने के लिए मजबूर हो जाते हैं। इस तरह से एक बार आनंद आने के बाद वे बार-बार हस्तमैथुन करके अपने आपको तसल्ली दे देते हैं
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लिंग की खुजलीः-लिंग की सफाई न करने की वजह से इसके आगे वाले भाग के नीचे काफी मात्रा में गंदा मैल जमा हो जाता है जिसकी वजह से उस स्थान पर बहुत खुजली होने लगती है। लिंग पर खुजली होने की वजह से लिंग के अंदर तनाव पैदा हो जाता है, जिसके कारण लिंग को सहलाने और खुजलाने की वजह से एक अजीब सा आनंद महसूस होता है। लिंग पर बार-बार हाथ लगने की वजह से लिंग सख्त हो जाता है और इसके अंदर तनाव आ जाता है। तब युवक थोड़े समय के आनंद के लिए अपने वीर्य को हस्तमैथुन करके बाहर निकाल देता है। थोड़े समय के आनंद के लिए वह बार-बार इस क्रिया को करता रहता है। इस तरह से करते रहने से उसकी यह आदत हस्तमैथुन का रूप धारण कर लेती है।

किसी अन्य तरह की हलचल होने के कारणः- कई बार लिंग में किसी अन्य रोग के हो जाने की वजह से लिंग के अंदर एक हलचल सी होने लगती है, जिसके कारण किशोर अपने लिंग को हाथ के द्वारा रगड़ने लग जाता है। इस तरह की क्रिया करने से लिंग के अंदर सख्तपन और अधिक तनाव आ जाता है। इस प्रकार करते रहने से हस्तमैथुन की आदत पड़ जाती है।
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गंदी किताबें और फिल्मों के देखने की वजह सेः-किशोरावस्था के अंदर गंदी किताबों और अश्लील पिक्चरों को देखने से भी युवक को हस्तमैथुन की आदत पड़ जाती है। इस तरह की किताबों और फिल्मों को देखकर जब युवक के शरीर के अंदर सेक्स करने की इच्छा जगने लगती है तो उसे समान रूप से संभोग के द्वारा इसको समाप्त कर देना इतना आसान नहीं होता है। इसके विपरीत शरीर के अंदर तेज होती वासना को समाप्त करने के लिए हस्तमैथुन का सहारा लिया जाता है। इस प्रकार यह कार्य करने से यह एक आदत सी बन 
जाती है और युवक इस कार्य को बार-बार करने के लिए मजबूर हो जाता है।_

मूत्र को रोकने के कारणः- कई बार पुरुष जब मूत्र (पेशाब) को रोकता है तो वह हाथ को दबाकर तेजी से लिंग पर रख देता है, जिसके दबाव देने के कारण शरीर के अंदर एक अजीब सी उत्तेजना पैदा होती है। जिसका सीधा सम्पर्क मस्तिष्क से होता है। कई बार युवक का हाथ अनजाने में ही लिंग पर चला जाता है जिसके उसके अंदर उत्तेजना जागृत हो जाती है, उसे यह बहुत ही अच्छा लगता है। इस तरह से करने के बाद वह अपने लिंग को हाथ में लेकर आराम-आराम से सहलाने लगता है और वीर्य के निकलने तक वह इस क्रिया को करने के लिए अति उत्सुक रहता 
है।_____________


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