Grab the widget  Get Widgets

h ado

yl

ity

सोमवार, 26 नवंबर 2012

शीघ्रपतन से बचाव क महत्वपूर्ण टिप्स

KAHANI SELEKT KAR KE PADE SAAF NAJAR AAYEGI



१. सम्भोग ( योनि में लिंग प्रवेश करने से पहले ) जम कर पूर्व क्रीडा (fore
play) करें. रति क्रीडा और सम्भोग में ६०:४० का अनुपात रखें.
२. जब स्त्री सम्भोग को तैयार हो जाए , तो लिंग को योनि में प्रवेश करें और
एक ५ सेकंड तक रुक जाएँ. तब धीरे धीरे योनि में लिंग को चलायें जिस से योनि
सहज हो जाए.
३. स्त्री को अपने ऊपर सवार कर योनि में लिंग डलवा ले और उस से धक्के लगाने
को कहें . बीच बीच में उस के स्तन चूमते रहे और दबाते रहे. इस अवस्था में
स्त्री जल्दी ही स्खलित हो जायेगी.
४. स्त्री के स्खलित होने के बाद स्त्री को नीचे लेटा कर योनि में लिंग
चलायें और अपना वीर्यपात कर लें .

कुछ अन्य टिप्स :
* जब सम्भोग करना हो तभी सम्भोग के बारे में सोचे.
* कई दिन बाद सम्भोग कर रहें हों तो ३-४ घंटे पहले एक मुठ मार लें.
* सम्भोग हमेशा तसल्ली से करें. जल्दी, थके हुए होने पर या पूरी निजता न हो न
पर न करें.
ये बहुत सही बात है की शीघ्रपतन एक शारीरिक समस्या नहीं बल्कि एक मानसिक
समस्या है. परन्तु एक बात हमें नहीं भूलनी चाहिए की मानसिक स्वास्थय tabhi
बेहतर होगा जब हमारा शरीर स्वस्थ होगा. इस समुदाय में बहुत कुछ सम्बोघ,
श्रीघपतनतन इत्यादि लिखा जा चुका है जिससे मै भी सहमत हूँ. इस सार में मै कुछ
भोजन और व्यायाम से जुडी बातो को रखना चाहूँगा. यदि पसंद आये तो जरूर बताइए -

[१] रात को १०-११ बजे के बीच सोने से शरीर में "ग्रोव्थ हॉर्मोन" का बहाव एक
ऐसे बिंदु पर पहुँच जाता है जब आपका शरीर आपके खाए हुए भोजन से प्राप्त पोषण
को शरीर और मस्तिष्क के विकास के लिए लगान शुरू कर देता है. सुनिश्चित करे की
आप देर रात तक जागे नहीं क्योंकि रात सोने के लिए बनी है. आप अगर समय पर सो
जाते है तो आपका शरीर और आपका मस्तिष्क दोनों को आराम मिलेगा और सुबह आप अपने
आप को ताजगी से परिपूर्ण पाएंगे.

[२] सुबह सुबह जागने पे कोई नशा न करे. याद रखे सुबह कोई भी नशा करने से उस
दिन और नशा करने की इच्क्षा बढ़ जाती है (यह एक वैज्ञानिक सत्य है). किसी भी
प्रकार का नशा चाहे वो सिगेरेत्ते, तम्बाकू, शराब का हो, वह नसों को शिथिल कर
देता है. यहाँ पर यह भी बताना जरूरी hai की नसों की क्रयाप्रदाली में कोई
बाधा आये तो लिंग के तनाव में कमी आ सकती है क्योंकि लिंग तभी तनाव में आता
है जब खून का बहाव पूरी तरह से हो. अब जबकि कोई नशा करेगा तो वह नशीला रसायन
मस्तिष्क में उपस्थित एक "डोपामिन" नामक प्रापक को उत्तेजित karega की वह
मस्तिष्क को सन्देश भेजे की "अद्रेनेलिने" नामक हॉर्मोन जो ख़ुशी और शिथिलता
का हॉर्मोन है वो शरीर में बहाए ताकि उस व्यक्ति को ख़ुशी का अनुभव हो. इस
ख़ुशी के लिए आप अपना और अपनी पत्नी की खुशियों की तिलांजलि क्यों देना चाहते
है. कोई नशा न करे चाहे सुबह हो या शाम.

[३] अब बात करे आहार की. आज सभी अच्छे कपडे पहनना, बड़ी गाडी में घूमना, बड़ा
घर, नया मोबाइल जेब में रखना चाहते है. जाहिर सी बात है इसके लिए बहुत पैसा
chahiye होगा. पैसे के लिया सभी आज कल "चूहा दौड़" लगा रहे है. पैसा बहुत
जरूरी लेकिन उस पैसे का क्या मतलब जो चैन से और पौष्टिक आहार भी काने का समय
एवं अवसर न दे पाए. याद रखे संतुलित भोजन बिना आप सम्बोघ का आनंद नहीं ले
पाएंगे. क्योंकि भोजन ही आपकी रस,मज्जा,धातु की पुष्टि करता है.

[४] सुबह का नाश्ता जिसे हम ब्रेकfast भी कहते है, वह पोषक तत्वों से
परिपूर्ण होना चाहिए. यदि मान लिया जाये की हम रात को १० बजे सो जाते है और
सुबह ८-९ बजे भोजन करते है, तब सोचिये १०-११ गनते का फासला होता है २ भोजन के
बीच में. अब यदि पोषक तत्वों से परिपूर्ण भोजन ना किया जाये तो शरीर गठन और
मन pathn laayak कैसे रहेगा. इसीलिए सुबह का भोजन पोषक तत्वों से परिपूर्ण
होना ही चाहिए. सुबह के भोजन में - oatmeal, दूध, दही, फल, साबुत अनाज, रोटी,
सब्जी (कम तेल में) इत्यादि लिया जा सकता है. हा एक बात और जब आप सो कर उठे
तब १-२ गिलास पानी पी ले. पानी पीने से शौच खुल कर होता है. यदि पेट साफ़ और
खली है तो मर और मस्तिष्क भी प्रस्सन रहेंगे.

[५] दोपरह के भोजन में aap दही, दाल, सलाद, सूप, चावल, सब्जी, mattha आदि का
सेवन कर सकते है. ये पाचन तंत्र को सुव्यवस्थित रखेगा. याद रखे पानी कभी भी
खाने के बीच में नहीं पीना चाहिए. पानी भोजन ख़तम करने के १५-२० mint बाद ही
पीना चाहिए. इन में कम से कम १२-१५ गिलास पानी जरूर पीना चाहिए.इससे शरीर का
तापमान और पाचन दुरुष्ट रहता है.

[६] शाम को एक फल या सूप लिया जा सकता है.

[७] रात्री के भोजन में कुछ हल्का ही कहिये जैसे रोटी, सब्जी, दाल इत्द्यादी.
अक्सर होता ये है लोग रात को खूब थूश-थूश का का लेते है और सुबह हल्का खा
लेते है. जैसा की सूत्र ४ में बताया गया है की सुबह का भोजन संतुलित और पोषक
तत्वों से परिपूर्ण होना चाहिए. इसके विपरीत रात्रि का भोजन हल्का होना चाहिए
क्योंकि रात्रि में आप भोजन के बाद सोने चले जायेंगे और थूश-थूश कर खाने की
वजह से वह भोजन ka एक बड़ा भाग चर्बी बन जायेगा जो की एक अच्छी baat नहीं होगी.

आगले अंक में जो की श्रीघ ही प्रकाशित किया जायेगा और जानकारिया दी जानेंगी
जैसे -

[१] सेक्स के लिए उत्तम भोजन
[२] शीघ्रपतन को दीर्घपतन में बदलने का तरीका.
[३] उत्तम सेक्स हेतु शरीरिक व्यायाम.
You mi

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

Related Posts Plugin for WordPress, Blogger...

AddThis Smart Layers

ch 1

c

ch b