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गुरुवार, 18 अक्तूबर 2012

बहन को ही चोद डाला



मेरा नाम सुभाष है. ये कहानी आज से चार साल पहले की है जब मेरी बहन सुमन 15 साल की थी। उस वक्त मैं भी सिर्फ 18 साल का था. मेरा लंड बुरी तरह से खड़ा हो जाता था पर मेरे पास मुठ मारने के अलावा कोई चारा नहीं था. कई दिन मैं मुठ मार मार कर परेशान हो चुका था. अब मुझ एक गरम चूत चाहिए थी चोदने के लिए मगर मेरी कोई गर्ल फ्रेंड नहीं थी. बहुत कोशिश की पर कहीं से कुछ जुगाड़ नहीं हुआ. फिर मैं इन्टरनेट पर सेक्स की साईट देखने लगा. एक बार मैंने बहन और भाई के सेक्स की कहानियाँ पढ़ीं. मेरा झुकाव मेरी बहन के तरफ होने लगा. अब मैं अपनी बहन को गंदी नज़र से देखने लगा. मेरी बहन सुमन बहुत गोरी और सुन्दर है. उसके बदन को देख कर कोई भी उसे चोदना चाहेगा. वो कमसिन और मासूम थी अभी अभी उसने ब्रा पहनना शुरू किया था. वो उम्र में बहुत छोटी थी. अब उसे देखते ही मेरा लौड़ा खड़ा हो जाता. मेरी बहन मुझे बहुत प्यार करती थे, पर सिर्फ बड़े भाई की तरह. उधर मैं सोचता रहता था कि कैसे सुमन को चोदुं. रात दिन मैं सुमन को चोदने के सपने देखने लगा. मेरा लंड उसे देखते ही खड़ा हो जाता. 

एक दिन मेरे मम्मी पापा को सात दिन के लिए किसी रिश्तेदार के यहाँ शादी में जाना पड़ा. हम दोनों है बहन पढ़ाई की वजह से नहीं जा पाए. मैंने सोचा कि अब इससे अच्छा मौका नहीं मिलगा सुमन को चोदने का. जब हम दोनों घर पर अकेले थे, मैं अपनी प्यारी बहन सुमन के पास गया और पूछा, क्या कर रही है? सुमन बोली, भय्या मैं पढ़ाई कर रही हूँ. मैंने कहा, आज रात तुम मेरे पास सो जाना. उसने कहा ओके भय्या. आज मझे भी अकेले डर सा लग रहा है. 

फिर मैं उस से बातें करने लगा. मैंने पूछा क्या तेरा कोई बॉय फ्रेंड है? समन बोली नहीं तो? आप क्यों पूछ रहे हो? मैंने कहा, अरे मैंने तो ऐसे ही पूछ लिया. आज मैंने टीवी पर देखा कि भाई और बहन को दोस्तों की तरह रहना चाहिए. हम लोग भी आज से दोस्त बन कर रहेंगे. सुमन ने हामी भरी. हम लोग ऐसे ही इधर उधर की बातें करने लगे. मैंने कुछ ही देर में सुमन को फ्रेंक कर लिया और उस से दोस्तों की तरह व्यवहार करने लगा. मैंने सुमन को कुछ डबल मीनिंग वाले जोक्स सुनाये. सुमन हँसते हँसते दोहरी हो गयी. सुमन नें स्कर्ट और टॉप पहना हुआ था. मेरी नज़र बार बार उसके बूब्स पर चली आती और मेरा लंड खड़ा हो गया. मैं मजाक में सुमन को छेड़ने लगा और उसे गुदगुदी करने लगा. जान बूझकर मैं उसके बूब्स टच करने लगा. सुमन भी मुझे छेड़ने लगी. मेरा लंड पजामे में तना हुआ था और तम्बू बन गया था. सुमन की नजर मेरे पजामे पर गयी, वो मेरे तम्बू को देखकर बुरी तरह से झेंप गयी. जब जब मैं उसके प्यारे प्यारे स्तन देखता उसकी नजर शर्म से झुक जाती. मेरी हिम्मत बढ़ती गयी. अब मैं उसके सामने ही पजामे के उपर से अपने लंड को मसलने लगा और वासना भरी नज़र से उसे देखने लगा. मेरे नज़र साफ़ उसे कह रही थी कि हाय मेरी प्यारी बहना मैं तुझे आज चोदना चाहता हूँ. मेरी बहन मेरी नज़र का इशारा समझ गई. वो चुपचाप उठ कर दुसरे कमरे में चली गई और टीवी देखने लगी. 

मैं उसके पीछे पीछे गया और उसे सॉरी बोला. उसे धीरे से कहा, इट्स ओके. मैं बोला, क्या करूँ यार आजकल कंट्रोल नहीं होता. वो बोली, भय्या आपको अपनी बहन के सामने ऐसा नहीं करना चाहिए. मैं बोला, तू मेरी दोस्त भी तो है. अगर मैं अपनी बहन को दिल की बात नहीं बताऊंगा तो किसे बताऊंगा? सुमन खामोश रही. मैंने उससे पूछा, क्या तेरा मन नहीं करता? सुमन बोली, प्लीज़ भय्या ऐसी बातें मत करो. मैं हंसते हुए बोला, अच्छा बाबा, नहीं करूँगा. ऐसा कह कर मैंने सुमन के गाल पर एक पप्पी जड़ दी और तुरंत किचन में पानी पीने चला गया. सुमन सन्न रह गयी और कुछ बोल नहीं पायी. किचन में एक कोकरोच दिखाई दिया. अचानक मेरे दिमाग में एक आइडिया आया. मैंने कोकरोच पकड़ लिया और वापस आकर सुमन की स्कर्ट के पास छोड़ दिया. सुमन टीवी देख रही थी इसलिए उसे इस बात का पता ही नहीं चला. कोकरोच सुमन की स्कर्ट में घुस गया. मैं चिल्लाते हुए बोला, सुमन तेरी स्कर्ट में कोकरोच घुस गया है. सुमन फुर्ती से खड़ी हो गयी. उसने आव ना देखा ताव,
तुरंत अपनी स्कर्ट उतार दी. कोकरोच उसकी स्कर्ट से निकल कर सोफे के पीछे चला गया. सुमन एक पैंटी में मेरे सामने थर थर काँप रही थी. वो डर कर भय्या बचाओ चिल्लाते हुए मेरे से चिपट गयी. मेरा लंड बुरी तरह से खड़ा हो गया और उसकी पैंटी के उपर उसकी चूत से सट गया. मैंने सुमन को जोर से अपने साथ सीने से लगा लिया और प्यार से उसके गाल चुमते हुए बोला, डर मत यार, वो चला गया. कुछ देर बाद वो शांत हुयी और उसे ध्यान आया कि वो अपने भाई से इस तरह लिपटी हुई है. वो बुरी तरह से शर्मा गई. मुझसे अलग होकर उसने अपनी स्कर्ट उठाई और पहनने लगी. मैंने उसका हाथ पकड़ लिया और बोला, इसे रहने दे न यार, आज तो घर पर कोई नहीं है. समन नज़रें झुकाते हुए बोली, भय्या मुझे शर्म आती है. प्लीज़ पहनने दो. मैंने फिर उसे अपने सीने से लगा लिया और बोला, पगली मुझसे क्यों शर्माती है? मैं तो तेरा भाई हूँ. मत पहन इसे. वैसे भी आज बहुत गर्मी है. सुमन कुछ नहीं बोली. मैंने बड़े प्यार से उसके हाथ से स्कर्ट ले ली और दूर कोने में फेंक दी. मैंने भी अपनी टी शर्ट उतार दी.
सुमन मझे देख कर मुस्कुराते हुए बोली, भय्या आप लड़के लोगों का बढ़िया है, जब चाहा अपनी शर्ट उतार दी. मैंने कहा तो तुझे किसने रोका है? तू भी अपनी टॉप उतार दे. सुमन बोली, जी नहीं. मैं एक लड़की हूँ. मैं बोला, यहाँ कौन देख रहा है? सुमन ने कहा, आप जो हो. मैंने देखा कि आप कैसे मुझे घूर घूर कर देख रहे थे. मैंने शरारत से पूछा, कहाँ देख रहा था? सुमन ने अपनी छाती की और इशारा करते हुए कहा, यहाँ. अपनी सगी बहन के बूब्स देखते हुए आपको शर्म नहीं आती? मैंने सुमन को अपनी और खींच कर अपने सीने से चिपका लिया और उसके लिप्स पर किस करके बोला, तू है ही इतनी सेक्सी. कोई भी तुझे देख कर दीवाना हो जाये. हाय...एक बार दिखा दे यार.....मैं तेरे दूध देखना चाहता हूँ. मैंने हौले हौले से सुमन के बूब्स दबाने शुरू कर दिए और लिप्स पर किस करने लगा. सुमन भी गरम होने लगी. मेरा लंड उसकी चूत पर उसकी पैंटी के ऊपर से टकरा रहा था. अब मैं जोर जोर से उसके बूब्स दबाने लगा और उसकी टॉप उतारने की कोशिश करने लगा. सुमन मुझे रोकती रही. मैं बदहवास सा होकर बोला...उतार दे यार....प्लीज़..मैं तेरे हाथ जोड़ता हूँ.......बस एक बार...
सुमन हथियार डालते हुए बोली, ओके बाबा....उतार देती हूँ. जरा रुको तो? मुझे छोडो...उफ़....अभी इनको दबाना बंद करो...कैसे ज़ालिम भाई हो आप....कितनी जोर से दबाते हो...एक लड़की से प्यार करना तक नहीं आता..... 

बनावटी गुस्सा दिखाते हुए सुमन ने मुझे परे धकेला और अपना टॉप उतार दिया. सुमन ने वाईट कलर के ब्रा पहन रखी थी. उसके स्तन सेब के साइज़ के थे. उसका कमसिन गोरा बदन मुझसे दो कदम की दूरी पर था. मैं अपनी बहन को ब्रा और पैंटी में देख कर खुशी से पागल हो गया. मैं बोला चल अब नीचे के कपड़े भी उतार देते हैं. इतना कहते ही मैंने अपना पाजामा उतार दिया. मैंने नीचे से कुछ नहीं पहना हुआ था. मेरा फनफनाता हुआ लंड बाहर निकल आया. मैं अब अपनी बहन के सामने पूरा नंगा था. सुमन नें झेंपते हुए कहा, हाय भय्या कुछ पहन लो. आपका दिख रहा है. ये कह के शर्म से उसने मेरी तरफ पीठ कर ली. मैं अपनी प्यारी बहना की तरफ बढ़ा. मैंने उसे पीछे से जकड लिया और उसकी गर्दन पर किस करने लगा और ब्रा के ऊपर से उसके बूब्स दबाने लगा. मेरी बहन अब सिसकियाँ ले रही थी. मैंने उसकी पैंटी की इलास्टिक में हाथ डाला और एक ही झटके में नीचे करके उसकी पैंटी घुटनों तक उतार दी. सुमन घबरा कर नीचे झुकी और अपनी पैंटी दुबारा पहनने की कोशिश करने लगी.
झुकते ही उसकी गोरे गोरे गोल गोल चूतड़ मेरे लंड के सामने आ गए. मेरा लंड अपनी प्यारी बहन के चूतड़ों के बीच में था. मैंने अपना लंड उसकी दोनों टांगों के बीच में पीछे से घुसा दिया और उसे पैंटी नहीं पहनने दी. वो मिन्नतें करती रही पर मैंने उसकी एक ना मानी. मैं बार बार उसको ये कह कर मनाता रहा कि आज घर पर कोई नहीं है. कोई देखने वाला नहीं है. मैंने जिद करके उसकी पैंटी उतार दी और उसके प्यारे प्यारे चूतडों को सहलाने लगा. आह्ह....कितने मस्त थे उसके गोरे गोर चूतड़.....हाय........मेरी बहन अब सीत्कार कर रही थी...बारी बारी से मैं उसके बूब्स भी दबाता गया. अब आखिरी ब्रा रह गयी थी वो भी मैंने ज़बरदस्ती उतार दी. हालाँकि सुमन का अब ज्यादा विरोध नहीं था, पर ऊपर से वो नाटक जरूर कर रही थी. मैंने सुमन को अपने तरफ घुमाया. उसने शर्म से अपने एक हाथ से चूत को ढक लिया और दुसरे से दोनों स्तन. मैं बड़े मज़े से अपनी नंगी बहन को देखता रहा और बोला, हाय क्या मस्त जवानी है यार तेरी....तू तो बड़ों बड़ों के होश उड़ा देगी...हाय तेरे दूध कितने प्यारे हैं....अपनी चूत तो दिखा मेरी जान..
सुमन बोली, अब बस करो भय्या. मुझे कपड़े पहनने दो. मैं बोला, चल पहले नहा लेते हैं. वो बोली, ओके मैं पहले नहा कर आती हूँ. मैं बोला, नहीं, एक साथ नहाएंगे. ये कह के मैं और मेरी बहन दोनों बाथरूम में नंगे एक साथ नहाने लगे. हमने एक दुसरे के बदन पर साबुन लगाया. मैंने अपना लंड उसके हाथ देकर कहा इसे भी साबुन लगा. सुमन ने झिझकते हुए मेरा लंड पकड़ लिया और साबुन लगाने लगी. वो सीधे सीधे मेरा लंड भी नहीं देख रही थी. कनखियों से उसने मेरे लंड की तरफ देखा तो मैंने उसे देखते हुए पकड़ लिया. सुमन फिर से शर्मा गयी. मैंने भी साबुन लगाने के बहाने अपनी प्यारी बहना के बूब्स दबाने शुरू कर दिए पर उसने चूत को हाथ नहीं लगाने दिया. हम दोनों बहुत गरम हो चुके थे. शोवर में नहाने के बाद हम दोनों ने एक दुसरे के बदन पोंछे. अब तक सुमन नें अपनी चूत के दर्शन नहीं कराये थे. मैं जब भी झुक कर देखता वो अपना हाथ चूत के आगे रख देती थी. अभी तक उसकी शर्म बाकी थी. उसने तुरंत टोवेल से अपना शरीर ढक लिया. मैंने भी टोवेल कमर पर बाँधा हुआ था. अब हम दोनों भाई बहन बाथरूम से निकल कर बाहर आये. मैंने सुमन को कुछ पहनने नहीं दिया. टोवेल में रह कर हमने नाश्ता किया और उसके बाद सुमन सोने चली गयी. मैं भी उसके पीछे बेडरूम में घुस गया. 

सुमन बोली, अब क्या है? मैं मुस्कुराता हुआ बोला, प्लीज़ यार.....एक बार दिखा दे.....सुमन बोली, सब कुछ तो देख लिया, अभी क्या बाकी है? मैंने उसके टोवेल एक अंदर हाथ डाल कर उसकी चूत पकड़ ली और कहा, ये देखनी बाकी है. प्लीज़ दिखा दे यार..मेरा हाथ बाहर निकालते हुए सुमन बोली, नहीं भय्या, ये गलत है. हम भाई बहन हैं. जो अब तक हुआ वो भी गलत था. अब हमें और कुछ नहीं करना चाहिए. मैं बोला, तो क्या किसी और से करवाएगी? सुमन हँसते हुए बोली, नहीं, सिर्फ अपने पति से. मैंने पूछा, तो क्या शादी तक ऐसे ही तरसती रहेगी और मुझे भी तरसाती रहेगी? सुमन हंस कर बोली, आपको नहीं तरसना पड़ेगा. मैं अपनी सहेली से आपका सेक्स करवा दूंगी. अभी मुझे बक्श दो प्लीज़. मैंने एक झटके से उसका टोवेल खींच लिया और अपना टोवल भी निकाल कर बोला, नहीं मेरी जान. मैं तो तेरे साथ सेक्स करना चाहता हूँ. जब घर में इतनी सेक्सी लड़की नंगी मेरे सामने हो तो बाहर जाने की क्या जरुरत है? हाय मेरी जान, तुझे तो मुझे बहुत पहले चोद लेना चाहिए था.
मैं सुमन की और बढ़ा. सुमन घबरा कर भागने लगी और मैं भी उसके पीछे नंगा दौड़ पड़ा. मेरी नंगी बहना मेरे आगे आगे दौड़ रहे थी और मैं पीछे से उसके गोल गोल चूतड़ ऊपर नीचे होते हुए देख रहा था. वो हँसते हुए चिल्ला रही थी कोई इस बहनचोद से मुझे बचाओ. मेरी इज्ज़त लुटने वाली है, कोई मेरी हेल्प करो....हाय.....बचाओ........वो नाटक कर रही थी ये साफ़ जाहिर था. काफी देर तक दौड़ने के बाद सुमन थक कर बेड पर बैठ गयी और उसने एक चादर से अपना शरीर ढक लिया. मैंने उसे बाहों में जकड लिया और बेतहाशा चूमने लगा. सुमन न न करती रही पर मुझ पर वासना का भूत सवार था. और वासना ने नशे में मैं अपनी बहन को ही चोदना चाहता था. मैंने चादर उसके बदन से अलग कर दी और उसके दूध दबाने लगा. पहली बार मैंने अपने होंठ उसके बूब्स पर छुए. सुमन सिस्कार उठी. मैं उसके बूब्स चूसने लगा. सच में बड़ा मज़ा आने लगा. मैं उसके ऊपर चढ़ गया और उसके हर अंग को चूमने लगा....सर से पैर तक. उसने टांगें सिकोड़ रखी थीं. मैंने उसकी टांगों को खोल दिया. सुमन शर्म से लाल हुई जा रही थी. अब पहली बार मैंने अपनी बहन की चूत को देखा. अह्ह्ह...वो गुलाबी रंग की छोटी सी चूत...उस पर हल्के हल्के रोयें.....मेरे मुहं में पानी आ गया. मैंने उसकी चूत की दोनों फांकें अलग कर दीं.....सुमन की सांसें तेज चलने लगीं.....वो आँखें बंद कर के चुप चाप लेटी हुई थी.....बीच बीच में उफ़......आह.....ओह....जैसी आवाजें निकाल रही थी. मैंने बड़े प्यार से अपनी बहन की चूत को चूमा.
फिर अपनी जीभ अंदर घुसेड दी और मज़े से उसकी नमकीन और कुंवारी चूत चाटने लगा. सुमन का उतेजना से बुरा हाल हो गया. वो चूतड़ उठा उठा कर मेरा साथ देने लगी. उसने दोनों हाथों से मेरा सर पकड़ कर अपनी चूत पर दबा रहे थी. कुछ ही पलों में मेरी बहना झड़ गयी. मैंने चाट चाट के उसका नमकीन पानी पिया. मैं उसके टांगों के बीच से उठा और फिर से उससे लिपट गया. अब सुमन मुझे जोर जोर से लिप्स पर किस करने लगी. मैंने अपनी जीभ उसके मुहं में डाल दी. और उसके बूब्स दबाने लगा. मैंने पुछा, कैसा लगा? सुमन बोली, हाय भय्या, मज़ा आ गया..आप बहुत अच्छा चूसते हो.. मैंने सुमन को बेड पर बिठाया और साइड में खड़ा होकर अपना तन्नाया हुआ लंड उसके हाथ में दे दिया.
सुमन बड़े प्यार से उसे हिलाने लगी. मेरे लंड की बुरी हालत हो रही थी. अब मैंने बड़े प्यार से अपना लंड उसके मुहं में दे दिया. सुमन मेरा लंड चूसने लगी. मैं अपनी ज़िदगी में पहली बार लंड चुसवा रहा था वो भी अपनी सगी बहन से....वाह ...क्या...मज़ा आया.....मेरा एक हाथ उसके बूब्स को मसल रहा था. दुसरे हाथ से मैंने अपनी बहना के बालों को पकड़ रखा था और जोर जोर से उससे अपना लंड चुसवा रहा था. मेरा सुपाड़ा उसके मुहं में अंदर बाहर हो रहा था. मैं बोल रहा था, हाय चूस ले मेरी बहन....पूरा चूस...जोर से..और अंदर ले...अहह...ओह्ह...क्या मस्त चूसती है तू.....अपने भाई का लंड चूस...उत्तेजना से हम दोनों का बुरा हाल था. मेरा मुहं लाल हो गया था. कुछ ही देर में मैं झड़ गया. मेरा पूरा रस सुमन पी गयी. कुछ उसके लाल लाल होंठों से निकल कर मुहं से होते हुए गर्दन तक बह गया. मैंने अपना लंड उसके चेहरे पर फेरते हुए अपने वीर्य से सुमन का फेशियल कर दिया.
अब मैं उसके लाल लाल होंटों को किस करने लगा और साथ ही साथ उसके बूब्स दबाने लगा. पहली बार मैंने अपने वीर्य का भी टेस्ट किया. सुमन मेरा लंड पकड़ कर हिलाने लगी. थोड़ी देर बाद मेरा लंड फिर से खड़ा हो गया. सुमन उछल रही थी और बडबडा रही थी, भय्या कुछ करो वरना मैं मर जायंगी....जल्दी करो...मैं उसकी बात ना सुन कर बूब्स चूसता रहा. सुमन से रहा नहीं गया. उसने मेरा लंड पकड़ लिया और अपनी चूत पर रगड़ने लगी और बोलने लगी...हाय भय्या...डाल दो...इसे...प्लीज़....उफ़. सुमन नीचे से अपने चूतड़ उछलने लगी. मैंने एक धक्का लगाया और देखते ही देखते मेरा आधा लंड बहन की चूत में समा गया. सुमन के मुहं से घुटी घुटी चीखें निकलने लगीं
. सुमन की चूत बहुत टाईट थी. उसे बहुत दर्द हो रहा था. बेचारी के आंसू निकल आये. पर मैं रुका नहीं. मैं दना दन अपनी प्यारी बहना की कमसिन चूत में अपना लंड अंदर बाहर करने लगा. कुछ देर में सुमन का दर्द कम हो गया और वो भी मेरा साथ देने लगी. अब तक मेरा पूरा लंड उसकी चूत में जा चुका था और उसकी चूत बहुत सारा पानी छोड़ रही थी. सुमन बोली, आईई....सस...सी.....मम्मी.....आह....ओह....उफ्फ्फ........मर गयी.....हाय...मज़ा आ गया मेरे प्यारे भय्या.......बस भय्या अब छोड़ दो.....निकाल लो इसको.... पर मेरा माल अभी निकला नहीं था. मैं लगातार बेदर्दी से उसे चोदता रहा. फिर थोड़ी देर में मैं झड़ गया. मेरा वीर्य निकल कर उसी चूत में लबालब भर गया. मैं हाँफते हुए अपनी बहन के ऊपर लेट गया. मैंने देखा कि बेडशीट खून से लाल हो गयी है. मैंने अपनी बहन का कौमार्य भंग कर दिया था. वो अब लड़की से औरत बन चुकी थी. मेर लंड अभी तक उसकी चूत में था
मैं सुमन को लिप्स पर किस करने लगा और फिर से बूब्स दबाने लगा. सुमन जोर जोर से सिसकियाँ ले रही थी. सुमन गिडगिडाने लगी, भय्या...मेरी जान निकल जायेगी, प्लीज़ छोड़ दो. मेरा लंड एक बार फिर खड़ा हो गया था पर मैंने उसकी हालत देखते हुए उसे छोड़ दिया. वो बाथरूम तक बड़ी मुश्किल से लड़खड़ाते हुए गयी. मैंने उसे सहारा दिया और उसे नहलाया. मैं भी एक बार नहा लिया. मैंने एक बार और अपनी बहना को चोदने की कोशिश की तो उसने मना कर दिया और प्यार से बोली, भय्या, कल कर लेना. अभी बहुत दुःख रहा है. मैं मान गया.
अगले सात दिनों तक हमने जमकर चुदाई का मज़ा लिया

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