Grab the widget  Get Widgets

h ado

yl

ity

गुरुवार, 11 अक्तूबर 2012

भाई से चुदाई(रिश्ते की गहराई)

भाई बहिन का रिश्ता इस दुनिया में सबसे अधिक खूबसूरत और प्यारा होता है| बचपन में साथ-साथ खेलना, साथ-साथ भोजन करना| हर काम साथ होता है| फिर साथ ही बड़े होते हैं| प्यार की कोई सीमायें नहीं होती हैं| फिर लोगो ने इसे अपने हिसाब से न जाने क्यों बदल दिया है| भाई बहिन को एक दुसरे के लिए समर्पित रहना तो सिखाते हैं लेकिन सिर्फ मानसिक रूप से| ये बंधन क्यूँ? 
मेरे दो भाई हैं| दोनों ही मुझसे बड़े हैं| दो बहनों की शादी हो चुकी है और मै सबसे छोटी हूँ| पापा नौकरी में हैं| मेरे भाई मुझे बहुत प्यारे हैं| मेरी उम्र 15 साल है| एक भाई 20 और दुसरे भाई की उम्र 23 है| मेरे शारीरिक सम्बन्ध दोनों ही भाईयो से हैं|     
मै अपनी चुदाई की सभी घटनाएँ आप सभी से शेयर करना चाहती हूँ| सबसे पहले मै अपनी पहली चुदाई से शुरू करुँगी| तो अब शुरू करते हैं मेरी पहली चुदाई........
मै जब भी अकेले में आँखे बंद करके लेटती हूँ वो पहली चुदाई मुझे सबसे ज्यादा याद आती है| मेरे दिल के बहुत करीब है वो चुदाई| उस समय मै १२ साल की थी|बड़े भैय्या मुझसे १० साल बड़े हैं, लेकिन वो मेरे सबसे अछे दोस्त थे| आज भी वो मेरे सबसे अछे दोस्त हैं और शायद दोस्त या भाई से भी कही ज्यादा हैं| मै १२ साल की उम्र में भी बहुत बड़ी दिखती थी| मेरे दूध ज्यादा बड़े नहीं थे, लेकिन मेरे चूतड बहुत मस्त थे| सच कहूँ तो मुझे सबसे ज्यादा पसंद तो अपने ही चूतड हैं| मै उस समय पापा के साथ ही रहती थी| भैय्या बहार रहते| उनके कोलिज की छुट्टियां हुयीं थी तो वो भी हमारे पास ही आये थे| एक दिन अचानक पापा और मम्मी ने गाँव जाने का मन बना लिया| भैय्या हम मेरे साथ ही रुकने वाले थे| इसलिए पापा मम्मी बिना किसी चिंता के गाँव चले गए| शाम को शर्दियों का समय था| मैंने और भैय्या ने जल्दी ही खाना खा लिया और सोने के लिए अपने कमरे में आगये| मै और भैय्या एक कमरे में सोये थे| उस समय दिमाग में कुछ ऐसा नहीं था भैय्या से चुदना है| मुझे मम्मी के साथ सोने की आदत है| सोते वक़्त मै उन्हें पकड़ के ही सोती हूँ| उस दिन भैय्या मेरे साथ सो रहे थे| शायद मैंने नींद में उन्हें पकड़ लिया था| 
मेरी नींद हलकी सी खुली तो मैंने देखा की मेरा हाँथ भैय्या की कमर पे था|ठण्ड बहुत थी तो मै ऐसे ही सो गयी| मुझे अच्छा लग रहा था| मुझे कुछ होने सा लगा था लेकिन पता नहीं चल रहा था की क्या हो रहा है| भैय्या ने भी मुझे कास कर पकड़ लिया| पहले तो मुझे लगा की भैय्या नींद में हैं, इसीलिए मैंने कोई हरकत नहीं की| फिर भैय्या ने मेरी पीठ को हलके से सहलाना शुरू कर दिया| मै बड़ी सोच में पड़ गयी की क्या करूँ? भैय्या ने मेरी टॉप को ऊपर खिसका दिया और मेरी नंगी पीठ को सहलाने लगे| मुझे नाश सा चढ़ने लगा| मैंने भैय्या को कास कर पकड़ लिया| उनसे चिपक गयी| मै भैय्या से हर तरह की बातें करती थी| इसलिए मुझे तुरंत ही ऐसा करने में कोई शर्म नहीं आई और न ही डर लगा| भैय्या ने जोश में आकर मेरी टॉप को लगभग उतार ही दिया| वो मेरे छोटे छोटे दूध मसल रहे थे, उन्हें चूस रहे थे| मै पूरी तरह गरम हो गयी थी| मैंने अपनी टॉप खुद ही उतर दी| अब भैय्या भी भी अपने कपडे उतर कर मुझसे चपक गए|उस वक़्त तो ऐसा लगा जैसे मै किसी दूसरी ही दुनिया में पहुँच गयी हूँ| मुझे इतना अच्छा तो कभी महसूस ही नहीं हुआ था| मै पूरी तरह से भैय्या को समर्पित थी| भैय्या मुझे बड़े ही प्यार से गरम किये जा रहे थे| उन्होंने दूध चूसना छोड़ कर मेरे लोअर को सरका दिया और मुझे पूरी तरह नंगी कर दिया और मेरे ऊपर आगये| 


मै उन्हें किस किये जा रही थी तभी उन्हें अपना हाँथ मेरी चूत पे रख दिया| मै पूरी कांप गयी| मैंने पहली बार भैय्या को मना किया| 

मैंने भैय्या से कहा "भैय्या मुझे ये पसंद नहीं"
भैय्या बोले "मै कुछ नहीं कर रहा हूँ"
मैंने कहा "ये ठीक नहीं है"
तब भैय्या बोले "अब क्या सही और क्या गलत" 
तुम बस लेती रहो| तो मै चुप पड़ गयी| असली बात तो ये थी की मुझे भी ये सब करना था, बस थोडा सा नाटक तो करना ही पड़ता है| भैय्या ने मेरी छूट में उंगली डालना शुरू कर दिया| मै जोर जोर से साँसे लेने लगी| मरी चूत आज तक नहीं चूड़ी थी और बहुत छोटी भी थी| भैय्या को बड़ी मुश्किल हो रही थी| लेकिन वो नहीं माने और लगे रहे| उंगली से चुदने पर भी मुझे दर्द हो रहा था| लेकिन बहुत मजा भी आरहा था| 

भैय्या लंड पूरी तरह तन कर खड़ा था| मेरी चूत की चुदाई के लिए| अब मुझसे नहीं रहा जा रहा था| तभी भैय्या ने अपना लंड मेरी गीली चूत पर कर एक झटका दिया और लंड का तो मुझे नहीं पता लेकिन मुझे बहुत भयानक दर्द हुआ| मै चीखी नहीं| लेकिन भैय्या ने मेरा चेहरा देख कर समझ लिया था| वो थोड़ी देर रुके और मुझे सहलाते रहे| मेरा दर्द कुछ कम हुआ तो मैंने एक बार हल्का सा ऊपर निचे किया तो भैय्या को पता चल गया की अब क्या करना है और भैय्या ने दुसरे ही झटके में अपना पूरा लंड मेरी छोटी सी चूत में पेल दिया| मै ऐसे छटपटा रही थी जैसे जल बिन मछली| लेकिन भैय्या ने चोदना शुरू रखा| थोड़ी देर बाद मुझे इतना अच्छा लगने लगा की मै भूल ही कभी दर्द भी हुआ था| भैय्या मुझे बड़े ही प्यार से छोड़ रहे थे| तीस मिनट की चुदाई के बाद मै और भैय्या दोनों ही झड गए| भैय्या ने अपना पानी मेरी चूत में नहीं निकाला था| हम दोनों फिर ऐसे ही सो गए| रात में नंगे ही सोने की वजह से हमने तीन चार बार चुदाई की रात में| पापा मम्मी के आने तक हम लोग दिन रात घर में नंगे ही घूमते थे और जहां जब मन किया चुदाई शुरू हो जाती थी| दोस्तों मै और भैय्या आज भी चुदाई करते हैं| मुझे बड़ा सुकून मिलता है भैय्या से चुदने के बाद| मुझे अब किसी और से चुदने की ज़रुरत ही नहीं| मै सभी लड़कियों को ये सलाह देना चाहूंगी की "दोस्तों अगर तुम्हारे भाई हैं तो उहने पटा लो और जम कर चुदो" जीवन में कभी किसी भी तरह का धोखा नहीं मिलेगा| कोई तुम्हे ब्लैकमेल नहीं कर पायेगा| किसी तरह की कोई बदनामी नहीं होगी| और जहां तक मै जानती हूँ तो चुदने की चाहत तो होती ही है| और भाईयों का ख़याल भी आ ही जाता है मन में| तो बस चुदो, आज ही.....

1 टिप्पणी:

Related Posts Plugin for WordPress, Blogger...

AddThis Smart Layers

ch 1

c

ch b