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शनिवार, 6 अक्तूबर 2012

सेक्सी तीचर



बात उस वक़्त की है जब मैं १२ में था, मैं इंदौर में पढ़ता था। मैं एक हॉस्टल में रहता था। मेरा स्कूल और हॉस्टल दोनों साथ में एक ही कैम्पस में थे। मेरा स्कूल बड़ा था। उस में हम सब लोग साथ में रहते थे।
मेरी हिंदी की शिक्षका का नाम शेफाली है, वो काफी सेक्सी है। उसका एक २ साल का लड़का है। उनके बड़े-बड़े बूब्स क्या मस्त हैं। उनको जब भी देखता था मेरा लण्ड पैन्ट में से बाहर आने को करने लगता था।
अब मैं आपको अपनी कहानी पर ले जाता हूँ।
एक दिन मैं जल्दी से नहा कर जब शेफाली के कमरे पर गया तो मैं चौंक गया, मैंने वो देख लिया था जिसका मुझको काफी दिनों से इंतज़ार था। शेफाली गलती से कमरा लॉक करना भूल गई थी, उसको नहीं पता था कि मैं कमरे में आ गया हूँ। वो बिस्तर पर लेटी हुई थी, उसने सिर्फ ब्रा और पैंटी पहन रखी थी क्योंकि गर्मी काफी थी। उसको इस हाल में देखकर मेरे तो होश उड़ गए। मेरा लण्ड तन गया मैं कुछ करना चाहता था कि किसी ने शेफाली को आवाज़ लगी दी। मैं जल्दी से वहाँ से भाग गया।
जब वो क्लास में आई तब भी मैं वही सोच रहा था।
"वो कहते हैं न कि ऊपर वाले के यहाँ देर है, अंधेर नहीं !"
मुझको शेफाली ने उसी रात को उसके कमरे पर बुलाया क्योंकि वो अकेली थी।
मैंने कहा- ठीक है, मैं रात को डिनर के बाद आ जाता हूँ। 
जब मैं वह पहुँचा तो मैंने देखा कि शेफाली ने गुलाबी रंग का सेक्सी गाऊन वो भी ब्रा के बिना पहना हुआ था। मैं उसके पास गया, उसने कहा- तुम टीवी देखो ! मैं कुछ खाने के लिए लाती हूँ !
वो गई और चाय-बिस्कुट लेकर आई। उसके हाथ से चाय गिर गई और मेरा पायजामा गन्दा हो गया।
वो बोली- तुम पायजामा उतार दो, हम दोनों ही तो हैं।
वो गीले कपड़े से चाय को साफ़ करने लगी। उसने मुझको छुआ तो ही मेरा लिंग फिर से तन गया। मुझसे सहा नहीं जा रहा था, मैंने कहा- तुम रहने दो, पर वो नहीं मानी। 
उसने मेरे लिंग पर हाथ रख दिया और हिलाने लगी। मुझको भी मज़ा आने लगा।
मैंने कहा- यह क्या कर रही हो?
वो बोली- कुछ नहीं ! तुम बस देखते जाओ।
मैंने भी उसके गाऊन में हाथ डाल दिया और उसके बड़े बड़े बूब्स को दबाने लगा। कुछ ही पल में हम दोनों पूरी तरह से नंगे हो गए थे। मेरा लिंग तन कर ८" का हो गया था। उसकी चूत पर एक भी बाल नहीं था। अब मैं उसकी चूत को चाटने लगा वो मेरे लिंग को चूस रही थी। 
मैं स्खलित होने वाला था, मैंने अपना लिंग उसके मुँह में घुसा दिया। वो पूरा वीर्य पी गई। 
अब मैं फिर से उसके बूब्स से खेल रहा था और उसके होठों को चूसने लगा। मेरा लिंग फिर से तन गया था। अब मैंने उसकी चूत में अपना लिंग डाला तो वो चिल्लाने लगी,"आ आ आऽऽ मैं मर गई...........चोदो जल्दी से चोदो, आज मेरी चूत का भोसड़ा बना दो........."
अब मैं जल्दी से उसको चोदने लगा।
कुछ ही पल में हम दोनों स्खलित हो गए थे।
यह बात मैं कभी नहीं भूल सकता। उस दिन के बाद मुझको जब भी मौका मिलता मैं शैफाली को काफी चोदता था।

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