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सोमवार, 29 अक्तूबर 2012

मौसी के घर मस्ती




बात यह हुई कि एक साल पहले मेरी मौसी ने मुझे अपने गाँव बुलाया थावहाँमैं पंद्रह दिन रहा। इस दरमियाँ मैने उनकी बेटी माधवी को कस कर चोदा,मेरी यह पहली चुदाई थी। हम दोनों ने एक दूजे से वचन लिया था कि चुदाईका राज़ हम किसी से नहीं कहेंगे।
लेकिन माधवी ने अपना वचन तोड़ दिया। दो महीने बाद मेरी बहन रिया कोमौसी के घर जाना हुआमाधवी ने कुछ व्रत रखा था। उस वक़्त माधवी नेरिया से बता दिया कि कैसे हमने चुदाई की थी। जब रिया वापस आई तब ख़ुदचुदवाने के लिए बेताब हो चुकी थी।
अब मैं मूल कहानी पर आता हूँ एक साल पहले गर्मी की छुट्टियों के दौरानमौसी ने मुझे अपने गाँव बुला लिया। मैं वहाँ पहुँचा तब पता चला कि मौसाबिज़नेस के काम से मुंबई गये हुए थे और परीक्षा के कारण परेश दो सप्ताहबाद आने वाला था। माधवी की परिक्षाएँ ख़त्म हो गई थी इसलिए वो  गईथी। मैं थोड़ा नाराज़ हुआ लेकिन क्या कर सकता था ? माधवी और मौसी मुझेमिल कर बहुत ख़ुश हुए।
मेरे ये मौसा बिहारी लाल और मौसी भानुमति कई बरस पहले ईस्ट अफ़्रीकागये थेवहाँ उन्होंने बहुत पैसे कमाए। परेश और माधवी वहाँ जन्मे और बड़ेहुए।
तीन साल पहले मौसा को अचानक वापस भारत लौटना पड़ा। आते ही अपनेगाँव में चार मंजिला बड़ा मकान बनवाया। मुंबई में रहते उनके एक दोस्त केसाथ मिलकर उन्होंने काग़ज़ का होलसेल बिज़नेस खड़ा कर दिया।
इनके अलावा गाँव में मौसा का एक भतीजा था गंगाधर जिसे मैं जानता था।गंगाधर की पत्नी कैलाश भाभी को भी मैं पहचानता था। वो दोनो भी मुझसेमिल कर ख़ुश हुए।
पहले ही दिन शाम का खाना खाया ही था कि गंगाधर और कैलाश भाभी मुझसे मिलने आए। हम चारों दूसरी मंज़िल पर दीवानखाने में बैठ इधर उधर कीबातें करने लगे।
कैलाश : मन्मथ भैयाआप तो हमारे परेश भैया जैसे ही देवर हैंमुझे भाभीकहना।
मैं : ठीक है भाभी।
कैलाश : आप डाक्टरी पढ़ते हैं ना ? कितने ? पाँच साल में डाक्टर बन जाएँगे?
मैं :हाँबीच में फ़ेल ना हो जाऊँ तो !
कैलाश : मैं आपकी पहली मरीज़ बनूँगीमेरा इलाज करेंगे ना ?
मैं : क्यूं नहीं ? फ़ीस लगेगी लेकिन !
कैलाश : देवर होकर भाभी से फ़ीस लेंगे आप ? मैं तो आपसे फ़ीस मागूंगी !
मैं : ऐसी कौन सी बीमारी है जिसके इलाज में फ़ीस लेने के बजाय डाक्टरफ़ीस देता है ?
माधवी और गंगाधर मुस्कुराते रहे थे।
माधवी बोली : भाभीतेरा इलाज के वास्ते मन्मथ भैया को पूरा क्वालीफ़ाइडडाक्टर बनाने की ज़रूरत कहाँ है ? पूछ कर देखउनके पास इन्जेक्शन है ?
मैं : इन्जेक्शन देना मैं सीख गया हूँ ! दे सकूंगा !
माधवी और कैलाश दोनों खिलखिला कर हंस पड़ेगंगाधर बोले : मज़ाक कररही हैं ये दोनोंमन्मथइनकी बातों में मत आना !
मैं : कोई बात नहींमेरी भाभी जो बनी है ! हाँअब बताइए आपको क्यातकलीफ़ है?
कैलाश : साबखाना खाने के बाद भूख नहीं लगती और दिन भर नींद नहींआती।
माधवी लंबा मुँह किए बोली : हर रोज़ इन्जेक्शन लेती है फिर भीऔरइन्जेक्शन भी कैसा ? बड़ी लंबी मोटी सुई वाला ! लगाने में आधा घंटा लगताहै !
मेरे दिमाग़ में अब बत्ती चमकीमैने पूछा : सुई कैसी है ? नोकदार या ?
माधवी : गोल खुण्डी ! और दवाई ऐसे अंदर से नहीं निकलती ! सुईअंदर-बाहर करनी पड़ती है !
मैंने भी सीरीयस मुँह बना कर कहा : माधवीइन्जेक्शन देने वाला कोईलेनेवाली भाभीतुझे कैसे पता चला कि सुई कैसी हैकितनी लंबी हैकितनीमोटी है?
माधवी शरमा गईकुछ बोली नहीं।
कैलाश ने कहा : माधवी इन्जेक्शन ले चुकी है !
मैं : अच्छा ? किसने लगाया ?
सब चुप हो गये थोड़ी देर बाद कैलाश ने कहा : माधवी ख़ुद आपको बताएगी,जब उसका दिल करेगा तब !
मैं : मैं समझ सकता हूँ !
शरमाने की अब मेरी बारी थीमैं कुछ बोला नहीं।
कैलाश : हाय हायअभी आप कच्चे कंवारे हैं ! माधवीकौन स्वाद चखाएगीमन्मथ भैया कोमैं या तू ?
गंगा : तुम दोनो छोड़ो उसे ! उसे तय करने दो ना ! क्यूँ मन्मथ ? कैलाशतेईस साल की है और माधवी उन्नीस की ! कौन पसंद है तुझे ?
मैं : मुझे तो दोनों पसंद हैं !
गंगा : देखतेरे पास एक लंड है है ना ? वो एक समय एक चूत में जा सकताहै दो में नहीं ! तुझे तय करना होगा ! समझ गया ना ?
इस वक़्त माधवी उठ कर चली गई।
मैंने कहा : रुठ गई क्या ?
कैलाश : ना ना ! अपने बड़े भैया के मुँह से लंड-चूत ऐसा सुनना नहीं चाहती।
गंगा : अजीब लड़की है लंड ले सकती है लेकिन लंड की बातें सुन नहींसकती?
कैलाश : इसमें नई बात क्या है ? लंड लेती है चूतसुनता है कान ! यहज़रूरी नहीं है कि चूत को जो पसंद आए वो कान को भी पसंद आए !

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